केन्द्र की संयुक्त जांच के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचे छोटे दवा बिक्रेता

जालन्धर, 19 मई (शिव शर्मा):  दवा तैयार करने के लिए जारी होने वाले लाईसेंस जारी करने के मामले में केन्द्र द्वारा अपने हाथों में अधिकार लेने के फैसले के खिलाफ पंजाब के छोटे दवा कारोबारी पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट पहुंच गए हैं। छोटी दवा कम्पनियों की प्रसिद्ध एसोसिएशन पंजाब ड्रग मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर दवाईयां बनाने के लिए राज्य सरकार के लाईसेंस विभाग से केन्द्र की संयुक्त टीम द्वारा जांच करने के बाद ही लाईसैंस जारी करने के फैसले को न केवल ड्रग एक्ट का उल्लंघन बताया है बल्कि उसने इस फैसले को राज्यों के अधिकारों के सीधा हस्तक्षेप भी घोषित किया है। एसोसिएशन द्वारा दाखिल अपनी याचिका में कहा गया है कि भारत सरकार की नोटीफिकेशन नम्बर जी.एस.टी. आर 1337 ई के तहत यदि पंजाब सहित किसी भी राज्य में दवाइयां बनाने का लाईसेंस लेना है तो इसलिए पंजाब के ड्रग विभाग के अलावा केन्द्र के इंस्पैक्टरों की सीबीएससीओ की एक संयुक्त टीम द्वारा जांच करने के बाद ही लाईसैंस जारी किया जाएगा। पंजाब की छोटी दवा कम्पनियों की एसोसिएशन का कहना है कि पंजाब में पहले ही केन्द्र के ड्रग एक्ट के तहत कानून लागू किए जाते हैं जिन्हें पंजाब के ड्रग विभाग द्वारा अमल करवाया जाता है। एसोसिएशन के अध्यक्ष जगदीप सिंह जग्गी का कहना था कि पहले भी लाईसेंस जारी करने के मामले में केन्द्र ने यू.पी.ए. सरकार के कार्यकाल में अपने हाथ में लेने के प्रयास किए थे परंतु इस बिल का विरोध हुआ है परंतु अब पिछले रास्ते को अपनाकर केन्द्रीय विभाग ने अपने हस्तक्षेप से लाईसैंस जारी करने के लिए राज्यों के अधिकार अपने हाथों में लेने का पूरा प्रयास किया है। एक जानकारी के अनुसार एसोसिएशन द्वारा हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई होने की सम्भावना है।