फ्रैंच ओपन : नडाल की जीत इतिहास नहीं, फंतासी है

इस साल फ्रैंच ओपन में वह हुआ जो पहले कभी नहीं हुआ था। महिला एकल वर्ग का खिताब जीता तो विश्व की नंबर एक खिलाड़ी सिमोना हेल्प ने ही, लेकिन वह टेनिस इतिहास में ऐसी खिलाड़ी हैं जो बिना कोई ग्रैंडस्लैम जीते ही नंबर एक की पोजीशन पर पहुंचीं थीं, जिस पर बहुत विवाद भी हुआ था। लेकिन इससे भी बेहतर उपलब्धि ‘सुल्तान ऑफ क्ले’ रफेल नडाल की रही जिन्होंने फ्रैंच ओपन रिकॉर्ड 11वीं बार जीता। महिला एकल का फाइनल दो ऐसी खिलाड़ियों के बीच हुआ जिनमें से एक (सिमोना) ने कोई ग्रैंडस्लैम फाइनल नहीं जीता था, इससे पहले तीन बार फाइनल में पहुंची थीं, और दूसरी यू.एस. ओपन की विजेता स्लोअने स्टीफेंस ने अपना कोई फाइनल नहीं हारा था। वह विभिन्न प्रतियोगिताओं के छ: फाइनलों में पहुंचीं थीं और सभी में वह विजेता रहीं थीं। फ्रैंच ओपन में सिमोना ने स्टीफेंस को 3-6, 6-4, 6-1 से पराजित करके अपना पहला ग्रैंडस्लैम जीता और विश्व की नंबर एक खिलाड़ी होने का हक अदा किया। यह फाइनल एक तरह से पिछले साल के फाइनल की तरह था, बस विजेता बदल गई। 2017 में सिमोना एक सैट जीतने व दूसरे में 3-0 की बढ़त बनाने के बाद जेलेना ओस्टापेंको से फाइनल हार गई थीं। इस बार दसवीं वरीयता प्राप्त अमरीका की स्टीफेंस 6-3, 2-0 से आगे थीं, लेकिन वह पेरिस की गर्मी बर्दाश्त न कर सकीं और सिमोना से हार बैठीं। 26 वर्षीय सिमोना ने निर्णायक सैट बहुत शानदार खेला, जिसमें उन्होंने सिर्फ  पांच गलतियां कीं और ग्रैंडस्लैम में अपना शून्य स्टाइल में तोड़ा। उन्होंने अपनी जीत का जश्न विंबलडन की शैली में मनाया, अपने दोस्तों व परिवार के बॉक्स में चढ़कर। उन्होंने कहा, ‘जब मैं दूसरे सैट में एक ब्रेक पीछे थी तो मैंने रिलैक्स रहकर खेल का आनंद लेने का प्रयास किया और यह भी कि पिछले साल की गलतियों को न दोहराऊं। पेरिस में मेरी यह जीत बहुत ही विशेष है। सिमोना का ग्रैंडस्लैम में यह चौथा फाइनल था, अपने पिछले तीन फाइनल वह हार चुकी थीं।  जहां तक पुरुष एकल की बात है तो उसमें मेड्रिड के फाइनलिस्ट ही आमने सामने थे- क्ले के सुल्तान रफेल नडाल और एकमात्र खिलाड़ी जिन्होंने इस साल क्ले पर उन्हें हराया था यानी डोमनिक थीम। लेकिन रोलां गार्रों में नडाल ने दिखाया कि वह क्ले पर अब तक के सबसे महानतम खिलाड़ी क्यों हैं। उन्होंने थीम को सीधे सैटों में बल्कि एकतरफा मुकाबले में 6-4, 6-3, 6-2 से पराजित किया। इस प्रकार नडाल ने अपना 11वां फ्रैंच ओपन खिताब जीता। अब वह रॉजर फेडरर के 20 ग्रैंडस्लैम से मात्र 3 ही पीछे हैं। नडाल के पास 17 ग्रैंडस्लैम हैं। नडाल की इस सफलता को उपलब्धि कहना बेकार है बल्कि इसे इतिहास भी नहीं कहना चाहिए, यह फंतासी है जो निश्चित रूप से फिर कभी नहीं दोहराई जायेगी- न क्ले पर और न किसी अन्य ग्रैंडस्लैम में। हालांकि पिछले कुछ वर्षों में युवा खिलाड़ियों ने काफी कुछ हासिल किया है, लेकिन जब बात ग्रैंडस्लैम की होती है जिसमें मुकाबला पांच सैटों का होता है तो इस समय भी बिग फोर- रॉजर फेडरर, नडाल, नोवाक जोकोविच व एंडी मर्रे- अपनी बढ़ती उम्र के बावजूद लाजवाब हैं। यह चार अगर चोटिल हों या अपनी क्षमता से आधे पर खेल रहे हों, तभी हारते हैं और वह भी बड़ी मुश्किल से। फ्रैंच ओपन में नडाल अपनी क्षमता का मात्र 75 प्रतिशत ही खेल रहे थे तब भी थीम पर बहुत भारी पड़े। पिछले कुछ वर्षों के दौरान थीम ने अपने को मजबूत क्ले खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया है। यह ऑस्ट्रियाई खिलाड़ी एलेग्जेंडर ज्वेरेव व सच्चिनाटो के खिलाफ  काफी सुनिश्चित प्रतीत हुआ। ज्वेरेव व थीम के बीच क्वार्टरफाइनल ने यह संकेत दिया कि यह दोनों खिलाड़ी भविष्य के चैंपियन हैं, यह अलग बात है कि इस मैच से पहले ज्वेरेव ने जो पांच-पांच सैटों के दो मैच खेले थे, उनकी वजह से उनमें आगे खेलने के लिए दम नहीं था। फिर भी थीम को श्रेय दिया जाना चाहिए कि उन्होंने क्लिनिकल स्टाइल में क्वार्टरफाइनल को समाप्त किया। नडाल ने पूरा फ्रैंच ओपन अपनी 75 प्रतिशत क्षमता पर खेला, लेकिन वह फिर भी इतने अच्छे थे कि उन्होंने प्रतियोगिता में जॉन मार्टिन डेल पोत्रो जैसे मजबूत खिलाड़ियों को आसानी से हराया। हालांकि डिएगो सच्वार्त्जमन के खिलाफ  वह गलतियां करने लगे थे, लेकिन उन्होंने वापसी का रास्ता निकाल ही लिया। फाइनल में थीम के पास यह था कि उन्होंने मेड्रिड में क्ले पर नडाल को हराया था और वह उसी तकनीक को फिर से आजमाने के इच्छुक थे, लेकिन पेरिस में नडाल ने शुरू से ही उनकी एक न चलने दी। कहीं ऐसा नहीं लगा कि वह मैच में हैं। उन्हें कोई अवसर दिया ही नहीं गया जिससे वह गेम में बनने का प्रयास कर पाते। नडाल पेरिस में हों, क्ले पर हों और फाइनल में हों तो यह टेनिस की सबसे बड़ी चुनौती है। घास पर यही हाल फेडरर का है। इसलिए जब तक यह दो महान खिलाड़ी रिटायर नहीं हो जाते तब तक युवा खिलाड़ियों के लिए कम से कम ग्रैंडस्लैम में कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। -

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