अंतिम-16 का लक्ष्य लेकर आस्ट्रेलिया से भिड़ेगा डेनमार्क

समारा (रूस), 20 जून (एजेंसी) : फीफा विश्व कप के अंतिम-16 दौर में प्रवेश हासिल करने का लक्ष्य लेकर डेनमार्क की टीम गुरुवार को आस्ट्रेलिया के खिलाफ ग्रुप मैच में मैदान पर उतरेगी। आस्ट्रेलिया और डेनमार्क के बीच ग्रुप-सी का यह मैच समारा एरीना में गुरुवार शाम 5.30 (भारतीय समयानुसार) से खेला जाएगा। उल्लेखनीय है कि अपने पहले मैच में पेरू को 1-0 से हराकर विश्व कप का विजयी आगाज करने वाली डेनमार्क की टीम ग्रुप स्तर में फ्रांस के बाद दूसरे स्थान पर है। फ्रांस और डेनमार्क के बराबर अंक हैं। डेनमार्क केवल गोल स्तर के कारण पीछे है। ऐसे में अगर डेनमार्क की टीम आस्ट्रेलिया को हराने में कामयाब होती है, तो वह अंतिम-16 दौर में अपना स्थान पक्का लेगी। हर ग्रुप में शीर्ष दो पर कायम रहने वाली टीमें नॉकआउट में प्रवेश करती है। डेनमार्क की टीम ने अब तक केवल तीन बार अंतिम-16 दौर में प्रवेश किया है। उसका सबसे अच्छा प्रदर्शन 1998 में रहा, जब उसने क्वार्टर फाइनल तक का सफर तय किया था। आस्ट्रेलिया पर जीत हासिल कर वह चौथी बार अंतिम-16 में कदम रखेगी। पिछले मैच में डेनमार्क के डिफेंस ने अच्छा काम किया था। उसने पेरू को एक भी गोल दागने नहीं दिया। इसमें टीम के गोलकीपर कैस्पर इश्माइकल ने अहम भूमिका निभाई थी और अपने अगले मैच में भी उसका डिफेंस इसी फॉर्म में नजर आएगा। ऐसे में आस्ट्रेलिया के लिए डेनमार्क के गोल पोस्ट तक पहुंचना उसी तरह मुश्किल होगा, जिस तरह पेरू के लिए रहा। आस्ट्रेलिया को अपने पहले मैच में फ्रांस से 2-1 से हार का सामना करना पड़ा। इस मैच में उसका डिफेंस कमजोर नजर आ रहा था। सॉकरोज के नाम से प्रसिद्ध आस्ट्रेलिया का डिफेंस अगर ऐसे ही रहा, तो अगले मैच में डेनमार्क उस पर हावी हो जाएगा। ऐसे में ग्रुप स्तर पर तीसरे स्थान पर काबिज आस्ट्रेलिया को अगर अंतिम-16 दौर में प्रवेश की उम्मीदें बरकरार रखनी है, तो उसे डेनमार्क के डिफेंस को भेद कर गोल स्कोर करने की रणनीति के साथ मैदान पर उतरना होगा। इस मैच में अगर आस्ट्रेलिया जीत हासिल करती है, तो उसके खाते में तीन अंक हो जाएंगे और वह भी डेनमार्क और फ्रांस की बराबरी पर आ जाएगी। इस मैच में कप्तान मिले जेडिनाक के अलावा अन्य खिलाड़ियों को भी अपने खेल में और भी तेजी लानी होगी। फ्रांस के खिलाफ अपने पिछले मैच से आस्ट्रेलिया काफी सबक सीखते हुए अगले मैच के लिए तैयारियों में सुधार कर सकती है।  उसे डेनमार्क खामियों में अपने गोल के अवसरों को तलाश कर उन्हें भुनाना होगा, क्योंकि अंकों के साथ-साथ गोल का अंतर भी मायने रखता है।