धान की रोपाई को लेकर किसान संगठन व कृषि विभाग आमने-सामने

मोगा, 13 जून (सुरिन्दरपाल सिंह/गुरतेज सिंह): पंजाब सरकार की तरफ से पंजाब प्रीजरवेशन आफ सब आवेदनकर्ता वाटर एक्ट 2009 में संशोधन करके धान की बिजली 20 जून से करने का ऐलान किया गया जबकि किसान जत्थेबंदियां धान की बिजली 10 जून को लेकर ज़िद्दी हैं। 20 जून से पहले धान की लगवाई पर लगाई पाबंदी के कारण किसान जत्थेबंदियां और कृषि विभाग आमने-सामने हो गए हैं। पाबंदी के बावजूद भी धान की लगवाई पहले शुरू होने के कारण किसान जत्थेबंदियां और कृषि विभाग के अधिकारियों में टकराव की स्थिति बन गई है क्योंकि कि किसान जत्थेबंदियों की तरफ से धान की वाही करने वाले अधिकारियों का घेराव करके उनको बे-रंग मोड़ने का न्यौता दिया है और उनकी तरफ से बिजली की स्पलाई को लेकर बिजली ग्रिडों पर धरने भी दिए जा रहे हैं जबकि दूसरी तरफ सरकार की तरफ से 20 जून को धान की रोपाई के फैसले को लागू करवाने के लिए कृषि विभाग पूरी तरह चौकसी इस्तेमाल कर रहा है और सरकार की तरफ से भी 20 जून से पहले धान की फसल लगाने वाले किसानों विरुद्ध कार्यवाही करने के आदेश भी दिए गए हैं और पंजाब सरकार के सचिव (कृषि) काहन सिंह पन्नू जो प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के भी चेयरमैन हैं, की तरफ से समूचे पंजाब के कृषि अधिकारियों को आदेश किए जा रहे हैं कि वह इस संबंधित सख्त रवैया अपना कर किसी भी कीमत पर 20 जून से पहले धान की फ़सल नहीं लगनी चाहिए जिसको लेकर खेतीबाड़ी विभाग पूरी तरह हरकत में आया हुआ है और गत दिवस हरिन्दरजीत सिंह मुख्य कृषि अफ़सर की शिकायत पर ज़िला मोगा के गांव सेखा कलां के पूर्व सरपंच गुरमीत सिंह और 250-300 किसानों खिलाफ थाना समालसर में निर्धारित समय से पहले धान की बिजवाई करने के मामले को लेकर मुकद्दमा दर्ज किया गया है। मुख्य कृषि अफ़सर मुताबिक कृषि विभाग के अफ़सर सहित पुलिस मुलाजिमों के साथ मौके पर गए थे और उन्होंने गुरमीत सिंह का धान की फ़सल की वाही के लिए कहा और उन्होंने जहां धान की वाही से इन्कार कर दिया वहां 250/300 किसानों ने कृषि विभाग के अफ़सर का घेराव करके नारेबाज़ी भी की। ऐसी घटनाएं ज़िला बठिंडा, मानसा, बरनाला और अन्य क्षेत्रों में भी धान की अग्रिम लगवाई के मुद्दे को लेकर किसानों और कृषि विभाग के अधिकारियों में देखने को मिल रही हैं। यदि धान की बिजवाई इसी तरह जारी रही तो वह दिन दूर नहीं जब पंजाब रेगिस्तान बन जाएगा। पानी के पैदा हो रहे गंभीर संकट को देखते किसानों को मक्की, बासमती और अन्य परिवर्तनीय फसलों की काश्त करनी चाहिए। डिप्टी कमिश्नर मोगा दिलराज सिंह ने किसानों को सरकारी नियमों की पालना करने का न्यौता दिया है और उन्होंने कहा कि ब्लाक स्तर पर टीमों का गठन करके किसानों को जागरूक किया जा रहा जिससे कोई भी किसान 20 जून से पहले धान की बिजवाई न करें। डा. हरिन्दरजीत सिंह मुख्य कृषि अफसर ने कहा कि सरकार मुताबिक 20 जून से पहले धान की फसल लगाना कानूनी जुर्म है और इस से पहले धान की फ़सल की बिजवाई को वाह दिया जाएगा। कृषि विभाग मुताबिक राज्य सरकार ने 20 जून से पहले धान की रोपाई करने वाले किसानों का रिकार्ड तैयार करने के भी आदेश जारी किए हैं और यह विचार अधीन है कि अग्रिम धान की फ़सल लगाने वाले किसानों के धान की खरीद भी न की जाए और उन के ट्यूबवैल कनैक्शन भी काटे जा सकते हैं और यहाँ यह भी बताना बनता है कि 20 जून से पहले लगाई धान की फसल किसी समय भी नष्ट की जा सकती है। कृषि विभाग के डायरैक्टर जसबीर सिंह बैंस का कहना है कि मुख्य कृषि अफसरों को नोटिफिकेशन लागू करवाने के लिए वह पुलिस की सहायता लेकर नोटिफिकेशन को अमल में लाने को यकीनी बनाए। दूसरी तरफ किसान यूनियन के नेताओं का कहना है कि यदि धान 20 जून के बाद लगाया जाता है तो वह समय सिर पक्केगा नहीं जिससे किसानों को अपनी धान की फसल बेचने के लिए मंडियों में रुलने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सरकार इस फ़ैसले पर फिर गौर करें।