जानिये क्या होती है एलर्जी


जीवन में हर आदमी कभी न कभी एलर्जी का शिकार ज़रूर होता है। खाद्य जनित एलर्जी के कारण दैनिक जीवन में कई तरह की समस्याएं पैदा होती हैं। आखिर एलर्जी क्यों होती है? इसके कौन-कौन से लक्षण उत्पन्न होते हैं और उसका निदान कैसे हो सकता है।
कारण
  खाद्य जनित एलर्जी के निम्नलिखित विभिन्न कारण हैं—
पाचन तंत्र 
 उलटी, पेट दर्द, दस्त कभी-कभी दस्त के साथ रक्त आना आदि।
श्वसन तंत्र
 दमा व छींक।
कुछ फल और सब्जियां मुंह और गले की श्लैष्मिक झिल्ली के सम्पर्क में आते ही एलर्जी पैदा करते हैं। इसे चिकित्सकीय भाषा में ओरल एलर्जी सिन्ड्रोम कहा जाता है।
वैसे तो सारे खाद्य पदार्थों से एलर्जी की सम्भावना रहती है, लेकिन कुछ खाद्य पदार्थों से एलर्जी की सम्भावना ज्यादा रहती है। अंडा, मछली, गाय व बकरी का दूध, गेहूं व गेहूं वर्गीय खाद्य, मूंगफली, झींगा, व केंकड़ा आदि के सेवन से एलर्जी की ज्यादा सम्भावना रहती है। फल व सब्जियों में पपीता, खीरा, नारियल, संतरा, सेब, बैंगन, केला, टमाटर, अरबी, भिंडी, फूलभोगी, लाल साग, पालक साग और पोई साग के सेवन से भी एलर्जी हो सकती है। मदिरापान भी एलर्जी पैदा कर सकता है।
दूध से एलर्जी
आमतौर पर शिशुओं को दूध से एलर्जी हो जाती है। मां का दूध पीते हुए उसे कोई परेशानी नहीं होती है, लेकिन गाय का दूध पिलाना शुरू करने के बाद उसे पेट दर्द, पाचन में गड़बड़ी, श्वसन तंत्र की परेशानियां और त्वचा की विभिन्न समस्याएं घेर लेती हैं। दूध को उबालने के बाद भी यह प्रोटीन नहीं बदलता और एलर्जी जनित प्रतिक्रिया पैदा करता है।
खाद्य जनित एलर्जी के निदान के लिए मरीज़ के खान-पान के बारे में जानकारी प्राप्त की जाती है। कुछ मरीजों को खुद ही मालूम हो जाता है कि उन्हें किस खाद्य पदार्थ से समस्या उत्पन्न हो रही है। ऐसे में एलर्जी उत्पन्न करने वाले खाद्य पदार्थ की पहचान आसानी से हो जाती है। खाद्य जनित एलर्जी के अतिरिक्त दवाओं के सेवन से भी एलर्जी पैदा हो जाती है, जिसे औषधि जतिन एलर्जी कहा जाता है। यह एक अत्यंत जटिल विषय है। बिना डॉक्टर की सलाह के अपना इलाज स्वयं नहीं करना चाहिए। ऐसा करना खतरनाक हो सकता है। जिन्हें किसी विशेष दवा से एलर्जी होती है उन्हें अन्य दवाओं से भी समस्या उत्पन्न हो सकती है, लेकिन कब और किस दवा से एलर्जी पैदा होगी, इसे पहले से समझना सम्भव नहीं। (स्वास्थ्य दर्पण)
—राजा तालुकदार