मैसी ने पैनल्टी गंवाई : आइसलैंड ने अर्जेंटीना को ड्रा पर रोका

मॉस्को, 16 जून (वार्ता) : अर्जेंटीना के सुपर स्ट्राइकर और कप्तान लियोनल मैसी आश्चर्यजनक रूप से पेनल्टी चूक गए और उनकी टीम अर्जेंटीना को फुटबाल विश्वकप के अपने ग्रुप डी मुकाबले में शनिवार को नवोदित आइसलैंड से 1-1 का ड्रा खेलने के लिए मजबूर होना पड़ा। गत उपविजेता और विश्व की पांचवें नंबर की टीम अर्जेंटीना का सामना पहली बार क्वालीफाई करने वाली आईसलैंड से था और 22वीं रैंकिंग की टीम आइसलैंड ने अर्जेंटीना को ड्रा पर रोक कर बड़ा उलटफेर कर दिया। सर्जियो एग्वेरो ने 19वें मिनट में बॉक्स के अंदर 12 मीटर से बेहतरीन गोल कर पूर्व चैंपियन और गत उप विजेता टीम को आगे कर दिया लेकिन अर्जेंटीना की यह ़खुशी ज्यादा देर नहीं टिकी रह सकी। विश्व कप में हिस्सा लेने वाली टीमों में जनसंख्या के लिहाज से सबसे छोटे देश आइसलैंड ने चार मिनट बाद ही बराबरी हासिल कर अर्जेंटीना को चौंका दिया। अल्फ्रेड फिन्नबोगासन ने नजदीक से आइसलैंड के लिए उसका विश्व कप का पहला गोल दाग दिया। अर्जेंटीना को 64वें मिनट में पेनल्टी मिली जब एग्वेरो को पीछे से होर्डर बोर्गविन मैग्नसन ने गिरा दिया लेकिन मैसी इस सुनहरे मौके का फायदा नहीं उठा पाए और उनका कमजोर शॉट सीधे गोलकीपर हनेस पोर हॉलडोर्स के हाथों में चला गया। मैसी का चूकना था कि डग आउट में बैठे उनके साथी खिलाड़ियों ने अपना सर थाम लिया। मैसी की चूक अंत में अर्जेंटीना को भारी पड़ी और उसे आइसलैंड के साथ अंक बांटने के लिए मजबूर होना पड़ा। मैसी के लिए आज का दिन अच्छा नहीं रहा। उन्होंने न केवल पेनल्टी गंवाई बल्कि उनके कई बेहतरीन प्रयास गोल के दाएं- बाएं से निकलते रहे और मैसी की झुंझलाहट बढ़ती गयी। मॉस्को के स्पार्टक स्टेडियम में अपनी टीम के ड्रा के बाद अर्जेंटीना के समर्थक काफी निराश नजर आये जबकि छोटे से देश आईसलैंड के लिए यह ड्रा जीतने जैसा रहा।  वर्ष 1978 और 1986 में चैंपियन रहे अर्जेंटीना को अपने ग्रुप में नाइजीरिया और क्रोएशिया से खेलना है। पांच बार के विश्व के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी मैसी का पेनल्टी चूकना बड़ा उलटफेर रहा जबकि उनके समकक्ष माने जाने वाले पुर्तगाल के क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने कल स्पेन के खिलाफ बेहतरीन पेनल्टी लगायी थी। यूरो कप के क्वार्टरफाइनल तक पहुंचने वाली आइसलैंड की टीम ने अपने प्रदर्शन से जम कर वाह वाही बटोरी और ग्रुप की अन्य टीमों को खतरे का संकेत भी दे दिया। आइसलैंड के डिफेंडर मैसी की प्रतिष्ठा से जरा भी प्रभावित नजर नहीं आये और उन्होंने इस करिश्माई फॉरवर्ड को खुलकर खेलने का मौका नहीं दिया।