घग्गर नदी के दूषित पानी से लोग भयानक रोगों की जकड़ में

मानसा/सरदूलगढ़, 19 मई (गुरचेत सिंह फत्तेवालिया/प्रकाश सिंह जैलदार) : पंजाब, हरयिणा व राजस्थान के विभिन्न गांवों, शहरों व कस्बों में से गुजरती घग्गर नदी आज कल एक गंभीर बीमारी का स्त्रोत बन गया है। इस के किनारों पर बसे सैंकडे गांवों व शहरों के लोग इसके दूषित पानी से अनेक गंभीर बिमारियों की जकड़ में हैं। इस के किनारों लगी विभिन्न फैक्ट्रियां व शहरों के सीवर का पानी इस में गिरता है, जिस कारण इसमें निर्मल नीर की बजाए आजकल कैमिकल युक्त जहरीला काला शाह पानी बहता है। 20 वर्ष पहले जब हिमाचल के सिरमौर ज़िले की पहाडियों में से निकलती घग्गर नदी जहां से भी गुजरती थी, निकट बसे गांवों के लिए वरदान होती थी। इसमें कुदरती झरनों का बहुत स़ाफ व शुद्ध पानी बहता था परन्तु आज के दिनों में घग्गर अंदर सिरफ काला व दूषित पानी ही बहता है, जो लोगों के लिए श्राप बन गया है। काला अंब व परवाणू में लगी फैकट्री का रासायण युक्त पानी भी घग्गर में आ रहा है। मानसा ज़िले के हलका सरदूलगढ़ निक्ट घग्गर के दोनों किनारों पर बसे गांव हीरके, बरन, भगवानपुर हींगणा, रणजीतगढ बांदर, मीरपुर कलां, मीरपुर खुर्द, सरदूलेवाला, भूंदड, काहनेवाला, लोहगढ़, आहलूपुर, भल्लणवाडा, कौडीवाडा, फूसमंडी, साधूवाला, सरदूलगढ, रोडकी, झंडा खुर्द बहुत जयादा संताप झेल रहे हैं। गांव साधूवाला के निवासी बिक्करजीत सिंह ने बताया कि घग्गर के पानी की वजह से विभिन्न गांवों अंदर काला पीलिया व कैंसर जैसी नामुराद बिमारियां फैल रही हैं। सरकारें इस मसले के हल लिए उदासीन : पंजाब के मुख्य मंत्री प्रकाश सिंह बादल ने  अपने कार्यकाल दौरान हरियाणा के मुख्य मंत्री भुपिंदर सिंह हुड्डा को इस मसले के हल लिए पत्र भी लिखा था बाद में पंजाब व हरियाणा द्वारा सटैंडिंग कमेटी बनाई गई थी व एक बैठक भी की गई थी। उस समय फैसला लिया गया था कि हर माह बैठक कर समीक्षा की जायेगी कि कितना प्रदूषण कम हुआ है परन्तु उसके बाद कोई बैठक न होने के समाचार हैं। अंतर्राज्जीय मसला होने कारण यह बीच में ही लटक गया क्योंकि हिमाचल, चंडीगढ़, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान सहत 5 राज इस मसले से जुडे हुए हैं जिन्में से पंजाब के गांव सब से अधिक प्रभावित हैं। लोगों की संबंधित सरकारों से मांग है कि घग्गर के गंदे पानी को बंद करवाने के लिए ठोस कदम उठाए जायें।