आज फादर्स डे  पर विशेष : आकाश से भी ऊंचा है पिता का स्थान

‘पिता व संतान का रिश्ता अद्भुत है। इस बेशकीमती रिश्ते की बात ही ऐसी है कि पिता के नज़दीक आते ही बच्चों को ऐसा लगता है जैसे किसी वट वृक्ष की छांव में आ गए हों। सुरक्षा सुविधाएं , प्रोत्साहन और कभी-कभी डांट से भी बच्चों को सही राह व दिशा देने का काम अगर कोई पूरे जी जान से करता है तो वह हैं डैड, पापा, फादर ,या कुछ और कहे जाने वाले पिता’। उसी रिश्ते को सम्मान देने को सारी दुनिया में फादर्स डे मनाते हैं।  सम्मान का सम्बन्ध   आधुनिकता के दौर में जब संबंध टूट रहे हैं, तब भी पिता व बच्चों के संबंधों पर बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ा है और इस रिश्ते ने अपनी महत्ता व गरिमा बनाए रखी  है। भले ही समय के साथ इस रिश्ते में भी बदलाव आ रहा है पर आज भी दुनिया के किसी भी कोने में पिता के रिश्ते को न केवल बहुत ही सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है वरन् यही ऐसा रिश्ता है जिस पर आज भी पूरा-पूरा विश्वास किया  जाता है।आकाश से भी ऊंचे पिता  किसी भी बच्चे पर जिन दो व्यक्तियों का सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ता है उनमें मां के साथ पिता का प्रभाव सबसे ज्यादा होता है। दूसरे रिश्ते इन दो रिश्तों के बाद आते हैं। पिता का महत्व जितना भारत जैसे देश में है शायद ही कहीं दूसरी जगह पर  हो।  यहां पिता का स्थान आकाश से भी ऊंचा है , भले ही वजह कुछ भी हो पर पापा यानि कि पिता की सुरक्षा में बच्चे खुद को पूरी तरह महफूज़ मानते हैं। पापा सबसे ज्यादा विश्वास के पात्र  पापा वह व्यक्ति हैं जिन पर पूरा परिवार आंख बंद करके विश्वास करता है , वे बच्चों की सुरक्षा के लिए बड़े से बड़ा खतरा उठाते हैं। बच्चों के करियर , उनकी तरक्की, आराम व सुख के लिए पापा कोई भी कदम उठाने में हिचकते नहीं  हैं । इतिहास में ऐसे हज़ाराें उदाहरण  हैं जिनमें पापा अपने सपनों को बच्चों के माध्यम से पूरे होते देखना चाहते हैं । हर पिता अपने बच्चों की हर हसरत पूरी करना चाहता है और बदले में सिर्फ इतना ही चाहते हैं कि उनकी संतान उनका नाम रौशन करें उनके सपने पूरे करें।सपने तो ठीक पर ... पापा होने का मतलब अपने सपने बच्चों पर लादना नहीं होना चाहिए, बल्कि उन्हें सही गलत की पहचान कराना, सही रास्ता दिखाना, उनका मार्ग-दर्शन करते हुए मंज़िल तक पंहुचाना है।  यदि पिता अपने सारे विचार बच्चों पर लादने की गलती करते हैं तो बच्चे का व्यक्तित्व दबता व कुंठित होता चला जाता है, और कोई भी समझदार पिता ऐसा नहीं चाहेगा। पर बच्चों का भी फर्ज बनता है कि जन्म देने व पालने-पोसने वाले पिता को हर खुशी दें। उन्हें गर्व करने के मौके दें। समझें पापा को  संतान  के रूप में हमें यह समझना होगा कि पापा का मतलब ए.टी.एम. नहीं है जिससे केवल, रुपए ही निकाले जाते हैं  जैसे वे हमारी भावनाओं को समझते हैं, हमें भी वैसे ही भी उनकी भावनाओं का सम्मान  करना चाहिये। करें खुश डैड को आज के दिन कितना अच्छा हो कि हम अपने पापा को ऐसा बेहतरीन तोहफा दें कि वे  कह उठें ‘आई एम प्राउड ऑफ  यू माई सन ’  यह उनके किसी अधूरे सपने को पूरा करके दिया जा सकता है। तो भूलियेगा नहीं कि जैसे पापा आपका हैप्पी बर्थडे सेलिबे्रट करते हैं वैसे ही आप भी आज उन्हें ‘फादर्स’ डे सेलिब्रेट’ करके खुश कर सकते हैं। वैसे भी पापा को खुश करना कोई मुश्किल काम नहीं है, उन्हें खुश करने के लिए उनकी पसंद का काम करें , तोहफा दें न दें पर जीवन में कुछ बड़ा व अच्छा करके दिखाने से ही पापा का सिर गर्व से तन जाएगा और पापा यही तो चाहते हैं आपसे। उपहार देना ही चाहें तो उनके लिये एक अच्छी-सी टाई या रूमाल मात्र भी उन्हे खुश करने को पर्याप्त है ,  उनकी ज़रूरत का मोबाइल, लैपी या कोई और गजेट कमाने पर दे सकते हैं। अभी तो सुबह-सुबह उनके कमरे में एक महकती खुश्बू का बुके रख दें या ऑफिस से आने पर उनकी पसंद का गरमागर्म नाश्ता अपने हाथों से परोस दें इतने में ही पापा खुश हो जाते हैं। तो इस  फादर्स डे पर आप पापा को खुश करना व उन्हे विश करना नहीं भूलें।