कैप्टन ने की जनमत संग्रह 2020 का समर्थन करने पर खैहरा की आलोचना

चंडीगढ़, 16 जून (विक्रमजीत सिंह मान): विरोधी गुट के नेता स. सुखपाल सिंह खैहरा द्वारा सिखों के अलग राज्य की मांग वाले 2020 जनमत संग्रह के कथित समर्थन बयान बल्कि पंजाब की राजनीति पूरी तरह गर्मा गई है। जहां खैहरा को कांग्रेस व अकाली दल ने इस मुद्दे पर घेर लिया है वहीं खैहरा की अपनी पार्टी ने खैहरा के बयान से किनारा कर लिया है। इस संबंधी आप के प्रदेश सह-प्रधान डा. बलबीर सिंह ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी जनमत संग्रह 2020 मुहिम का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप में किसी किस्म का समर्थन नहीं करती। खैहरा द्वारा ‘जनमत संग्रह 2020’ के समर्थन किये जाने पर हैरानगी व्यक्त करते हुए पार्टी नेता ने कहा कि जनमत संग्रह 2020 को समर्थन खैहरा की अपनी निजी राय हो सकती है, परन्तु इस तरह की राय से आप का कोई संबंध नहीं है। दूसरी ओर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने खैहरा को घेरते कहा कि खैहरा का बयान दुर्भाग्यपूर्ण व जनमत संग्रह के पक्ष में नज़र आ रहा है। उन्होंने कहा कि विरोधी गुट के नेता को शायद पंजाब के इतिहास बारे कोई समझ नहीं है जिसके चलते वह अपने इस बयान के संभावी परिणामों को महसूस नहीं कर रहा। कैप्टन ने कहा कि पंजाब व यहां के लोगों ने अलगाववादी लहर दौरान कई वर्ष बड़ा संताप झेला है व खैहरा इससे पूरी तरह बेसमझ लगता है। कैप्टन ने कहा कि खैहरा को इसका कोई अनुमान नहीं है कि उसका बयान प्रदेश को क्या खतरा पैदा कर सकता है। उन्होंने कहा कि नाज़ुक व विस्फोटक खालिस्तानी मुद्दे पर आप के प्रमुख अरविंद केजरीवाल को अपना स्टैंड स्पष्ट करना चाहिए। कैप्टन ने कहा कि वह जानना चाहते हैं कि क्या केजरीवाल व उसके साथी भारतीय संविधान को बनाए रखें व शांति के लिए पैहरा देने के पक्ष में हैं या नहीं।जाखड़ द्वार आलोचना  उधर पंजाब कांग्रेस प्रधान सुनील जाखड़ ने इस मुद्दे पर खैहरा की कड़ी आलोचना करते खैहरा को तुरन्त पंजाब विधानसभा में विरोधी गुट के नेता के पद से हटाने व विधायक के तौर पर इस्तीफे की मांग की है। उन्होंने मांग की है कि यदि आप नेता सदन के पद से इस्तीफा नहीं देते तो उसको हटाया जाए। खैहरा के खिलाफ केस दर्ज हो : मजीठिया दूसरी ओर सीनियर अकाली नेता पूर्व मंत्री स. बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि इस मामले में खैहरा के खिलाफ राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों के लिए आपराधिक मामला दर्ज किया जाए। स. मजीठिया ने कहा कि केजरीवाल स्पष्ट करें कि क्या वह खैहरा द्वारा जनमत 2020 की तरफदारी का समर्थन करते हैं? उधर इस संबंधी जब स. खैहरा से बात की गई तो उन्होंने  कहा कि चाहे उन्होंने कभी भी इसका समर्थन नहीं किया, परन्तु वह स्वीकार करने से भी नहीं  झिझकते कि यह विभाजन के बाद की केन्द्रीय सरकारों के सिखों प्रति पक्षपात व भेदभाव का परिणाम है। उन्होंने कहा कि चाहे कि ब्रिटेन नई सरकार ने सिखों को एक अलग पूर्ण राज्य की पेशकश की थी, परन्तु फिर भी उन्होंने भारत का हिस्सा बनने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि यह तथ्य है कि बंटवारे का सबसे बड़ा संताप सिखों ने झेला, जबकि उनको पूरी तरह से उजड़ कर भारत आना पड़ा।  उन्होंने कहा कि मेरे साथ बिना बात किये ही मेरी अपनी पार्टी के नेताओं ने मेरा विरोध किया है जिसका उनको दुख है। खैहरा ने कहा कि जो विरोधी पार्टियां चाहती थीं मेरी पार्टी के नेताओं ने वही किया।