अमृतसर में प्लास्टिक के लिफाफों का प्रयोग नहीं हो रहा बंद

अमृतसर, 13 जून (राजेश कुमार) : गुरु नगरी में प्लास्टिक के लिफाफों का प्रयोग बंद नहीं हो रहा है जिसका मक्की व आलू के स्टार्च से बने लिफाफों की कमी को बताया जा रहा है। वातावरण को प्रदूषित बनाने में अहम रोल निभाने वाले प्लास्टिक से बने लिफाफों को खत्म करने के लिए पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड द्वारा गुरु नगरी में श्री हरिमंदिर साहिब से 1 अप्रैल को शिरोमणि कमेटी के सहयोग से मक्की व आलू के स्टार्च से बने लिफाफों की शुरूआत की गई थी। जिसके बाद से वहां आने वाले श्रद्धालुओं को कड़ाह प्रसाद के लिए कमेटी की ओर से मुफ्त लिफाफे दिये जा रहे है लेकिन वातावरण की दृष्टि से महत्पूर्ण इन लिफाफों की मौजूदा समय में काफी कमी सामने आ रही है जिसके कारण इन लिफाफों को शहर के साथ-साथ अन्य गुरुद्वारों में आरंभ करने दिक्कत आ रही है। इस संबंध में शिरोमणि कमेटी के प्रवक्ता व अतिरिक्त सचिव दिलजीत सिंह बेदी ने बताया कि मक्की व आलू के स्टार्च से बने इन लिफाफों को बनाने वाली देश में गुजरात स्थित एक कंपनी है। अभी अन्य कंपनियों द्वारा इस ओर रूख नहीं किया गया है जिसके कारण सप्लाई में कमी आ रही है और खपत ज्यादा है। उन्होने कहा कि पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के साथ बातचीत के बाद इसका जल्द ही हॅल निकाल लिया जायेगा तांकि सप्लाई में तेजी आने से अन्य गुरुद्वारों में भी इन लिफाफों को पूर्ण तौर पर लागू किया जा सके।