प्रवासी मज़दूरों की कम आमद के कारण लेबर की कमी बनी समस्या

संगरूर, 22 जून (धीरज पशौरिया): ज़िला संगरूर में 2.83 लाख हैक्टेयर रकबे में धान लगाया जाना है, लेबर की कमी बड़ी समस्या बनी हुई है। बिहार जहां हर वर्ष लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर धान की रोपाई के लिए पंजाब आते हैं, वहीं नरेगा के कार्य तथा अन्य विकास कार्य चलने कारण इन प्रवासी मजदूरों की आमद बहुत कम हो गई तथा किसान कई-कई दिनों से बिहार से आने वाली रेलगाड़ियों का इंतजार कर रहे हैं। फिलहाल उनके हाथ निराशा ही लगी है। गांव मंगवाल के किसान राजपाल सिंह मंगवाल का कहना है कि इस बार धान लगाने के लिए 20 जून की तारीख तय होने कारण बड़ी समस्या आ गई है अब जब सारे किसान एक दम धान लगाने लग गए हैं तो लेबर की बड़ी समस्या पैदा हो गई है। गांवों की लेबर जिन्होंने पिछले वर्ष 2200 रूपए प्रति एकड़ लिए थे इस बार तीन हजार रूपए प्रति एकड़ ले रहे हैं। धान की रोपाई में हो रही देरी कारण पनीरी पकने लगी है जिस कारण किसानों को फिर से पनीरी तैयार करनी पड़ सकती है। दूसरी ओर धान की रोपाई में देरी होने कारण कटाई भी देरी से होगी जिस कारण धान की फसल में नमी की मात्रा बढ़ जाएगी जो परेशान का सबब बनेगी। इस समय पूसा 44, पी.आर. 126 तथा 127 किस्मों के धान की रोपाई 30 जून तक हो जानी चाहिए। उधर कृषि अधिकारी डा. जसविन्द्रपाल सिंह ग्रेवाल का कहना है कि धान की सीधी रोपाई को लेकर किसानों में उत्साह है। विभाग द्वारा जिले के 2000 एकड़ के रकबे में रखे लक्ष्य में 1500 हैक्टेयर में सीधी रोपाई हो चुकी है।