श्री हेमकुंट साहिब के आज खुलेंगे ‘कपाट’

गोबिंद घाट से सुरिन्द्रपाल सिंह वरपाल
गुरुद्वारा श्री हेमकुंट साहिब जी की पैदल यात्रा कल 24 मई से गुरुद्वारा गोबिंद घाट उत्तराखंड से पांच प्यारों के नेतृत्व में शुरू होगी, जिसमें शामिल संगत गुरुद्वारा गोबिंदधाम में रात का पड़ाव (ठहराव) करने उपरांत 25 मई को गुरुद्वारा श्री हेमकुंट साहिब में यात्रा की पहली अरदास में शामिल होगी। 
इससे गुरुद्वारा गोबिंद घाट में चल रहे श्री अखंड पाठ साहिब जी के भोग उपरांत धार्मिक दीवान सजाए जाएंगे व यहां पैदल यात्रा की शुरुआत की अरदास से होगी। जबकि श्री हेमकुंट साहिब जी की यात्रा को लेकर संगत में भारी उत्साह पाया जा रहा है व बड़ी संख्या में श्रद्धालु गुरुद्वारा गोबिंद घाट में पहुंच रहे हैं। बर्फ की चादर के साथ ढकी हुई हिमालय की 7 दिलकश पहाड़ियों में सुशोभित गुरुद्वारा श्री हेमकुंट की यात्रा के लिए आज बड़ी संख्या में संगत गुरुद्वारा श्री हेमकुंट साहिब ऋषिकेश से अपने-अपने  वाहनों के अलावा किराए की गाड़ियों द्वारा रवाना हुईं, जोकि एक ओर हिमालय को छूते हरियाली भरपूर पहाड़ों व दूसरी ओर हज़ारों फुट गहरी खड्ड में बहती नदी का दिलकश व मनमोहक दृश्य का आनंद लेती हुई लगभग 12 घंटों बाद गुरुद्वारा गोबिंद घाट में पहुंचेगी। यदि सरकार द्वारा यात्रा को लेकर किये प्रबंधों की बात की जाए तो प्रत्येक पक्ष से पुख्ता तैयारियां देखने को मिलीं, जिसके तहत सड़क के रास्ते यात्रा को जाने वाले रास्तों को दर्शाते साइन बोर्ड लगाए गए हैं वहीं सड़कें नये सिरे से तैयार की गईं व कई जगहों पर काम युद्धस्तर पर चल रहा है। पुलिस प्रशासन द्वारा भी सुरक्षा के मद्दनेज़र कर्मचारी तैनात किये गए हैं, जिसके लिए एस.एस.पी. तृप्ति भट्ट द्वारा प्रशासनिक व प्रबंधक अधिकारियों के साथ बैठक भी की गई व प्रबंधों का जायज़ा लिया। इस संबंधी गुरुद्वारा गोबिंद घाट के मैनेजर सेवा सिंह ने ‘अजीत समाचार’ के साथ विशेष बातचीत करते बताया कि यात्रा संबंधी प्रबंध मुकम्मल कर लिए गए हैं व लगभग 3500 संगत की आमद हो चुकी है। उन्होंने बताया कि देश-विदेश से आने वाली संगत के लिए पूरी रिहायश में वृद्धि की गई है। स्वास्थ्य सेवाओं के लिए अस्थाई अस्पताल व लंगर के किए गए प्रबंधों तहत ड्यूटियां लगा दी गई हैं। उन्होंने बताया कि श्री हेमकुंट साहिब की यात्रा को पहले से सुखद व सुरक्षित बनाने के लिए सरकार व प्रशासन  सहयोग के साथ गहरे कदम उठाए गए हैं।
स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बनाया अस्थाई अस्पताल : गुरुद्वारा गोबिंद घाट में संगत को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाने के उद्देश्य से अस्थाई अस्पताल बनाया गया, जिसके एम.बी.बी.एस. डा. रिटा. रविकांत सिंह के नेतृत्व वाली टीम संगत की सेवा में 24 घंटे हाज़िर होगी। इस संबंधी सेवा सिंह ने बताया कि आप्रेशन थियेटर सहित कुल 7 बैड हैं जहां प्राथमिक सेवाओं के अलावा आक्सीज़न आदि का प्रबंध भी किया गया है जोकि अक्तूबर तक निरंतर जारी रहेगा।
गोबिंद घाट में 5 हज़ार संगत की रिहायश का प्रबंध : स. सेवा सिंह ने बताया कि गुरुद्वारा गोबिंद घाट में एक ही समय 3 हज़ार से अधिक संगत के रहने का प्रबंध है जिसमें माता गुजरी निवास, दशमेश भवन, गुरु नानक निवास, हेमकुंट निवास, बंबे बिल्ंिडग व यू.के. बिल्ंिडग  वर्णनीय हैं, जहां सर्दी से बचने के लिए गद्दे, गर्म कंबल और गर्म पानी का प्रबंध है व संगत के लिए 24 घंटे लंगर, चाय व खास करके बच्चों के लिए दूध भी मुहैया करवाया जाता है। इस अवसर पर उन्हाेंने संगत को अपील करते कहा कि पर्यावरण की शुद्धता व साफ-सफाई का खास ध्यान रखने के लिए प्रशासन को सहयोग दिया जाए व यात्रा के लिए खच्चर व हैलीकाप्टर सेवाओं के लिए सरकारी रूट तय किये गए हैं व यात्रा से पहले जांच-पड़ताल की जाए ताकि किसी परेशानी का सामना न करना पड़े।
सुरक्षा के प्रबंध मुकम्मल : एस.एस.पी. ज़िला चमोली तृप्ति भट्ट ने बताया कि श्री हेमकुंट साहिब की यात्रा के लिए सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किये गए हैं, जिस के लिए पुलिस नफरी तैनात की गई है वहीं गुरुद्वारा गोबिंद घाट से लेकर श्री हेमकुंट साहिब तक एस.टी.आर.एफ. के 22 कर्मचारी उपलब्ध रहेंगे, जो संगत की सहायता के लिए 24 घंटे निरंतर यात्रा की समाप्ति तक उपस्थित रहेंगे। जबकि 418 इंजीनियर कोर के सूबेदार इकबाल सिंह के नेतृत्व वाली टीम द्वारा यात्रा वाले रास्ते पर बर्फ को हटाया गया है जिसके चलते संगत इस बार भी हेमकुंट साहिब तक खच्चर की सेवा का लाभ ले सकती है।
संगत के लिए रोज़ाना 21 हज़ार से अधिक तैयार होते हैं ‘पिन्नी प्रसाद’ के पैकेट : श्री हेमकुंट साहिब में देश-विदेश से माथा टेकने पहुंची संगत के लिए प्रबंधक कमेटी द्वारा विशेष तौर पर ‘पिन्नी प्रसाद’ तैयार किया जाता है जिसको बनाने की प्रक्रिया यात्रा से लगभग 12 दिन पहले शुरू हो जाती है। गुरुद्वारा गोबिंद घाट में तैयार किये जाने वाले ‘पिन्नी प्रसाद’ का पहला ‘पूर’ मर्यादा के अनुसार सेवादार द्वारा श्री हेमकुंट साहिब में ले जाया जाता है जहां ग्रंथी सिंह द्वारा अरदास करके भोग लगाया जाता है जिसके बाद ही ‘पिन्नी प्रसाद’ के पैकेट तैयार किये जाते हैं। इस संबंधी जानकारी देते सेवादार जगमीत सिंह ने बताया कि ‘पिन्नी प्रसाद’ के रोज़ाना 21 हज़ार से अधिक पैकेट तैयार किये जाते हैं। जिसके लिए 20 सेवादार तैनात किये गए हैं। उन्होंने बताया कि यात्रा के लिए आते श्रद्धालु बड़े सम्मान के साथ पारिवारिक सदस्यों के लिए प्रसाद लेकर जाते हैं।
श्री हेमकुंट साहिब में नतमस्तक होने के लिए हर वर्ष जहां लाखों की तादाद में देश-विदेश से संगत पहुंचती है वहीं इस यात्रा के शुरू होने के साथ उत्तराखंड को खास करके आर्थिक पक्ष से भी  बड़ा समर्थन मिलता है, जिसके चलते अपने परिवारों के पालन-पोषण के लिए 350-400 किलोमीटर की दूरी पैदल तय करके खच्चर व डांडी-कांडी  वाले पहुंचते हैं जो बड़ी बेसब्री  के साथ इस यात्रा का इंतजार करते हैं। इस संबंधी नज़ीबाबाद ज़िला बिजनौर से अपने खच्चर लेकर लगभग 350 किलोमीटर की दूरी तय करके पैदल पहुंचे। 
रोहताश सिंह प्रजापति, चरन सिंह व जाकिर हुसैन ने बताया कि श्री हेमकुंट साहिब की यात्रा के लिए जो लगभग 4 माह के करीब चलती है का बेसब्री के साथ इंतज़ार करते हैं क्योंकि इस सीज़न पर उन्हें अच्छी कमाई की उम्मीद होती है।