तीन प्रमुख शख्सियतों को शाही सम्मान देने का ऐलान

लंदन, 9 जून (मनप्रीत सिंह बद्धनी कलां):  महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय के जन्म दिन मौके पर जारी हुई शाही सम्मान की सूची में सिख भाईचारे के लिए काम करने वाली तीन प्रमुख शख्सियतों को शाही सम्मान देने के लिए ऐलान किया गया है। जिसमें सिख और पंजाब संबंधी खोजकार अमनदीप सिंह मादरा को ओबीई का सम्मान देने का ऐलान किया गया है। अमनदीप सिंह मादरा गत दो दशकों से यूके में सिख और पंजाब बारे खोज कार्य में जुटे हुए हैं। उन्होंने इस समय दौरान बहुत सारी पुस्तकों द्वारा और प्रदर्शनियों द्वारा सिख व पंजाबी विरसे को दर्शाया और लोगों तक पहुंचाया। उन्होंने कहा कि यह सम्मान यूके पीएचए की पूरी टीम द्वारा यह सम्मान स्वीकार करते हैं, यह संस्था 2001 में शुरू की थी, जिसके द्वारा लंदन में ‘सिखों का साम्राज्य’ प्रदर्शनी लगाई जा रही है। बुलवरहैप्टन यूनिवर्सिटी में सिख और पंजाबी सैंटर की मुख्य डा. उपिन्द्रजीत कौर तक्खर को उनकी सिख भाईचारे गत 20 वर्षों से दी जा रही सेवाओं के बदले एमबीई का खिताब दिया गया है। डा. तक्खर ने कहा कि उनके कार्यों को यह सम्मान मिलना खुशी की बात है। इससे उनको और भी हौसले से काम करने की शक्ति मिलेगी। डा. तक्खर ने कहा कि उनके द्वारा यूके में सिख प्रचारक पैदा करने के लिए जल्द ही नया प्रोग्राम शुरू किया जा रहा है। डा. उपिन्द्रजीत कौर तक्खर यूके में जन्मी हैं जबकि उनके माता-पिता 6वें दशक में पंजाब से यूके आए थे। वह डर्बी शहर में रहते हैं। इसी तरह ब्रिटिश सिख रिपोर्ट के सम्पादक ग्रेवजैंड निवासी जगदेव सिंह विरदी को सिख भाईचारे के लिए की गई सेवाओं के बदले एमबीई का खिताब दिया गया है। विरदी यूके के सरकारी आंकड़े रखने वाली राष्ट्रीय संस्था एनएस के पहले अल्पसंख्यक डिप्टी डायरैक्टर रह चुके हैं। वह गुरु नानक गुरुद्वारा ग्रेवजैंड के लिए लम्बे समय से विभिन्न सेवाएं दे रहे हैं और यूके में पंजाबी संस्कृति का प्रचार करने वाले जुगनूं भंगड़ा ग्रुप के चेयरपर्सन भी रह चुके हैं। उन्होंने कहा कि खुशी की बात है कि भाईचारे के लिए की गई सेवाओं के बदले आज उनको महारानी द्वारा एमबीई का खिताब मिला है। वर्णनीय है कि यह बकिंघम पैलेस में होने वाले विभिन्न समारोहों दौरान प्रदान किए जाएंगे।