बीमारी की हालत में गरीबी भरा जीवन व्यतीत करने हेतु मज़बूर गायक ईदू शरीफ

जालन्धर, 18 मई (जसपाल सिंह) : ‘जीवन दे रंग सज्जनां आज और ते कल और’ गीत के बोल गायक ईदू शरीफ के जीवन का वास्तविक सच हो निबड़े हैं। कभी अपने गीतों और ढाडी कार्यों के साथ लोगों के दिलों पर राज करने वाला गायक ईदू शरीफ आज सरकारों की बेरुखी के कारण बिस्तर पर पड़े अपाहिज की बीमारी के साथ जूझ रहा है। पूरी ज़िन्दगी अपने गीतों और ढाडी वारों के साथ पंजाब के अमीर विरसे और सभ्याचार की सेवा करने वाला ईदू शरीफ गरीबी भरे जीवन जीने के लिए मज़बूर है। बिस्तर पर दिन व्यतीत कर रहे कलाकार से चंडीगढ़ प्रशासन और सरकार ने इस तरह मुंह मोह लिया है कि वादा करने के बावजूद भी उसकी कोई सहायता नहीं की जा रही। चंडीगढ़ के मनी माजरा क्षेत्र में 2 कमरों के बहुत ही खस्ता हाल घर में रह रहे ईदू शरीफ के घर की परछाईं तो बेशक स्वर्गीय राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम सहित अन्य प्रमुख शख्सियतों से हासिल इनामों व ट्राफियों के साथ भरी पड़ी है परन्तु उसके पास इस समय इलाज के लिए पैसे भी नहीं हैं। परिवार द्वारा जितना हो सकता था, उनका इलाज करवाया गया परन्तु अब आर्थिक तंगी के कारण परिवार उनका इलाज करवाने में असमर्थ है तो ऐसे में ईदू शरीफ की नज़र सरकार और कला प्रेमियों पर लगी हुई है। ईदू शरीफ की पत्नी ऊषा ने अपनी व्यथा सुनाते हुए बताया कि किसी न किसी तरह अब तक तो वह अपने पति का उपचार करवाती आ रही है, परन्तु अब उसके पास कुछ भी नहीं बचा है तथा वह बहुत ही मुश्किल से परिवार का पेट भर रहे हैं। इस तरह उनके बेटे सुखा खान ने चंडीगढ़ प्रशासन के साथ शिकवा करते हुए बताया कि प्रशासन द्वारा आज से 18-19 वर्ष पहले उनके पिता ईदू शरीफ द्वारा गायकी के क्षेत्र में डाले गए योगदान को देखते हुए उनको 5 हज़ार रुपए महीना पैंशन देने की घोषणा की थी परन्तु अभी तक एक पैसा भी उनको नहीं मिला। अब तो वह कार्यालयों में बार-बार चक्कर लगा कर भी थक चुके हैं। इस दौरान मातृ भाषा पंजाबी को बनता मान-सम्मान दिलाने के लिए गत लम्बे समय से जदोजहद कर रहे पंडित राव धरेनवर ईदू शरीफ की सहायता के लिए आगे आए हैं तथा उन्होंने बताया कि वह ईदू शरीफ को उसका हक दिलाने के लिए सरकारे-दरबारे आवाज़ उठाने के अतिरिक्त अदालत का दरवाज़ा भी खटखटा रहे हैं।