वृक्षों के काटने से भी रिकार्ड तोड़ रहा लू व गर्मी का प्रकोप

जालन्धर, 24 मई (शिव शर्मा) : पंजाब में गत दो वर्षों से ज्यादा समय के दौरान राष्ट्रीय राज मार्गों का जिस तेज़ी के साथ जाल बिछ रहा है व उसी तेज़ी के साथ राज मार्ग बनाने के लिए लाखों की संख्या में वृक्षों की कटाई हो चुकी है परन्तु उस तेज़ी के साथ काटे गए वृक्षों के स्थान पर नए पौधे नहीं लगाए गए जबकि जंगलात विभाग से ज्यादा निजी संस्थाएं हरियाली लगाने की ज्यादा चिंता कर रही हैं। वृक्ष दिखाई दे रहे हैं। किसी भी देश, राज्य की तरक्की के लिए राष्ट्रीय राज मार्गों का बनना ज़रूरी है परन्तु यदि यह अच्छा हो कि राज मार्ग बनने के साथ ही वहां ज़मीन एक्वायर करके वहीं नए पौधे लगाए जाएं। राज्य में किसान भी अपने वृक्षों को पाल कर बेचते हैं और यह अलग तौर पर उनका कार्य चलता है व यदि वह अपने खेतों में पौधों को पाल कर बाद में बेचते हैं व बाद में वह नए पौधे भी लगा देते हैं। देश में राष्ट्रीय स्तर पर जंगल का क्षेत्र 33 फीसदी माना जाता है परन्तु पंजाब जैसे छोटे राज्य में 19 फीसदी के लगभग सुरक्षित जंगल होना चाहिए परन्तु पंजाब में लम्बे समय से जंगलात का क्षेत्र 7 फीसदी से ज्यादा नहीं बढ़ सका है। लगभग 5 वर्ष पहले सरकार द्वारा ही राज्य को और हरा भरा करने के लिए ग्रीन मिशन प्रोजैक्ट तैयार किया गया था जिसके तहत राज्य में वर्ष 2020 तक 40 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया था जिसके तहत लगभग 15 फीसदी क्षेत्र हरा भरा हो जाना था परन्तु चर्चा है कि यह लक्ष्य पूरा नहीं हुआ है व लगातार राज्य में वृक्ष काटने के मामले सामने आते रहे हैं। जालन्धर-पानीपत राज मार्ग के लिए भी सबसे पहले 1.50 लाख के लगभग वृक्ष काटे गए थे जबकि अब कुछ वर्षों में ही जालन्धर-बरनाला, जालन्धर-होशियारपुर राज मार्ग के लिए भी 40000 के लगभग वृक्ष काटे जाएंगे। इसके अतिरिक्त बिस्त दोआब नहर रोपड़ के निकट ही सड़क के लिए 21000 के लगभग वृक्ष, मोहाली-रोपड़ के लिए 20000 वृक्ष, लुधियाना क्षेत्र में ही 11000, मालवा में ही राज मार्गों के लिए हज़ारों की संख्या में वृक्ष काटे गए हैं। पंजाब के अधिकतर दरियाओं के प्रदूषण होने के मामले तो पहले ही सामने आते रहे हैं परन्तु कुछ दिनों से गर्मी का प्रकोप इस तरह बढ़ गया है कि तापमान 40 डिग्री पार कर गया है जिस पर पर्यावरण प्रेमी मानते हैं कि वृक्ष होने के कई लाभ हैं जोकि वर्षा पड़ने में सहायक होते हैं बल्कि जिस स्थान पर ज्यादा वृक्ष लगे हों वहां कुछ डिग्री तापमान में कमी रहती है। राज मार्गों के लिए या बड़े प्रोजैक्टों के लिए हो चाहे वृक्षों की कटाई हो रही है परन्तु उतनी संख्या में पौधे न लगने के कारण भी पंजाब में भी अब लोग गर्मी का प्रकोप ज्यादा महसूस कर रहे हैं।