पुलिस ने आंगनवाड़ी यूनियन का मार्च चंडीगढ़ में दाखिल होने से रोका

एस. ए. एस. नगर, 30 मई (ललिता जामवाल):आंगनवाड़ी मुलाज़िम यूनियन पंजाब सीटू द्वारा अपनी जायज मांगों को लेकर फतेहगढ़ साहिब से शुरू की पैदल यात्रा को चंडीगढ़ प्रशासन ने आज चंडीगढ़ में दाखिल होने से पहले ही बार्डर के पर रोक दी गई, जिसके बाद आंगनवाड़ी मुलाज़िमों ने पड़ रही भीषण गर्मी में ही सड़क पर लेटकर रोष प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। इस मौके समूह मुलाज़िमों ने पंजाब सरकार विरुद्ध जमकर भड़ास निकाली और नारेबाजी करते हुए एलान किया कि जब उनकी मांगे मानी नहीं जाती तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा और आने वाले समय में और भी तीव्र होगा जिसकी सारी जिम्मेदारी सरकार की होगी। इस बीच गर्मी के कारण आंगनवाड़ी मुलाज़िम एक-एक करके बेहोश होती रही और करीब 3 दर्जन वर्कर सड़क पर ही गिर पड़ी, जिनको प्रशासन द्वारा लगाई गई करीब 5-6 एम्बूलैंसों द्वारा अस्पताल में भेजा जाने लगा परंतु आंगणवाड़ी यूनियन अपने संर्घष पर डटी रही। इस मौके मुलाज़िमों के संघर्ष को देखते हुए मौके पर एडीजीपी लाय एंड आर्डर हरदीप सिंह ढिल्लों ने भी यूनियन नेताओं से बातचीत की परन्तु वह सिरे न चढ़ सकी, क्योंकि यूनियन नेताओं ने कहा कि उनको मौत कबूल है, परंतु किसी कैबिनेट मंत्री से बिना किसी के साथ बात नहीं की जाएगी और ज्ञापन ही उन्हें ही दिया जाएगा। इसके बाद प्रशासन ने लगातार सरकार के साथ संपर्क करने के बाद दोपहर पंजाब के पशु पालन और डेयरी विकास एवं श्रम मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू धरने वाली जगह पर पहुंचे और आंगनवाड़ी वर्करों से ज्ञापन लिया और आश्वासन दिया कि वह उन का ज्ञापन मुख्यमंत्री पंजाब के पास भेजेंगे और जल्दी ही आंगनवाड़ी यूनियन की बैठक करवाएंगे। जिसके बाद आल इंडिया आंगनवाड़ी वर्कज़र् और हैल्पर फैडरेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष ऊषा रानी ने कैबिनेट मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू के आश्वासन के बाद अपना संघर्ष समाप्त किया गया। सीटू पंजाब कीजनरल सचिव कामरेड रघुनाथ सिंह ने कहा कि यदि सरकार ने निर्धारित समय दौरान उनकी मांग मंजूर करके नोटिफिकेशन जारी न किया तो वह आंगणवाड़ी यूनियन पुन: पंजाब की सड़कों पर संघर्ष आरंभ करेंगी। जब आंगनवाड़ी मुलाज़िमों ने फैंकी पानी की बोतलें : धरने दौरान गर्मी के कारण प्रदर्शनकारी बेहोश हो रहे थे। इस दौरान करीब 2 बजे पुलिस प्रशासन ने पानी की बोतलों आंगणवाड़ी मुलाज़िमों को लाकर दी तो मुलाज़िमों ने यह कह कर पानी की बोतले फैंकी की उन्हे सरकार का कुछ नहीं चाहिए। सभी मुलाज़िमों ने रोष स्वरूप कहा कि अगर सरकार को कुछ देना है तो वह उनकी मांगे पूरी करे। उधर दूसरी तरफ बेहोश हुई आंगनवाड़ी वर्करों की हालत स्थिर है। इससे पूर्व सुबह यूनियन का यह मार्च गुरूद्वारा सिंह शहीदा सोहाना से आरम्भ होकर करीब 10 बजे चंडीगढ़ में प्रवेश के लिए आगे बढ़ रहा था परंतु चंडीगढ़ पुलिस प्रशासन उन्हे बैरीयर पर ही रोक लिया। इस मौके आंगनबाड़ी यूनियन की राष्ट्रीय अध्यक्ष ऊषा रानी ने कहा कि 28 मई को महिलाएं फतेहगढ़ साहिब से चली थी। फतेहगढ़ साहिब प्रशासन ने पूरा सहयोग दिया। लेकिन मोहाली प्रशासन ने किसी तरह के इंतजाम नहीं कर रखे थे। ऊषा रानी ने कहा कि ये किसी रैली में पैसे देकर एकत्रित की गई भीड़ नहीं है। इस मौके उन्होंने मांग की कि पंजाब में काम करती आंगणवाड़ी वर्कर और हैल्परों को हरियाणा पैटर्न लागू करते हुए कुशल और अर्ध कुशल का दर्जा दिया जाए। इसके अलावा 26 नवम्बर 2017 के फैसले अनुसार 3 वर्ष से 6 वर्ष के बच्चों का दाखिला फिर से आंगणवाड़ी केंद्र में यकीनी बनाया जाए। उन्हाेंने मांग की की आईसीडीएस स्कीम को विभाग बनाकर आंगणवाड़ी वर्करों और हैल्परों को दर्जा तीन और दर्जा चार का दर्जा दिया जाए। सरकारी कर्मचारी घोषित करने तक कम से कम मेहनताना के घेरे में लाकर 18 हज़ार वर्कर को और 15 हज़ार हैल्पर को मेहनताना दी जाए। धरने क े समापन ने ऊषा रानी ने कहा कि ये किसी रैली में पैसे देकर एकत्रित की गई भीड़ नहीं है। ये अपने अधिकारों की लड़ाई है जोकि जब तक पूरे नहीं होते लड़ाई जा रहेगी। उन्होंने कहा कि पशु पालन मंत्री ने मांग पत्र ले लिया है। लेकिन हम अपनी मांगें पूरी होने का इंतजार कर रहे है। अगर नहीं हुई तो संघर्ष ओर तेज किया जाएगा।