अपनी बगिया को महकाएं, रोजमैरी हर्ब लगाएं

रोजमैरी- इसे पोलर प्लांट, कंपास बीट, कंपास प्लांट, ड्यि ऑफ  द सी, गार्डन रोजमैरी, मैरीज मेंटल, भी कहा जाता है। यह एक ऐसा हर्ब है जो भू-मध्यरेखीय क्षेत्र में उगाया जाता है, लेकिन आज इसकी खेती पूरी दुनिया में की जाती है। इसकी खुशबूदार पत्तियों का इस्तेमाल भोजन को सुगंधित बनाने के लिए किया जाता है। इंटरनेशनल हर्ब एसोसिएशन द्वारा साल 2001 में इसे रोजमैरी नाम दिया गया। पहले पहल इसका इस्तेमाल रोम में किया जाता था इसे याद्दाश्त बढ़ाने और पौरुष में वृद्धि करने वाली जड़ी बूटी माना जाता था और इसका चिकित्सा जगत में भी इस्तेमाल होता था। धीरे-धीरे ब्रिटेन, इटली और फ्रांस में इसे भोजन को सुगंध और स्वाद देने के लिए इस्तेमाल में लाया जाने लगा। यही वजह है कि आज इसकी खेती पूरी दुनिया के देशों में की जा रही है और इसका भोजन में इस्तेमाल हो रहा है। पौधे की बनावट रोजमैरी हर्ब की शाखाओं का रंग अलग-अलग होता है। इसका पौधा 3 फुट लंबा होता है। पत्तियां के बीच  में शिराएं होती हैं और यह किनारे से मुड़ी होती हैं। पत्तियों की लंबाई एक इंच लंबी और रंग गहरा होता है। इसकी तीखी महक होती है और फूलों का रंग नीला होता है। फ ूल छोटे और हल्के नीले रंग के होते हैं। मई-जून में इसके फूल आते हैं। उस दौरान पूरे पौधे से महक आती है। रोजमैरी के पौधे को सूरज की रोशनी और दोमट मिट्टी की ज़रूरत होती है। यह घर के भीतर भी उगाया जा सकता है। इसे वहीं लगायें जहां सूरज की रोशनी हो, गमले में लगे पौधे की मिट्टी नम रहनी चाहिए। रोजमैरी को उगाने के लिए बीजों का इस्तेमाल किया जाता है। इसकी पौधे तैयार करके उसे दूसरी जगह रोपित किया जाता है। अपने गार्डन में इसे लगाने के लिए इसके बीजों को किसी अंधेरे कमरे में पौध बनाने के लिए डालना चाहिए। बीज डालने के बाद मिट्टी ऊपर से एकसार कर देनी चाहिए। दो से तीन सप्ताह के बाद यह अंकुरित हो जाते हैं और इसे दूसरे गमले में लगा सकते हैं।  पौधा जब 4 इंच का हो जाए तो इसे बाहर लगा सकते हैं। गमले में इसकी मिट्टी नम रहनी चाहिए लेकिन गमले में पानी देर तक खड़ा नहीं रहना चाहिए क्योंकि नमी से इसकी जड़ खराब हो सकती है। अगर इसे गार्डन में जमीन में लगाया जाता है तो एक पौधे की दूरी 3 से 6 सेंटीमीटर तक होनी चाहिए। कंटेनर में लगाने के लिए इसकी पौध को कंटेनर में तभी रोपित करें अगर इसकी जड़ अच्छी तरह जम जाए। इसे बड़े कंटेनर में लगाएं ताकि जड़ें पूरी तरह फैल सके। जिस गमले में इसे लगाएं उसे धूप वाली जगह पर रखें। क्योंकि यह पौधा अच्छी धूप में वृद्धि करता है। पौधे में नियमित पानी डालें लेकिन ज्यादा पानी से बचाएं। कंटनेर में लगाने के बाद यह पौधा 3 से 4 साल तक हरा भरा रहता है। समय-समय पर इसकी छंटाई करते रहें। रोजमैरी में फंगस, कीड़े और दीमक लगने का खतरा ज्यादा होता है इसलिए इसकी जड़ को नमी से बचाकर रखना चाहिए और इसमें नीम की खाद या केंचुएं की खाद का इस्तेमाल करना चाहिए।

    —किरण भास्कर