येदियुरप्पा बने कर्नाटक के मुख्यमंत्री

बैंगलुरु, 17 मई (भाषा) : कर्नाटक विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी भाजपा के नेता बी.एस. येदियुरप्पा ने तीसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री पद की आज शपथ ली। हालांकि, उनके इस पद पर बने रहने को लेकर फिलहाल अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है। वहीं, जद (एस) और कांग्रेस गठजोड़ ने येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण के विरोध में प्रदर्शन किया। साथ ही, अपने विधायकों को कथित खरीद-फरोख्त की कोशिशों से बचाने के लिए उन्हें रिसार्ट और होटलों में ले गए हैं। लिंगायत समुदाय में खासा प्रभाव रखने वाले 75 वर्षीय येदियुरप्पा को राज्यपाल वजुभाई वाला ने राजभवन में एक समारोह में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। राज्यपाल ने उन्हें विधानसभा में विश्वासमत हासिल करने के लिए 15 दिनों का वक्त दिया है। भाजपा के बहुमत हासिल नहीं करने के बावजूद राज्यपाल ने येदियुरप्पा को सरकार गठन के लिए कल न्यौता दिया था और उनके इस फैसले पर विवाद छिड़ गया। राज्य विधानसभा की 222 सीटों पर हुए चुनाव में भाजपा ने 104 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि वह बहुमत के लिए ज़रूरी आंकड़े से आठ सीट पीछे है। येदियुरप्पा के इस पद पर बने रहने को लेकर फिलहाल अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है। दरअसल, जद(एस) और कांग्रेस के बीच बने नये गठजोड़ ने सरकार गठन की प्रक्रिया को रुकवाने के लिए कल उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। हालांकि, शीर्ष न्यायालय ने देर रात से आज सुबह तक चली सुनवाई में येदियुरप्पा के शपथ लेने पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया। राजभवन में एक सादे समारोह में सफेद सफारी सूट पर हरे रंग का शॉल ओढ़े येदियुरप्पा ने ‘मोदी, मोदी’ के नारों के बीच ईश्वर और किसानों के नाम पर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। अक्सर अपनी पार्टी के मुख्यमंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह में उपस्थित रहने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह इस मौके पर अनुपस्थित थे। हालांकि, केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और अनंत कुमार समारोह में शरीक हुए। इस बीच, येदियुरप्पा ने संवाददाताओं से कहा, ‘मैं विश्वासमत हासिल करने को लेकर आश्वस्त हूं और मेरी सरकार पांच साल पूरे करेगी।’ उन्होंने कहा कि वह विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए 15 दिनों तक इंतजार नहीं करेंगे। वह इसे यथाशीघ्र करना चाहते हैं। येदियुरप्पा ने कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन को ‘अपवित्र’ बताया और आरोप लगाया कि लोगों ने उन्हें पूरी तरह से खारिज कर दिया है लेकिन इसके बावजूद वे सत्ता हथियाने की कोशिश में है। राज्यपाल के फैसले के खिलाफ कांग्रेस और जद (एस) के नेताओं ने राज्य सचिवालय, विधान सौध में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास धरना दिया और प्रदर्शन किया। येदियुरप्पा के पूर्वाधिकारी एवं कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं। राज्यपाल का कार्य अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक है...वह अप्रत्यक्ष रूप से विधायकों की खरीद-फरोख्त को बढ़ावा दे रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हम न्यायालय गए ... हम जनता के पास जाएंगे। हम उन्हें बताएंगे कि उनकी (भाजपा की) लोकतंत्र...संसदीय लोकतंत्र में कोई आस्था नहीं है।’ महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास गुलाम नबी आज़ाद, मल्लिकार्जुन खड़गे और अशोक गहलोत सहित पार्टी के कई शीर्ष नेता धरना पर बैठे। बाद में, वहां जद (एस) प्रमुख एचडी देवगौड़ा और गठजोड़ के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार कुमारस्वामी ने भी धरना दिया।