भारत की उभरती डिस्कस थ्रो खिलाड़ी नवजीत कौर ढिल्लों

बहुत ही हंसमुख और मिलनसार स्वभाव वाली नवजीत कौर ढिल्लों ने 21वें राष्ट्रमंडल खेल जो गोल्डकोस्ट में हुए, में 57.46 मीटर से देश के लिए कांस्य पदक हासिल किया। अंतर्राष्ट्रीय डिस्कस थ्रो नवजीत कौर ढिल्लों का जन्म 6 मार्च, 1995 को पिता जसपाल सिंह ढिल्लों और माता कुलदीप कौर की कोख से ज़िला अमृतसर में हुआ। नवजीत कौर ढिल्लों के माता-पिता भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी रह चुके हैं। माता कुलदीप कौर ढिल्लों एशियन गेम्ज़ 1986 सिओल में हाकी में कांस्य पदक प्राप्त कर चुकी हैं और पिता जसपाल सिंह ढिल्लों जोकि नवजीत के कोच भी हैं, नवजीत को खेलों का शौक उनके अपने बड़े भाई जसदीप सिंह ढिल्लों के खेल से पड़ा, जोकि शॉटपुट के अंतर्राष्ट्रीय एथलीट हैं। नवजीत कौर में खेलों का जुनून परिवार के खून में ही है। उन्होंने अपनी स्कूली विद्या श्री गुरु हरिकृष्ण पब्लिक स्कूल, जी.टी. रोड अमृतसर से और बी.ए. खालसा कालेज फार वूमैन अमृतसर से की।नवजीत कौर ने अपना खेल करियर 2007 में शुरू किया और 2009 तक उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर कई पदक प्राप्त किए और अपने नाम पर कीर्तिमान स्थापित किए। वर्ष 2011 में यूथ वर्ल्ड चैम्पियनशिप में हिस्सा लिया। 2011 में यूथ कॉमनवैल्थ खेलों में कांस्य का पदक प्राप्त किया। नवजीत ढिल्लों ने 2012 में दोहरे पदक प्राप्त किए। 
शॉटपुट/डिस्कस थ्रो में जूनियर नैशनल खेलों में 2012 में जूनियर एशियन खेल श्रीलंका में हिस्सा लिया और रजत पदक भारत की झोली में डाला। 2011 यूथ वर्ल्ड जो फ्रांस में हुआ, उसमें 44.46 मीटर से कांस्य पदक प्राप्त किया। 2014 में एशियन एथलैटिक्स ताइवान, चैम्पियनशिप में शॉटपुट और डिस्कस थ्रो में पदक प्राप्त किए। इस तरह नवजीत ढिल्लों का अंतर्राष्ट्रीय खेल करियर शुरू हुआ। नवजीत ढिल्लों ने अब तक अपने खेल करियर की 59.18 मीटर से सर्वोत्तम परफॉर्मेंस दी।नवजीत ढिल्लों ने जहां 21वें राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक लेकर भारत पदक सूची में अपना नाम दर्ज करवया, वहां पंजाब का सम्मान बढ़ा। इस बार राष्ट्रमंडल खेलों में पंजाब के चार एथलीट चुने गए। जिनमें से 3 एथलीट अमृतसर ज़िले से संबंधित थे। नवजीत कौर को जहां राष्ट्रमंडल खेलों में पदक लेकर खुशी हुई, वहीं उनको अपनी पंजाब सरकार से शिकायत है कि उन्होंने अब तक खेल करियर में अपने कोच पिता जसपाल ढिल्लों की निगरानी में प्रशिक्षण लेकर लाखों रुपए खर्च किए हैं, लेकिन पंजाब सरकार की ओर से उनकी कोई भी आर्थिक सहायता नहीं की गई और न ही उनकी अच्छी ट्रेनिंग के लिए कोई प्रयास किया गया। नवजीत कौर का कहना है कि वह 2017 में अपने खर्चे पर अमरीका में ट्रेनिंग के लिए गई, जिससे उनको बहुत कुछ सीखने को मिला। अगर पंजाब सरकार खेलों में अच्छे प्रयास करे तो नवजीत कौर ढिल्लों ओलम्पिक्स में अच्छा प्रदर्शन कर सकती हैं। नवजीत कौर ढिल्लों इस समय एशियन खेलें जोकि अगस्त में जकारता में हो रही हैं, उसमें पदक लेकर अपने देश और पंजाब का नाम ऊंचा करेगी। नवजीत कौर ढिल्लों का कहना है कि उनको इस क्षेत्र में प्रैक्टिस करते हुए 10 वर्ष हो गए हैं, लेकिन उनके शहर अमृतसर में प्रैक्टिस करने के लिए कोई सिंथैटिक ट्रैक नहीं है।नवजीत ढिल्लों का राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक प्राप्त करने पर पंजाब सरकार को छोड़ और कई संस्थाओं ने समय-समय पर सम्मान भी दिया। गुरुनानक देव यूनिवर्सिटी के उप-कुलपति डा. जसपाल सिंह संधू और डायरैक्टर स्पोर्ट्स डा. सुखदेव सिंह की ओर से भी विशेष सम्मान दिया गया। नवजीत कौर ढिल्लों एक खिलाड़ी होने के साथ-साथ एक समाजसेवक भी हैं। वह अपने खेल सैंटर में छोटे-छोटे बच्चों और खिलाड़ियों को भी समय-समय पर किटें और स्पोर्ट्स शूज़ और डाइट बांट कर उनकी सहायता करती हैं और साथ ही एक अच्छा खिलाड़ी बनने के लिए प्रेरित करती हैं। नवजीत कौर की इन उपलब्धियों को देखकर 100 से अधिक खिलाड़ी यूनिवर्सिटी खेल में ट्रेनिंग करने आते हैं। नवजीत ढिल्लों इस समय भारतीय रेलवे में अपनी सेवाएं दे रही हैं। भारतीय रेल की ओर से भी नवजीत के राष्ट्रमंडल खेलों में पदक प्राप्त करने पर उनका विशेष सम्मान किया गया। नवजीत कौर ढिल्लों और उसका भाई जसदीप सिंह ढिल्लों इस समय पूरी मेहनत से एशियन खेलों की तैयारी कर रहे हैं। नवजीत कौर भारत सरकार से मांग करती है कि अच्छे खिलाड़ियों को विदेशों में ट्रेनिंग करने के लिए भेजा जाए ताकि आने वाले 2020 टोक्सो ओलम्पिक खेलों में यह खिलाड़ी भारत देश की झोली में अधिक से अधिक पदक डाल सकें। 

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