विद्युत् सब्सिडी वाली योजनाओं पर आ सकता है संकट

जालन्धर, 11 जून (शिव शर्मा) : यदि भविष्य में बिजली सब्सिडी वाले वर्गों के लिए सरकार द्वारा निश्चित समय पर सब्सिडी की राशि की अदायगी पावरकॉम को नहीं की जाती तो पंजाब राज्य विद्युत प्राधिकरण आयोग के निर्देशों के अनुसार पावरकॉम को दरें लागू करने का अधिकार है, क्योंकि पी.एस.ई.बी. के सेवा मुक्त इंजी. पदम जीत सिंह द्वारा डाली एक याचिका के अनुसार पावरकॉम को आयोग ने इस तरह की स्थिति आने पर फीसें लागू करने का अधिकार दे दिया है। वैसे सरकार ने बिजली सब्सिडी की कुछ राशि का भुगतान गत माह पर देने का कार्य आरम्भ कर दिया है। स. पदम जीत सिंह ने वित्तीय वर्ष 2016-17 और वर्ष 2017-18 दौरान पंजाब सरकार द्वारा सब्सिडी की अदायगी न करने के बारे में पंजाब बिजली प्राधिकरण आयोग के पास याचिका दायर की थी जिसमें इसका ज़िक्र किया गया था कि वित्तीय वर्ष 2017-18 में व वित्तीय वर्ष 2016-17 में सब्सिडी की अदायगी पहले अदा की जाएगी, क्योंकि सब्सिडी कानून द्वारा एक अग्रिम अदायगी है, जो अगले वर्ष में नहीं मिल सकती। आयुक्त ने आज पदमजीत सिंह द्वारा दायर याचिका पर अपना आदेश जारी कर दिया है। आयोग ने चिंता का जिक्र करते हुए कहा कि वर्ष 2016-17 और वर्ष 2017-18 के वित्तीय वर्ष के लिए सब्सिडी के कारण पंजाब सरकार द्वारा भुगतान की कोई कमी बताई गई है। 31 मार्च 2017 तक की दी जा रही सब्सिडी 2918.17 करोड़ रुपए की थी, जोकि 31 मार्च 2018 तक बढ़ कर 4768.65 करोड़ हो गई है। सरकार ने आयोग को बताया था कि सरकार की वित्तीय स्थिति अभी अच्छी नहीं है परन्तु इस मामले में जल्द ही सब्सिडी की राशि जारी कर दी जाएगी। इस मामले में दलील दी गई थी कि अदायगी पर ब्याज की अदायगी को सब्सिडी के भुगतान में देरी ठीक नहीं है। राज्य सरकार ने बिजली एक्ट 2003 के सैक्शन 65 का उल्लंघन किया है, जिससे पारवकॉम की नकद लेन-देन, वेतन, मुरम्मत ओर रख-रखाव, बिजली खरीद व अन्य अहम खर्चों से सम्बन्धित खर्चों का भुगतान करने की समर्था पर भी प्रभाव पड़ रहा है। सब्सिडी की राशि में देरी होने से वित्तीय संस्थाओं से कामकाज प्रभावित होने का सन्देह व्यक्त किया गया था, जिस कारण यह सब्सिडी की राशि जल्द जारी करने के निर्देश दिए गए थे।पोटो