कैप्टन सरकार ने समय से पूर्व ही बंद किए 700 ग्रामीण सेवा केन्द्र

लोहटबद्दी, 26 मई (कुलविंदर सिंह डांगो): पूर्व अकाली-भाजपा सरकार द्वारा 2016 में सुखमणि सोसायटी के अधीन तहसील व मिनी सचिवालय स्तर पर चल रहे सुविधा केन्द्रों को बंद कर स्थापित किए 2147 सेवा केन्द्र एक प्रकार से लोगों के घरों के नज़दीक प्रशासनिक सुविधा देने के सहायक माने गए हैं परंतु कैप्टन सरकारर की नज़रों में यह प्रदेश के खज़ाने के लिए घाटे वाला सौदा दिखाई दिया। उल्लेखनीय है कि वित्तीय संकट से जूझने की दुहाई देने वाली प्रदेश सरकार द्वारा संबंधित कम्पनी को जारी की जाने वाली करोड़ों रुपए की राशि जारी करने से हाथ पीछे खींच लिया गया है। इन सेवा केन्द्रों को चालू रखने या बंद करने के लिए समय-समय पर हुई विभागीय व कैबिनेट बैठकों में चाहे इसी वर्ष 24 जनवरी को प्रदेश सरकार ने बी.एल.एस. कम्पनी को 180 दिन का नोटिस जारी कर बाद में तहसील व मिनी सचिवालय स्तर पर 2147 में से 1637 केन्द्रों को बंद कर केवल 500 सेवा केन्द्र चालू रखने की बात कही थी परंतु गत दिवस विभाग द्वारा सरकार के इशारे पर निश्चित समय से पहले ही 700 ग्रामीण सेवा केन्द्रों (टाइप 3) को बंद करने के आदेश ही जारी नहीं किए बल्कि तुरंत प्रभाव से यहां काम करते कम्प्यूटर आप्रेटरों की ई-आफिस आईडीज़ भी साथ ही साथ बंद कर दी हैं ताकि वे किसी भी नागरिक को आनलाइन सुविधा प्रदान न कर सकें। इस अवसर पर ग्रामीण क्षेत्र में 1759 में से 1059 सेवा केन्द्र चालू रखे गए, जिनमें से अन्य केन्द्रों की 30 मई के बाद छंटनी होने की सम्भावना व्यक्त की जा रही है जबकि डी.सी. कार्यालय/ तहसील स्तर पर 388 (टाइप-1 व टाइप-2) सेवा केन्द्र फिलहाल सेवाएं देते रहेंगे। सरकार के एक तरफा फैसले से सेवा केन्द्रों को लगे तालों के कारण लोगाें के ज़रूरी दस्तावेज़ उन्हें आसानी से मिलते दिखाई नहीं देते चाहे सरकार ने साथ लगते सेवा केन्द्रों से दस्तावेज़ प्राप्त करने की बात कही है परंतु फिर भी लोग ज़रूर उलझेंगे। आज सेवा केन्द्रों से अपना सामान सम्भाल कर घरों को जा रहे आप्रेटरों ने कहा कि एक तरफ तो मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह घर-घर नौकरी देने की बातें कह रहे हैं, जबकि दूसरी ओर हमें पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की अकाली-भाजपा सरकार द्वारा दी नौकरी से वंचित कर घरों को भेजा जा रहा है और अन्यों को बाहर का रास्ता दिखाने की तैयारी है। उन्हें 5-5 माह का वेतन भी नहीं दिया गया। अब तो गत दिनों से सैकड़ों सेवा केन्द्रों का तो यह हाल है कि बिल अदा न करने पर बिजली कुनैक्शन काटे जा चुके हैं। इंटरनैट सुविधा बंद पड़ी है या पर्याप्त स्पीड ही नहीं, कम्पनी पर्याप्त स्टेशनरी भेजने से हाथ खड़े कर चुकी है, केन्द्रों में खाली हाथ बैठे कर्मचारी काम करवाने आते लोगों से ही डीज़ल मंगवाकर जनरेटर चलाने, लोगों से ही मोबाइल इंटरनैट सुविधा, स्टेशनरी मंगवाकर प्रशासनिक सुविधाएं देने के लिए मजबूर हैं। मौजूदा समय बंद किए सेवा केन्द्रों में से ज़िलास्तरीय अमृतसर-79,  बरनाला-6, बठिंडा-24, फरीदकोट-5, फतेहगढ़ साहिब-20, फाज़िल्का-27,गुरदासपुर-34, होशियारपुर-47,जालन्धर-64, कपूरथला-33, लुधियाना में सबसे अधिक 81, मानसा-13, मोगा-29, पठानकोट-8, पटियाला-40, रूपनगर-20, साहिबज़ादा अजीत सिंह नगर-28, संगरूर-44, शहीद भगत सिंह नगर-16, श्री मुक्तसर साहिब-17, तरनतारन में 33 उल्लेखनीय हैं।