जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू

नई दिल्ली/ श्रीनगर, 20 जून (भाषा, उपमा डागा पारथ) : गठबंधन सहयोगी पीडीपी से भाजपा की समर्थन वापसी और उसके बाद मुख्यमंत्री के रूप में महबूबा मुफ्ती के इस्तीफे के कारण जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू कर दिया गया। एक दशक में यह चौथा मौका है जब राज्य में राज्यपाल शासन लगा है। गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि राष्ट्रपति ने जम्मू-कश्मीर में तत्काल प्रभाव से राज्यपाल शासन लगाने की मंजूरी दे दी है। राज्यपाल की रिपोर्ट का ब्यौरा तुरंत ही सूरीनाम भेजा गया, जहां अपने पहले दौरे पर जा रहे राष्ट्रपति का विमान भारतीय समयानुसार तड़के तीन बजे उतरना था। राष्ट्रपति ने रिपोर्ट को देखने के बाद अपनी मंजूरी दे दी और इस बाबत सुबह छह बजे केंद्रीय गृह मंत्रालय को सूचित किया। इसके बाद राज्यपाल शासन लगाने की प्रक्रिया तैयार की गई और इसे श्रीनगर भेजा गया। राज भवन के एक प्रवक्ता ने श्रीनगर में बताया कि भारत के राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के तुरंत बाद राज्यपाल एन.एन. वोहरा ने जम्मू-कश्मीर के संविधान की धारा 92 के तहत राज्य में राज्यपाल शासन लागू करने का आज आदेश दिया। उन्होंने बताया कि राज्यपाल ने मुख्य सचिव बी.बी. व्यास से उन प्रमुख कार्यों पर चर्चा की जिन्हें आज ही शुरू करके तय समय सीमा में पूरा करना है। बीते चार दशक में यह आठवां मौका है जब राज्य में राज्यपाल शासन लगाया गया है। वर्ष 2008 से वोहरा के कार्यकाल में चौथी बार राज्य में राज्यपाल शासन लागू किया गया है। भाजपा ने कल दोपहर अचानक ही राज्य में पीडीपी के साथ तीन साल पुराने अपने सत्तारूढ़ गठबंधन से समर्थन वापस ले लिया था और यहां राज्यपाल शासन लगाने की मांग की थी। आतंकवाद का सफाया ही लक्ष्य : राजनाथ : केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि केन्द्र सरकार चाहती है कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद समाप्त हो और शांति व्यवस्था कायम हो। राजनाथ सिंह ने संवाददाताओं से अलग से कहा कि लक्ष्य केवल एक ही है कि आतंकवाद समाप्त होना चाहिए और कश्मीर में शांति व्यवस्था कायम होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसी लक्ष्य को सामने रखकर हमारी सरकार काम करेगी।दीपेन्द्र सिंह हुड्डा हो सकते हैं जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल :  जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल एन.एन. वोहरा का कार्यकाल अगले सप्ताह समाप्त हो रहा है लेकिन श्री अमरनाथ की वार्षिक यात्रा पूरी होने तक वह अपने पद पर बने रहेंगे और इसके बाद लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) दीपेंद्र सिंह हुड्डा राज्य के राज्यपाल हो सकते हैं। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि वोहरा का कार्यकाल जून के आखिर में समाप्त होगा, लेकिन वह इस पद पर बने रहेंगे, क्योंकि 28 जून से श्री अमरनाथ यात्रा शुरू हो रही है। इस दौरान केंद्र सरकार उनकी जगह किसी नये व्यक्ति को राज्यपाल बना सकती है। सूत्रों ने बताया कि 12 नवम्बर 1956 को जन्मे जनरल हुड्डा को कश्मीर मामलों में विशेषज्ञता हासिल है। वह नगरोटा स्थित व्हाइट नाइट (16 कोर) के जनरल ऑफिसर कमांडिंग और उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन चीफ भी रहे हैं। वह इस पद पर सितंबर 2016 में पाकिस्तानी सीमा के भीतर की गई सर्जिकल स्ट्राइक के समय तक थे।बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम जम्मू-कश्मीर के नये मुख्य सचिव नियुक्त   छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस अधिकारी बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम को आज बी.बी. व्यास की जगह जम्मू-कश्मीर का मुख्य सचिव नियुक्त किया गया है। आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, व्यास को गत माह एक वर्ष का सेवा विस्तार दिया गया था और अब उन्हें राज्यपाल एन. एन. वोहरा का सलाहकार नियुक्त किया गया। पूर्व आईपीएस अधिकारी विजय कुमार राज्यपाल के एक अन्य सलाहकार होंगे।