वैज्ञानिक खोज का क्षेत्र पंजाब की विरासत का हिस्सा : कोविंद

एस. ए. एस. नगर, 20 मई (के. एस. राणा) : वैज्ञानिक खोज का क्षेत्र पंजाब की विरासत से जुड़ा हुआ है, जिससे आईसर जैसी संस्था को प्रेरणा मिल रही है। इन विचारों का प्रगटावा राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने देश की नामवर संस्था इंडियन इंस्टीच्यूट आफ साईंस एजुकेशन एंड रिसर्च (आईसर) मोहाली के 7वें वार्षिक दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए किया। उन्होंने कहा कि देश की आज़ादी से पहले पंजाब वैज्ञानिक ज्ञान की उत्पति व सिखलाई के शुरूआती केंद्रों में से एक रहा है। इससे पहले उन्होंने संस्था के कैंपस में पौधा लगाया व संस्था के 152 छात्रों को बीएस, बीएस-एमएस व पीएचडी की डिग्रिया बांटीं। समागम को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि पंजाब की यह विरासत उदाहरण पेश करती है कि कैसे एक तरफ वैज्ञानिक खोजियों व तकनीशियनों के सुमेल व दूसरी ओर बड़ी विकास प्रणाली ने देश के विकास में अहम योगदान डाला है। उन्होंने कहा कि भाखड़ा-नंगल जैसे बड़े प्रोजैक्टों दौरान ज़मीनी स्तर पर तकनीशियनों द्वारा निभाए गए रोल को कभी भी नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। इसी प्रकार खेतीबाड़ी वैज्ञानियों व यूनीवर्सिटियों ने अनाज की पैदावार बढ़ाने व हरित क्रांति लाने में अहम रोल अदा किया है। उन्होंने कहा कि आज मोहाली आईटी, बायोटैक्नालोजी, बाइओइन्फ्र मैटिक्स व अन्य क्षेत्रों का केंद्र बन गया है। उन्होंने कहा कि आईसर उच्च विद्या व खोज संबंधी देश की सबसे अहम संस्थाओं में से एक है। यह संस्था बहुत कम समय में उत्तरी भारत के साईंस को समर्पित अध्यापकों व छात्रों की पहली पसंद बन गई है। उन्होंने डिग्रिया प्राप्त करने वाले छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि वह समाज, मेहनतकश करदाताओं, सरकारी एजेंसियों व अन्य, जिन्होंने आईसर व इसके छात्रों को किसी भी प्रकार से सहयोग दिया है, को कभी न भूलें। उन्होंने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि वह समाज व देश प्रति कुछ न कुछ करने की भावना जरूर रखें, विशेष कर उनके लिए, जिनके पास साधनों की कमी है। 
राष्ट्रपति ने आगे कहा कि पंजाब ऐसे टैक्नोक्रेटस का लम्बा इतिहास रखता है जो कि सफल कारोबारी बने हैं। उन्होंने छात्रों को निमंत्रण दिया कि वह इसी मार्ग पर चलते हुए अच्छे कारोबारी बनकर अन्य के लिए नौकरियाें के अवसर पैदा करें, जिस तरह बहुत सारे महान साईंसदानों व तकनीशियनों ने किया है। उन्होंने इस बात पर खुशी प्रगटाई कि अकादमिक प्रदर्शन के दोनों स्वर्ण पदक छात्रों के ही हिस्से आए हैं व अकादमिक एक्सीलैंस के लिए दिए गए चार अवार्डों में से भी तीन लड़कियों ने ही विजय किए हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर भी देश की लड़कियां हर क्षेत्र में लड़कों से आगे बढ़ रही हैं व यह देश को अच्छे भविष्य की ओर ले जा रहे कदमों में से एक अहम कदम है। इससे पहले आईसर के बोर्ड आफ गवर्नज़र् की चेयरपर्सन डा. मधुचंदा कर ने भारत के राष्ट्रपति समेत अन्य मेहमानों का दीक्षांत समारोह में पहुंचने पर संस्था द्वारा स्वागत किया, जबकि संस्था के डायरैक्टर प्रो. देबी प्रसाद सरकार ने संस्था की प्राप्तियों संबंधी विस्तारपूर्वक जानकारी दी। इस मौके राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की पत्नी सविता कोविंद, पंजाब के राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर, हरियाणा के राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी, कैबिनेट मंत्री पंजाब बलवीर सिंह सिद्धू, मुख्य सचिव पंजाब सरकार एनएस कलसी, पंजाब यूनीवर्सिटी के उप-कुलपति अरुण कुमार गरोवर, डीन अकादमिक आरएस जौहल, आईसर के बोर्ड आफ गवर्नज़र्, सैनेट के सदस्य, सहायक रजिस्ट्रार बिपुल कुमार चौधरी समेत फैकल्टी सदस्य व छात्रों के परिजन उपस्थित थे।