ख़तरनाक नस्ल के पालतू कुत्तों को रखने के शौक मनुष्यों व जानवरों पर पड़ रहे भारी

गुरदासपुर, 21 जून (आऱिफ) : भारत में ख़तरनाक कुत्तों को पालतू बना कर रखने का रुझान बढ़ता जा रहा है। जबकि पंजाब में यह रुझान चरम पर पहुंचा हुआ है। आए दिन इन ख़तरनाक कुत्तों की ओर से काटे जाने कारण मनुष्यों और जानवरों की जहां मौत हो जाने के समाचार सामने आ रहे हैं, वहीं गंभीर रूप में ज़ख्मी होने के बड़ी संख्या में केस भी सामने आ रहे हैं। सिर्फ़ पंजाब में ही परिवार भलाई और सेहत विभाग पंजाब के अनुसार प्रति दिन 300 केस ऐसे ही कुत्तों की ओर से काटे जाने के सामने आ रहे हैं। जबकि साल 2016-17 में 1 लाख से अधिक केस कुत्तों की तरफ से काटे जाने के रजिस्टर्ड किये गए थे। इन में ज़्यादा केस वही हैं जहां कुत्तों की ओर से अपने ही मालिकों यां किसी परिवार के सदस्यों को काटे जाने के शामिल हैं। यहां यह भी बताना ज़रूरी है कि संबंधित विभाग ने जो आंकड़े रजिस्टर्ड किये हैं, वह लोगों की शिकायत के आधार पर हैं। जबकि 50 से 60 प्रतिशत लोग ऐसे मामलों की शिकायत करते ही नहीं हैं। सबंधित विभाग अनुसार पिछले साल 4700 के करीब कुत्तों की तरफ से काटे जाने के ऐसे मामले सामने आए थे जो बहुत ही गंभीर थे, जिनमें से कईयों की बाद में मौत भी हो गई। पंजाब में अमरीकन पिटबुल्ल, रोटवीलर, अमरीकन बुलडोग, अमरीकन मस्टीफ, स्टैफोडीज़र बुल्ल, अमरीकन स्टैफोडीज़र, जर्मन शाफर, डावरमैन पिंशचर, जापानी तुसलानस, अरजनटीन डोगस आदि ख़तरनाक किस्मों लोगों की तरफ से शौकिया तौर पर रखी जा रही हैं। जबकि इन में से बहुत सी किस्मों विदेशों में बैन की हुई हैं। सिर्फ़ अमरीका में ही पिटबुल्ल रखे जाने पर 16 राज्यों में इसकी पाबंदी लगाई हुई है। कैनेडा, अमरीका, आइरलैंड, यू.के. सहित अनेकों देशों में ख़तरनाक नसल के कुत्ते रखने पर जहां पाबंदी है और जिन कुत्तों को रखने की मान्यता दी है, उनके लिए भी काफ़ी सख्त नियम बनाऐ हुए हैं। परन्तु भारत में ऐसे कोई भी नियम बनाने सम्बंधी सरकारों ने विचार नहीं की। विशेषज्ञों अनुसार पिटबुल्ल, रोटवीलर जैसे पालतू कुत्तों के व्यवहार का कोई भरोसा नहीं होता। यही कारण है कि पंजाब में अब तक अनेकों घटनाएं सामने आईं हैं। जिसमें इन ही कुत्तों ने अपने ही मालिकों को मार मुकाया है। विशेषज्ञों अनुसार दो पिटबुल्ल मिल कर एक बब्बर शेर तक को मार सकते हैं। परन्तु इसके बावजूद लोग बेखौफ होकर इन कुत्तों को रख रहे हैं। इस मामले को गंभीरता के साथ लेते हुए पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के वकील पुरू जरेवाल ने डायरैक्टर एनिमल हसबैंडरी, चेयरमैन वैल्लफेयर एनिमल बोर्ड आफ इंडिया और मुख्य मंत्री पंजाब को इस सम्बंधी लिखित तौर पर एक मांग पत्र भेज कर पालतू कुत्तों के रख-रखाव के लिए नियम बनाने को कहा है। श्री जरेवाल के साथ बात करने पर उन्होंने बताया कि पहले तो संबंधित विभागों को घरों में रखने योग्य कुत्तों की चयन करना चाहिए और सिर्फ़ उन कुत्तों को ही रखने की मान्यता दी जानी चाहिए जो जानवरों और इंसानी ज़िंदगी पर भारी न पड़ने।