किम-ट्रंप ऐतिहासिक शिखर वार्ता- बीती बातें भुलाकर आगे बढ़ने पर हुए सहमत


सिंगापुर, 12 जून (भाषा): उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से सुरक्षा गारंटी दिए जाने के बदले में बीती बातों को भुलाने और कोरियाई प्रायद्वीप के पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण की ओर काम करने का आज वादा किया। दोनों नेताओं ने यहां ऐतिहासिक वार्ता को खत्म करते हुए एक संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर किए। बयान के अनुसार, ट्रंप और किम ने दोनों देशों के बीच नए संबंध बनाने और कोरियाई प्रायद्वीप में स्थाई शांति स्थापित करने से संबंधित मुद्दों पर विस्तारपूर्वक, सघन तथा ईमानदारी से बातचीत की। 
बयान में कहा गया है कि राष्ट्रपति ट्रंप डीपीआरके (कोरिया लोकतांत्रिक जनवादी गणराज्य) को सुरक्षा गारंटी देने के लिए प्रतिबद्ध हैं तथा चेयरमैन किम जोंग उन ने कोरियाई प्रायद्वीप के पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण की ओर दृढ़ एवं अटल प्रतिबद्धता जताई है। दोनों पक्षों ने युद्ध बंदियों और युद्ध में लापता लोगों के अवशेषों को बरामद करने की प्रतिबद्धता भी जताई। कई महीनों की कूटनीतिक उठापटक के बाद दोनों नेताओं ने सेंटोसा द्वीप पर कापेला सिंगापुर होटल में केवल अनुवादकों की मौजूदगी में एक-दूसरे से मुलाकात की और इसके बाद अपने शीर्ष सहायकों के साथ वर्किंग लंच पर मिले। ट्रंप ने वार्ता के अंत में मीडिया की मौजूदगी में किम के साथ दस्तावेज पर हस्ताक्षर करते हुए कहा कि हम बेहद वृहद दस्तावेज पर हस्ताक्षर कर रहे हैं और हमने साथ में अच्छा वक्त बिताया तथा अच्छे संबंध बनाए।
अमरीका के किसी राष्ट्रपति और उत्तर कोरियाई नेता के बीच यह इस तरह की पहली वार्ता रही। परमाणु निरस्त्रीकरण के बारे में एक सवाल के जवाब में ट्रंप ने कहा कि हमने उस प्रक्रिया को शुरू कर दिया है। किम ने एक अनुवादक की मदद से कहा कि हमने बीती बातों को पीछे छोड़ने का फैसला किया है। दुनिया एक बड़ा बदलाव देखेगी। ट्रंप (71) ने कहा कि यह वार्ता उम्मीदों से कहीं बेहतर रही और उनका 34 वर्षीय किम के साथ काफी अनोखा रिश्ता बन गया है। यह पूछे जाने पर कि क्या दोनों नेता फिर मिलेंगे, इस पर उन्होंने कहा कि हम फिर मिलेंगे, हम कई बार मिलेंगे। 
उन्होंने कहा कि किम बेहद प्रतिभाशाली व्यक्ति हैं जो अपने देश को बहुत प्यार करते हैं। ट्रंप ने कहा कि वह निश्चित तौर पर किम को व्हाइट हाऊस में आने के लिए आमंत्रित करेंगे। कमरे से निकलते हुए ट्रंप और किम ने एक-दूसरे की पीठ थपथपाई। इससे पहले सुबह एक लग्जरी होटल में दोनों नेताओं के अलग-अलग पहुंचने के साथ वार्ता शुरू हुई। अमरीका और उत्तर कोरियाई ध्वजों के सामने दोनों एक दूसरे की तरफ आगे बढ़े और दृढ़ता से एक-दूसरे का हाथ थाम लिया। दोनों नेताओं ने करीब 12 सेकंड तक हाथ मिलाया। इस दौरान उन्होंने एक-दूसरे से कुछ शब्द कहे और उसके बाद होटल के पुस्तकालय के गलियारे में चले गए। 
स्थानीय समयानुसार सुबह नौ बजकर छह मिनट पर वे कमरे में गए जहां उन्होंने अकेले में करीब 45 मिनट तक मुलाकात की।  उत्तर कोरियाई मीडिया के मुताबिक किम वास्तव में वार्ता स्थल पर ट्रंप से सात मिनट पहले पहुंच गए थे। ऐसा उन्होंने सम्मान व्यक्त करने के लिये किया क्योंकि यह संस्कृति है, जिसमें युवा बुजुर्गों के प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिये उनसे पहले पहुंचते हैं। ट्रंप ने जो लाल टाई पहनी हुई थी वह भी किम के प्रति कुछ सम्मान व्यक्त करने वाली हो सकती है, क्योंकि उत्तर कोरियाई इस रंग को पसंद करते हैं। बाद में उन्होंने प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की।  किम से कम से कम तीन बार पूछा गया कि क्या वह परमाणु हथियार छोड़ देंगे, इसकी प्रतिक्रिया में वह सिर्फ मुस्कुराए।  किम ने कहा कि आगे चुनौतियां आएंगी लेकिन हम ट्रंप के साथ काम करेंगे। प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक के बाद ट्रंप और किम ने कामकाजी बातचीत करते हुए दोपहर का भोजन किया जिसमें उनके लिए पश्चिमी और एशियाई व्यंजन परोसे गए जिसमें कोरियन स्टफ्ड कुकुंबर और बीफ से लेकर हागेन दाज की आईसक्रीम शामिल थीं। दोनों नेताओं ने जैसे ही कमरे में प्रवेश किया, उनकी तस्वीरें खींचीं गईं। लंच के बाद दोनों नेताओं ने होटल के अहाते में चहलकदमी की।
द कोरिया ने सदी की वार्ता बताया : डोनाल्ड ट्रंप और किम जोंग उन की आज ऐतिहासिक शिखर वार्ता की दक्षिण कोरिया ने सराहना की और स्थानीय मीडिया ने इसे सदी की वार्ता करार दिया। सिंगापुर में ट्रंप और किम के हाथ मिलाने और गर्म जोशी से एक दूसरे का अभिवादन करने की तस्वीरें आने के बाद सोल ने इस पर उत्साही प्रतिक्रिया दी और प्योंगयांग के साथ एक नई शुरुआत की उम्मीद जताई। दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जेई - इन ने कहा कि हमें उम्मीद है कि वार्ता कामयाब होगी और यह पूर्ण परमाणु निरस्त्रकरण और शांति लेकर आएगी तथा दोनों कोरियाई देशों के बीच और अमरीका के साथ रिश्तों का एक नया दौर शुरू करेगी।
शिखर वार्ता का हिस्सा बनी 80 साल पुरानी मेज़
सिंगापुर के सुप्रीम कोर्ट में कई पूर्व मुख्य न्यायाधीशों द्वारा इस्तेमाल की जा चुकी 80 साल पुरानी मेज आज अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन के बीच हुई ऐतिहासिक शिखर वार्ता का अहम हिस्सा बनी। दोनों नेताओं और उनकी टीमों ने सागौन की लकड़ी से बनी इस ऐतिहासिक मेज का इस्तेमाल किया। बाद में ट्रम्प और किम ने 4.3 मीटर लंबी इसी मेज पर संयुक्त बयान पर दस्तखत किए। स्थानीय कारीगरों ने 1939 में सुप्रीम कोर्ट के लिए यह मेज डिजाइन की थी। 
भारत ने किया स्वागत
भारत ने शिखर वार्ता का स्वागत किया और इसे सकारात्मक घटनाक्रम करार दिया। शिखर वार्ता पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विदेश मंत्रालय ने उम्मीद जाहिर की कि उत्तर कोरिया प्रायद्वीप से जुड़ा कोई भी प्रस्ताव भारत के पड़ोस में प्योगयांग के परमाणु प्रसार संबंधी चितांओं को दूर करेगा। 
इस का परोक्ष आशय पाकिस्तान के संदर्भ में माना जा रहा है। भारत काफी समय से इस बात की मांग कर रहा है कि भारत के पड़ोस में उत्तर कोरिया के परमाणु प्रसार संबंधों की जांच की जाए।