श्री शिव महाकाली शनि देव मंदिर गुरदासपुर 

गुरदासपुर (पंजाब) के रेलवे स्टेशन के समीप है यह भव्य  श्री शिव महाकाली शनि देव मंदिर। इस मंदिर का भव्य भगवत् मूर्तियों से सुन्दरीकरण किया गया है। इस मंदिर का बाहरी दृश्य सौन्दर्य-पूरित है। इस मंदिर का मुख्य द्वार सीमेंट रंग का तथा नीचे की ज़मीन काले रंग की है। शीशे के गेट के ऊपर सुन्दर भगवत् मूर्ति तथा इसके ऊपर छत के माथे पर भी पत्थर के फ्रेम में है भगवत् मूर्ति। गेट के दाईं-बाईं स्टील के छोटे-छोटे गलियारे हैं। गलियारों में भी भव्य मूर्तियां सुशोभित हैं। इस मंदिर के दो रास्ते हैं। एक सड़क रेलवे स्टेशन को निकलती है तथा दूसरी सड़क नंगली स्कूल को। यह मंदिर त्रिकोणे चौक में है। इसके साथ एक लघु बाज़ार भी है। इस मंदिर में आध्यात्मिक आकर्षण के केन्द्र हैं भगवत् मूर्तियां, जैसे शिव परिवार, राम परिवार, हनुमान जी, महाकाली, महा दुर्गा, राधाकृष्ण, लक्ष्मी नारायण, साईं बाबा तथा शनि देव जी की प्रतिमा शोभनीय हैं। विशेष तौर पर श्री शनि देव जी के मंदिर में चारों तरफ 12 पिल्लर काले रंग के हैं, जो सुसज्जित हैं और मंदिर की शोभा को चार चांद लगाते हैं तथा 12 राशियों के स्मारक हैं, क्योंकि शनि देव 12 राशियां भ्रमण करते थे। शनि उपासना इस प्रकार है कि वह क्रूर ही नहीं, सर्वशक्तिमान और न्याय के अधिष्ठता भी है शनिदेव। वह जहां दुष्टों को दण्ड देते हैं, वहीं भक्तों की सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण करते हैं। संपूर्ण दु:ख , रोग, शोक और निर्धनता हटा सकती है इनकी शक्ति। विपरीत परिस्थितियों के ताप में तपाकर ये ? मनुष्य जीवन को स्वर्ण-सी चमक देते हैं। सूर्य पुत्र और शिव जी के शिष्य शनि देव जी के बारे में अधिकतम नियमित पूजा-आराधना आज के युग की ज़रूरत भी है। इस मंदिर में प्रत्येक वर्ष शनि जयन्ती, शिवरात्रि, रामनवमी के दिन हवन यज्ञ तथा भण्डारा किया जाता है। इसके अतिरिक्त भक्त शनिवार को लंगर लगाते हैं। मंदिर में भव्य सत्संग हाल भी है। यहां प्रत्येक वर्ष नवरात्रों में दुर्गा-स्तुति का पाठ, श्रावण मास में ॐ नम: शिवाय का पाठ किया जाता है। यहां दूर-दूर से श्रद्धालु पूजा-अर्चना के लिए आते हैं। शनिवार के दिन मंदिर में ऋषि भक्त आते हैं।  इस मंदिर के पुजारी श्री ऋषि ने बताया कि यह मंदिर रेलवे स्टेशन के समीप होने के कारण यात्री तथा श्रद्धालु आते रहते हैं। मंदिर में दिन-त्यौहारों में यहां महापुरुषों के प्रवचन तथा कीर्तन दरबार होते रहते हैं। इस स्थान की महिमा तथा प्रतिष्ठा दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।

—बलविन्दर बालम
मो. 98156-25409