महाराजा रणजीत सिंह की याद में बनाया पनोरमा हुआ सरकारी अनदेखी का शिकार

अमृतसर, 14 मई (हरमिन्द्र सिंह): शेर-ए-पंजाब महाराजा रणजीत सिंह के जीवन पर आधारित उनकी यादगार राम बाग (कम्पनी बाग) में बनाया महाराजा रणजीत सिंह पनोरमा प्रशासनिक अनदेखी करके प्रसिद्धि का मुकाम हासिल करने में सफल नहीं हो सका।
पानीपत के पश्चात् यह दूसरा पनोरमा बनाया गया था, जिसका शिलान्यास 18 नवम्बर 2001 में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा रखा गया। लगभग साढ़े 4 एकड़ में बने इस पनोरमा पर उस समय साढ़े पांच करोड़ रुपए खर्च आए और इसको केन्द्रीय पर्यटन एवं सांस्कृतिक मंत्रालय के नैशनल कौंसिल ऑफ साईंस म्यूजियम्स द्वारा 4 वर्ष में तैयार किया गया। इसके पश्चात् यह पनोरमा एक वर्ष तक इसकी सपुरदारी करके बंद रहा। अन्तत: 20 जुलाई 2006 उस समय पंजाब के मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह थे, द्वारा किया गया। इस पनोरमा में दो छोटे डाइरोमा हाल एवं एक बड़ा मुख्य हाल है। इस डाइरोमा हाल नम्बर एक में महाराजा रणजीत सिंह से संबंधित चार विभिन्न ऐतिहासिक दृश्य पेश किए गए हैं। पहले स्थान पर महाराजा रणजीत की बाल अवस्था, उसके आगे उनके आनंद कारज, तोप जमजमा पर कब्ज़े एवं श्री हरिमंदिर साहिब पर सोना चढ़ाने की सेवा को दर्शाया गया है। तीसरे डायरोमा हाल में कोहेनूर की प्राप्ति, अपने सैनिकों के साथ दरिया को पार करते हुए महाराजा रणजीत सिंह, सेना का आधुनिकीकरण एवं रोपड़ संधि दिखाया गया है। इसके अतिरिक्त दूसरा डाइरोमा हाल जो सबसे बड़ा है जिसमें महाराजा रणजीत सिंह द्वारा लड़ी छह विभिन्न लड़ाईयों को बयान किया गया है। इस हाल में 6 टच स्क्रीन कम्प्यूटर लगाए हैं जो मोबाइल की तरह टच करने पर महाराजा रणजीत सिंह के जीवन बारे जानकारी देते हैं। इसके अतिरिक्त इसमें महाराजा रणजीत सिंह राज दरबार भी दिखाया गया।यह पनोरमा आम लोगों के लिए 12 वर्ष पहले खुला था परन्तु इसके प्रचार सम्बन्धी जो मुकाम इसको हासिल होना चाहिए था वह इसको नसीब नहीं हुआ। इस पनोरमा का सरकारी रूप से कोई ज्यादा प्रचार न होने के कारण गुरु नगरी में आने वाले ज्यादातर पर्यटकों को इस पनोरमा बारे कोई जानकारी ही नहीं है।इस सम्बन्ध में पनोरमा के सुपरवाईजर श्री रमन कुमार से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि पनोरमा देखने आने वाले प्रति व्यक्ति 10 रुपए बच्चे की 5 रुपए एवं स्कूल के बच्चों के ग्रुप में आने पर उनसे 2 रुपए प्रति बच्चे के हिसाब से टिकट वसूली जाती है। उन्होंने बताया कि पनोरमा में एक सुपरवाईजर सहित 14 कर्मचारी कार्य करते हैं जिनमें 4 सिक्योरिटी गार्ड, 2 सफाई सेवक, 5 माली, 2 अडैंडैंट कार्य करते हैं। उसने बताया कि पहले 4 अटैंडैंट जिनमें एक को मेयर के साथ लगा दिया गया है और  यह वेतन बनाने पर लगा दिया है।