कत्थक पर कई पुस्तकों की रचयिता हैं उर्मिला नागर

गुरु के रूप में ‘संगीत गंगा’ की संस्थापक व संचालक कत्थक नृत्यांगना श्रीमती उर्मिला नागर ने कहा कि मूलत: कत्थक जब जयपुर घराने के तहत मंदिरों से निकल कर म़ुगल शासक काल में राज दरबारों की शोभा बना तब वहां सलामी का समावेश भी हो गया। ‘संगीत गंगा’ की नवीन पौध वर्तमान में कला जगत में अपनी अलग पहचान रखती है, जिसे गुरु के रूप में उनका सानिन्ध्य प्राप्त है। उर्मिला नागर की कत्थक पर अनेक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं तथा उनकी झोली में देश-विदेश की धरती के ढेरों पुरस्कार व सम्मान हैं।

       -सतीश शर्मा