विश्व बैंक द्वारा कृषि, पानी व बिजली संबंधी समस्याओं बारे संगठित पहुंच के लिए पंजाब की सराहना

चंडीगढ़, 6 जून (अ.स.): मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की अगुवाई वाली सरकार की कृषि, पानी व बिजली संबंधी समस्याओं बारे समूची पहुंच की प्रशंसा करते हुए विश्व बैंक ने बुधवार को इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों में लम्बी अवधि के व्यापक समाधान के लिए प्रदेश के प्रोजैक्टों को स्पांसर करने की पेशकश की है। विश्व बैंक के भारत के लिए प्रमुख जुनैद अहमद ने एक प्रतिनिधिमंडल के साथ मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान कहा कि पंजाब इकलौता ऐसा राज्य है जो पानी, कृषि व बिजली से संबंधित समस्याओं बारे एक संगठित समाधान आधारित पहुंच अपनाता आ रहा है। जुनैद अहमद ने कहा कि यदि पंजाब पानी, ऊर्जा व कृषि की चुनौती का सामना कर लेता है तो यह छोटे प्रोजैक्टों को और बढ़िया व व्यापक स्तर पर तबदील करने के लिए विश्व के सामने एक उदाहरण कायम करेगा। प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्यों में सुमिला गुलयानी कार्यक्रम लीडर-सस्टेनेबल डिवैल्पमैंट; भावना भाटिया लीड आप्रेशन्ज़ अधिकारी-गवर्नेंस प्रैक्टिस; जॉन ब्लोकुविस्ट कार्यक्रम लीडर ह्यूमन डिवैल्पमैंट; चाकिब जेनाने लीडर एग्रीकल्चर इकोनोमिस्ट; कविता सरस्वत सीनियर पावर इंजीनियर व मोहिंदर गुलाटी एनर्जी सैक्टर एक्सपर्ट शामिल थे। मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि प्रदेशभर में पीने वाले पानी विशेषकर दक्षिणी पंजाब के कुछ हिस्सों में, एक बड़ी चुनौती है क्योंकि गेहूं व धान के चक्कर कारण भूमिगत पानी दिन प्रतिदिन नीचे जा रहा है। उन्होंने कहा कि दरियाई पानी का प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है और उद्योग व म्युनिसिपल  अवशेष ने दरियाई पानी को बुरी तरह प्रभावित किया है। कैप्टन अमरेन्द्र ने पानी के नीचे जाने व प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए प्रदेश सरकार के प्रयासों को मजबूत करने के लिए विश्व बैंक की सहायता की मांग की। इसके साथ ही उन्होंने लोगों को पीने वाला साफ पानी व बढ़िया सफाई सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए विश्व बैंक से मदद की मांग की।
मुख्यमंत्री ने कृषि के परम्परागत तरीकों में सुधार की ज़रूरत पर बल दिया। इसके अलावा किसानों को गेहूं व धान की फसल की जगह अन्य फसलों की ओर परिवर्तित होने के लिए प्रेरित किया। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में शहरीकरण के प्रबंधन का मुद्दा भी उठाया, जिस बारे विश्व बैंक की टीम ने कहा कि मौजूदा मॉडल या तो भारत या चीन के मॉडल की तरह हो सकता है जहां मेयज़र् को मैनेजर के रूप में नियुक्त किया गया था। बिजली के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने टीम से अपील की कि प्रदेश सरकार को और विभिन्नता लाने में मदद की जाए। उन्होंने इस संबंधी नवनिर्माण ऊर्जा के स्रोतों की बात कही जिनमें सौर ऊर्जा, गैस आधारित व पवन ऊर्जा शक्ति आदि शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि गैस आधारित बिजली प्लांट स्थापित करने के लिए प्रदेश को जी.ई. सहित विभिन्न कम्पनियों से पेशकश प्राप्त हुई हैं। बैठक में उपस्थित अन्यों में वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल, पंजाब किसान आयोग के चेयरमैन अजय वीर जाखड़, मुख्य सचिव करन अवतार सिंह, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री तेजवीर सिंह, प्रमुख सचिव स्थानीय निकाय ए.वेणु प्रसाद व विशेष सचिव (वित्त) डा. अभिनव त्रिखा शामिल थे।