कृषि शिक्षा के लिए 2225 करोड़ की मंजूरी

नई दिल्ली, 13 जून (वार्ता): सरकार ने कृषि क्षेत्र में नई तकनीकों और प्रौद्योगिकी के विकास के उद्देश्य के लिए उच्च कृषि शिक्षा को और बेहतर बनाने का निर्णय लिया है जिस पर 2225 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की आज यहां हुयी बैठक में कृषि मंत्रालय के इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। इस कार्य योजना को 2017 से 2020 तक लागू किया जायेगा। वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने निर्णय की जानकारी संवाददाताओं को देते हुए बताया कि इस राशि से कृषि शिक्षा संस्थानों को और बेहतर बनाया जायेगा, जिससे अच्छे वैज्ञानिक और कुशल मानव संसाधन तैयार होगा। इसके महत उच्च कृषि शिक्षा के विकास पर 2050 करोड़ रुपए व्यय किये जायेंगे जबकि राष्ट्रीय कृषि शिक्षा अनुसंधान प्रबंधन पर 24.25 करोड़ रुपये खर्च होंगे। केन्द्रीय महिला कृषि संस्थान पर 151.21 करोड़ रुपए खर्च किये जायेंगे। ओबीसी में उप-वर्गीकरण के लिए गठित आयोग की अवधि बढ़ी :  सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में उप-वर्गीकरण के मुद्दे की जांच के लिए गठित आयोग की अवधि आगामी 31 जुलाई तक बढ़ा दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल की आज यहां हुई बैठक में इससे संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। इस आयोग को आगामी 20 जून तक अपनी रिपोर्ट देनी थी। आयोग ने इस मुद्दे पर राज्य सरकारों, राज्यों के अन्य पिछड़ा आयोगों, समुदायों के प्रतिनिधियों, अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों के साथ कई बैठकों में व्यापक विचार-विमर्श किया है। आयोग ने उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश पाने वाले ओबीसी छात्रों तथा केन्द्रीय विभागों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्त संस्थानों में नौकरी पाने वाले ओबीसी उम्मीदवारों के जातिवाद आंकड़े भी एकत्र किये हैं। प्रगति मैदान की 3.70 एकड़ भूमि होटल निर्माण के लिए बेचने का निर्णय : सरकार ने राजधानी के प्रगति मैदान में बन रहे विश्व स्तरीय एकीकृत प्रदर्शनी सह सम्मेलन केन्द्र के लिए वित्त उपलब्ध करने के उद्देश्य से इस केन्द्र में होटल निर्माण के निए भारतीय व्यापार संवर्धन संगठन (आईटीपीओ) द्वारा 3.7 एकड़ भूमि को निजी क्षेत्र सहित तीसरे पक्ष को बेचने की आज मंजूरी प्रदान कर दी। मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया, जिसमें इस भूमि पर भूमि एवं विकास कार्यालय (एल एंड डीओ) लगाये गये शुल्कों के साथ ही रेल मंत्रालय का भूमि शुल्क माफ कर दिया गया है। सरकार ने होटल निर्माण एवं संचालन के लिए 99 वर्ष की लीज पर यह भूमि निजी क्षेत्र सहित तीसरे पक्ष को पारदर्शी प्रतिस्पर्द्धा बोली के आधार पर देने का निर्णय लिया है।