पाक की सिंधु जल संधि संबंधी शिकायतों पर विश्व बैंक मेें सुनवाई शुरू


वाशिंगटन, 22 मई (भाषा): पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल ने विश्व बैंक के समक्ष सिंधु जल संधि में भारत के कथित उल्लंघन का मामला उठाया है, जिसने संधि के तहत मैत्रीपूर्ण समाधानों के अवसर तलाशने पर चर्चा की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जम्मू-कश्मीर में 330 मैगावाट किशनगंगा जलविद्युत परियोजना का उद्घाटन करने के कुछ दिनों बाद कल इस मामले पर बैठक हुई।  पाकिस्तान की आपत्ति है कि उसके देश में बहकर आने वाली नदी पर परियोजना शुरू करने से पानी की आपूर्ति बाधित होगी। पाकिस्तान के विदेश दफ्तर ने शुक्रवार को जलविद्युत परियोजना के उद्घाटन पर चिंता जाहिर करते हुए कहा था कि दोनों देशों के बीच विवाद के निपटान के बिना इसका उद्घाटन ‘सिंधु जल संधि 1960’ का उल्लंघन है, जिसके तहत साझा नदियों में पानी के उपयोग को नियमित किया जाता है। 
विश्व बैंक के प्रवक्ता ने कहा कि सिंधु जल संधि एक बेहद महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय समझौता है, जो भारत-पाकिस्तान को मानवीय ज़रूरतों को पूरा करने और विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रभावी जल प्रबंधन की वर्तमान एवं भावी चुनौतियों से निपटने के लिए एक आवश्यक सहकारी ढांचा प्रदान करता है। 
प्रवक्ता ने कहा कि बैठकों में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडलों द्वारा उठाई गई चिंताओं और संधि के तहत मैत्रीपूर्ण समाधानों के अवसर तलाशने पर चर्चा की जा रही है। विश्व बैंक के अधिकारियों ने पाकिस्तानी शिकायतों की प्रकृति के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध नहीं कराई। पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व अटॉर्नी जनरल अश्तर औसाफ अली कर रहे हैं।