ट्रकों में सामान ढोने की समर्था बढ़ाने पर विचार कर रहा केन्द्र

जालन्धर, 17 जून (शिव शर्मा) : ट्रकों में भार ढोने की समर्था में वृद्धि करने की चल रही तैयारी से ट्रांसपोर्टर वर्ग में अभी से आशंका जताई जा रही है कि पंजाब में पहले ही ओवरलोड से कारोबार का काफी नुक्सान हो रहा है यदि केन्द्र सरकार ने ट्रकों में भार ढोने की समर्था में वृद्धि कर दी तो इससे उनके कारोबार को और नुक्सान पहुंच सकता है। एक जानकारी के अनुसार केन्द्र सरकार इस प्रस्ताव पर भी गम्भीरता से विचार कर रही है कि ट्रकों में सामान आने की समर्था में 20 से 25 प्रतिशत तक की मंजूरी प्रदान कर दी जाए। यदि फैसला लागू होता है तो व्यापार वर्ग को चाहे कोई राहत मिल सकती है कि सामान ट्रकों में भेजने से व्यापारी वर्ग के किराए का खर्च कम हो जाएगा। परन्तु ट्रांसपोर्ट के कारोबार से जुड़े कई व्यक्तियों का मानना है कि इसका विपरीत व्यापारी वर्ग का भी नुक्सान बढ़ सकता है यदि यह फैसला लागू होता है तो इससे ट्रांसपोट वर्ग को तो वित्तीय नुक्सान होगा बल्कि सामान पाने की समर्था में वृद्धि करने से तो गाड़ियों की मुरम्मत का खर्चा भी बढ़ जाएगा। सूत्रों की माने तो इस बारे में सामान ज्यादा पाने की समर्था बढ़ाने का फैसला तो एक बार किया जा चुका है जब ट्रांसपोर्टरों ने केन्द्र तक बात पहुंचाई थी कि निर्धारित समर्था के अनुसार गाड़ियों में सामान लेकर पाने के बाद यदि कुछ टन ज्यादा सामान होता है तो डी.टी.ओ./आर.टी.ए. गाड़ियों के चालान कर दिए थे व इसलिए कुछ टन ज्यादा सामान पाने की मंजूरी दे दी जाए तो उस समय 5 टन तक सामान पाने जाने की मंजूरी दे दी गई थी कि यदि किसी का 5 टन ज्यादा सामान ट्रकों में होता है तो उसकी जांच नहीं की जाएगी। परन्तु इसकी आड़ में इससे भी ज्यादा सामान गाड़ियों में पाया जाता है। पंजाब ट्रक आप्रेटर यूनियन पंजाब प्रधान हैप्पी संधू ने बताया कि केन्द्र को 20 से 25 प्रतिशत सामान ज्यादा पाने की समर्था में वृद्धि नहीं करनी चाहिए। यदि वह व्यापारी वर्ग को कोई राहत देना चाहता है तो उसको जी.एस.टी. में कटौती करनी चाहिए। जिससे किराया काफी कम हो जाएगा। पुरानी गाड़ियों पर छूट देनी चाहिए व नई गाड़ियां ज्यादा सामान पाने वाली बनाई जानी चाहिएं। इससे किसी का नुक्सान नहीं होगा।