किसान आंदोलन सब्ज़ी काश्तकारों को पड़ा महंगा

फिरोज़पुर, 9 जून (मलकीयत सिंह): तेल के बढ़ भाव, सब्ज़ियां व दूध की बेकद्री को लेकर देश के 172 किसान संगठनों द्वारा गत दिवस शुरू किया किसान आंदोलन पंजाब के सब्ज़ी काश्तकारों को महंगा पड़ा नज़र आ रहा है। बेशक किसान संगठनों ने इस आंदोलन को पंजाब में 6 जून को ही समाप्त कर दिया था, परन्तु 5-6 दिन किसानों द्वारा सब्ज़ी न तोड़ने कारण इसकी पैदावार में बेतहाशा वृद्धि होने के कारण इन दिनों मंडियों में सब्ज़ियों की बाढ़ आई हुई है, जिसके मद्देनज़र सब्ज़ियां के भाव में किसान आंदोलन से पहले से भी गिरावट आ चुकी है। कई सब्ज़ियां तो ऐसी हैं, जिनका कोई खरीददार न होने कारण इनको फेंकना पड़ रहा है। इसके साथ ही अन्यों प्रदेशों को भेजी जाती सब्ज़ियों की मांग भी 50 फीसदी कम हो चुकी है, आढ़तियों व व्यापारियों के बताने अनुसार महज़ 6 जून को ही सब्ज़ियों के भाव में मामूली तेज़ी आई थी, परन्तु 7, 8 व 9 जून से सब्ज़ियां मंदी के दौर से गुज़र रही हैं। कई सब्ज़ियां ऐसी हैं जिनके भाव पहले से 90 फीसदी तक नीचे आ चुके हैं। आढ़तियों व व्यापारियों ने बताया कि किसानों के आंदोलन से पहले टमाटर के भाव 150 रुपए प्रति करेट (भाव 6 रुपए प्रति किलो) थे, जोकि अब घट कर महज़ 25 रुपए प्रति करेट ही रह चुका है व व्यापारी इन टमाटरों को इस भाव पर भी खरीदने के लिए तैयार नहीं। इसके साथ ही करेले का पहले भाव 11 रुपए प्रति किलो था, जो घट कर 6 रुपए प्रति किलो, बैंगणी 15 रुपए प्रति किलो से कम 5 रुपए प्रति किलो, तोरी 10 रुपए प्रति किलो से घट कर 6 रुपए प्रति किलो, गवारा फली 20 रुपए प्रति किलो से घट कर 8 रुपए प्रति किलो, धनिया 35 रुपए पांजे से घट कर 15 रुपए पांजे तक आ चुका है। व्यापारियों ने बताया कि महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश, दिल्ली आदि प्रदेशों को जाने वाली सब्ज़ियों की मांग भी 50 फीसदी कम हो चुकी है व पंजाब की बड़ी सब्ज़ी मंडियां जो एक-दूसरे को सब्ज़ी सप्लाई करती हैं, में भी मांग घटी हुई है। सब्ज़ी काश्तकारों के अनुसार कई सब्ज़ियां ऐसी हैं, जिनको हर रोज़ तोड़ना ज़रूरी है, परन्तु इस किसान आंदोलन दौरान लगातार 5-6 दिन सब्ज़ी न तोड़ने कारण सब्ज़ियां खराब हो चुकी हैं।फलों के भाव में भी आई गिरावट : पंजाब में महज़ 5-6 दिन  ही सब्ज़ी मंडियां बंद होने कारण सब्ज़ियों के साथ-साथ फलों के भाव में भी गिरावट आ रही है। किसान आंदोलन दौरान पंजाब की कई मंडियों में फल बेचने पर भी पाबंदी लगा दी थी व कई व्यापारियों के स्टोरों में पड़े फल खराब हो गए थे, जिसके साथ फल व्यापारियों को लाखों रुपयों का घाटा पड़ा था। इस समय  सब्ज़ी मंडियों में लीची, केले, आम आदि मौसमी फलों की भरमार है, जो हैदराबाद, आंध्रा प्रदेश, यू.पी., मध्यप्रदेश आदि प्रदेशों से पंजाब की मंडियों में आते हैं। पंजाब में 6 दिन बंद होने कारण इन फलों की भी आमद बढ़ चुकी है, जिस कारण फलों में 30 फीसदी गिरावट बताई जा रही है। दूध के भाव में तीन रुपए लीटर आई तेज़ी... पनीर, दही आदि के भी बढ़ेंगे भाव : पंजाब में किसान आंदोलन समाप्त होते ही दूध व्यापारियों ने बैठकें करके दूध के भाव तीन रुपए प्रति लीटर के हिसाब से बढ़ा दिये हैं व कई जगह पर दोधी 7 रुपए प्रति फैंट के हिसाब से हलवाईयों को दूध बेचेंगे, जिस संबंधी ज़िला प्रशासन ने मध्यस्थता करते इन फैसलों पर मोहर लगाई है। दूध व्यापारियों ने बताया कि बाज़ार में बेशक दूध 3 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से बढ़ गया है, परन्तु बड़ी फैक्टरियों जिनको हज़ारों लीटर दूध रोज़ाना बेचा जाता है, इन फैक्टरियों द्वारा दूध के भाव बढ़ाने से इन्कार कर दिया गया है, जिस कारण दूध के बड़े कारोबारी घाटे में जाने लगे हैं। दूध खरीद कर पनीर, दही आदि बना कर बेचने वाले डेयरी व्यापारियों का कहना है कि दूध व डीज़ल के रेटों में आई तेज़ी कारण आते दिनों में पनीर 240 रुपए प्रति किलो से बढ़ा कर 280 रुपए किलो व दही 60 रुपए प्रति किलो से बढ़ा कर 70 रुपए किलो कर दिया जाएगा।