कैप्टन द्वारा तरनतारन के लिए 555 करोड़ की विकास परियोजनाओं की घोषणा

तरनतारन, 17 मई (हरिंदर सिंह, विकास मरवाहा) : पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने आज सीमावर्ती ज़िले तरनतारन के उत्थान के लिए 555 करोड़ रुपए की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं की घोषणा की है। इनमें से बहुत से प्रोजैक्ट इस सीमावर्ती ज़िले में सड़कीय नैटवर्क को मज़बूत बनाने से सम्बन्धित हैं क्योंकि यह ज़िला भारत-पाक सीमा पर स्थित होने के कारण रणनीतिक तौर पर महत्ता रखता है। पंजाब को नशामुक्त बनाने और राज्य के प्रत्येक मुहल्ले को ‘नशामुक्त मोहल्ला’ बनाने के लिए राज्य सरकार की तरफ से शुरु किए गए प्रयासों के हिस्से के तौर पर आज यहां डी.ए.पी.ओ (डैपो) के दूसरे चरण को आरंभ करने के अवसर पर मुख्यमंत्री ने ये ऐलान किए।  कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने खेमकरन से झब्बाल रोड के लिए 150 करोड़ रुपए का ऐलान किया जिसके लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा टैंडर निकाले गए हैं। इसी तरह हरिके-खालड़ा रोड को चौड़ा और अपग्रेड करने के लिए 125 करोड़ रुपए और 770 किलोमीटर की लम्बाई वाली 312 लिंक सड़कों की विशेष रिपेयर के लिए 73 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का ऐलान किया। मुख्यमंत्री ने आसल उत्ताड़ से खेमकरन तक नई सड़क के निर्माण के लिए 9.25 करोड़ रुपए, पट्टी सरहाली रोड से हरिके- खालड़ा बरास्ता अस्सल भागूपुर रोड को चौड़ा और रिपेयर करने के लिए 3 करोड़ रुपए और ब्यास नदी से पार खेतों के लिए पौनटून पुल के लिए भी 3 करोड़ रुपए देने का ऐलान किया। इसी तरह 779 स्कूलों के विकास के लिए 60 करोड़ रुपए जबकि विभिन्न मंडियों के विकास कार्यों के लिए 44 करोड़ रुपए रखे गए हैं। मुख्यमंत्री ने ज़िले में 40 करोड़ की लागत से स्वास्थ्य सुविधाओं को मज़बूत बनाने और 12 करोड़ रुपए की लागत से खडूर साहिब क्षेत्र में सरकारी डिग्री कॉलेज स्थापित करने का भी ऐलान किया। मुख्यमंत्री ने पट्टी में गुरु अंगद देव वेटनरी एंड एनिमल साईंस यूनिवर्सिटी की तरफ से 10 करोड़ रुपए की लागत से भैंसों का शोध केंद्र स्थापित करने का ऐलान किया। इसी तरह आसल उत्ताड़ से खेमकरन तक नई सड़क बनाने के लिए 9.25 करोड़ रुपए, ज़िला अस्पताल तरनतारन में 50 बिस्तरों की सामर्थ्य वाला जच्चा-बच्चा स्वास्थ्य देखभाल केंद्र के निर्माण के लिए 7 करोड़ रुपए और ज़िला अस्पताल में ही 6 करोड़ रुपए की लागत से ट्रोमा सैंटर स्थापित करने का ऐलान किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में नशे के खात्मे के लिए शुरू की गई मुहिम तहत पंजाब के नौजवानों को नशा छोड़ने का रुझान बढ़ा है, जिस कारण नशामुक्ति केन्द्रों में नौजवानों की संख्या पहले से 126 प्रतिशत बढ़ी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2016 में 1.82 लाख नौजवान नशा छोड़ने के लिए अस्पतालों में पहुंचे जबकि 2017 में 4.12 लाख नौजवान नशा छोड़ने लिए आगे आए हैं। इसके अलावा 5107 नशे के आदी नौजवान सरकारी नशा मुक्ति केन्द्रों में 17667 नौजवान प्राइवेट नशामुक्ति केन्द्रों में अपना इलाज करवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेरा सुझाव है कि हरेक विभाग के बजट पर 5 प्रतिशत कटौती कर शिक्षा लिए अन्य फंड प्रदान करवाए जाएंगे। स्पैशल टास्क फोर्स द्वारा पंजाब को नशामुक्त करने की की जा रही कोशिश की प्रशंसा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब को नशामुक्त करना हमारा सभी का फर्ज बनता है। ओट क्लीनिक संबंधी बताते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन ने कहा कि तरनतारन, मोगा व अमृतसर में 29 क्लीनिक पहले ही चल रहे थे और इन में 400 मरीज दर्ज हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि बाकी क्लीनिक सभी पंजाब में खोले जा रहे हैं जिन में केन्द्रीय जेल भी शामिल है। उन्होंने बताया कि यह कलीनिक रोजाना खुले रहेंगे और इस लिए 150 डाक्टर, 160 कौंसलर व नर्सों को शिक्षित किया जाएगा। इस मौके विधान सभा क्षेत्र तरनतारन से विधायक डा. धर्मबीर अग्निहोत्री ने मुख्यमंत्री के तरनतारन में आने पर उनका ज़ोरदार स्वागत किया। इस मौके स्वास्थ्य व परिवार भलाई मंत्री ब्रहम महिंद्रा, शिक्षामंत्री ओ.पी सोनी, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल, लोकसभा सदस्य गुरजीत सिंह औजला, मुख्यमंत्री के पिं्रसीपल सचिव गुरकिरत कृपाल सिंह, सैक्रेटरी राहुल तिवाड़ी, एस.टी.एफ के मुखी ए.डी.जी.पी हरप्रीत सिंह, आई.जी बार्डर रेंज एस.पी परमार, पट्टी से विधायक हरमिंदर सिंह गिल, विधायक तरसेम सिंह डी.सी, विधायक सुखविंदर सिंह डैनी बंडाला, पूर्व मंत्री गुरचेत सिंह भुल्लर, पूर्व विधायक जसबीर सिंह डिंपा, कमिश्नर जालंधर डिवीजन राज कमल चौधरी, डिप्टी कमिश्नर प्रदीप कुमार सभरवाल, एस.एस.पी दर्शन सिंह मान, ए.डी.सी संदीप रिषी, सिविल सर्जन डा. समशेर सिंह, गुरमहांवीर सिंह संधू के इलावा बड़ी संख्यां में कांग्रेसी वर्कर व लोग उपस्थित थे।