लेखिका बीटरिक्स पॉटर का बाल संसार

स्कूल समय में प्रसन्नचित्त करने वाली बाल पुस्तिका ‘टेल ऑफ पीटर रेबिट’ की स्मृतियां लेकर हम अंग्रेज़ लेखिका बीटरिक्स पॉटर के हिल टॉप होम पहाड़ी पर बने घर के लिए रवाना हुए जो इंग्लैंड के ‘लेख डिस्ट्रिक्ट’ में स्थित है जो शानदार प्राकृतिक सौंदर्य के लिए विश्व विख्यात है। हम उस जादू की खोज में निकले थे जो 19वीं शताब्दी के अंत से आज तक बच्चों और व्यस्कों को अपनी 23 कहानियों द्वारा हर्षित एवं मोहित कर रहा है। बीटरिक्स पॉटर एक विशिष्ट महिला थी जिनमें लेखिका के अतिरिक्त, वैज्ञानिक, चित्रकार, व्यापारिक एवं पर्यावरण संरक्षक जैसे अनेक गुण सिमटे थे। कार पार्क से छोटी वॉक के पश्चात् हमें एक निजी पहाड़ी पर ‘हिल टॉप होम’ जाने के संकेत दिखे। वहां जाने का मार्ग हमारे भारतीय हिल स्टेशन सा था।बीटरिक्स पॉटर : अद्वितीय महिला हिल टॉप होम की ओर चलते हुए मैंने बीटरिक्स के जीवन की घटनाओं का स्मरण किया। जुलाई 1866 में जन्मीं बीटरिक्स को बचपन से ही स्केचिंग (रूप-रेखा चित्रकारी) में रुचि थी और 24 वर्ष की आयु में बीटरिक्स ने कुछ विशेष रेबिट (खरगोश) चित्र बनाए जिनके क्रिसमस कार्ड भी छपवाए जो बहुत बिके। तब उसने निर्णय लिया कि इस प्रिय रेबिट पर एक बाल पुस्तिका भी लिखेगी, यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि तब इतिहास की रचना हुई जब बीटरिक्स पॉटर ने सुप्रसिद्ध नटखट प्यारा पात्र पीटर रेबिट को जन्म दिया। प्रत्येक पब्लिशर ने उसी पुस्तिका को अस्वीकार किया तो उसने स्वयं 250 कॉपी छपवाईं और पीटर रेबिट की कहानी की हर कॉपी बिकी। फिर 1902 में प्रख्यात पब्लिशर वारने ने पुस्तिका को पसंद कर छापा और उसकी 8000 कापियां बिकीं। फिर बीटरिक्स की 6 अन्य पुस्तकें भी बड़ी संख्या में छपीं और बिकने लगीं। वर्तमान में हॉलीवुड अभिनेत्री रेनी जेलवेगनर ने फिल्म ‘मिस पॉटर’ में बीटरिक्स के पात्र को ऐसी उत्तमता से दर्शाया कि वह अविश्वसनीय है।हिल टॉप होम : बीटरिक्स का घर सुनहरी धूप में, 17वीं शताब्दी में बना बीटरिक्स के घर की प्रथम झलक मिली जो लेखलैन्ड आर्कीटेक्चर के विशेष लक्षणों वाला था : स्लेट की छत एवं स्थानीय पत्थर की दीवारें। 1905 में जब बीटरिक्स ने यह घर खरीदा तो पारम्परिक तंग विचारों वाले विक्टोरियन समाज में एक अविवाहिता के लिए यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण कदम था। सत्तावादी माता-पिता के साथ बोरिंग समय बिताती हुई बीटरिक्स के जीवन में नाटकीय ढंग से परिवर्तन आया। हिल टॉप हाउस का वातावरण उसे इतना भाया कि उसने यहां रह कर विशिष्ट 13 कथाएं रचीं जिसमें मानव समान पात्र : खरगोश, चूहे, गिलहरी और हेजहोग थे। मुख्य घर, उसके बाग, बगीचे के रास्ते एवं मुख्य द्वार की चित्रकारी के साथ वह अपनी कहानियां लिखती थी। इसलिए हमारे लिए उसकी बाल कथाओं के स्थलों को अब वास्तव में ढूंढना सरल था जो हमारे आसपास थी। मुख्य द्वार घर में प्रवेश करते ही ऐन्टरेन्स पार्लर था जहां मानों स्वागत का वातावरण था। दीवार पर एक बहुत बड़ी फायर रेन्ज थी जिसका बीटरिक्स  पॉटर की कथा पुस्तकों में भी चित्रण है और दीवार पर भी पुराने वॉल पेपर लुक जैसा नया वॉल पेपर लगा था। यहां 17वीं शताब्दी के अनेक प्रदर्शन थे जिनका उसकी कहानी-पुस्तकों में भी चित्रण है। जैसे विशाल घड़ी, ओख लकड़ी का कर्बोड एवं प्रसिद्ध चियन-डेल शैली की कुर्सियां। साथ ही 19वीं शताब्दी का एक बड़ा ड्रैसर प्रदर्शित था जो बीटरिक्स की पुस्तिका ‘टेल ऑफ सैमुएल विसकर्स’ का भी हिस्सा है और उस पर इस बाल पुस्तिका की एक कॉपी भी सजी हुई थी। बीटरिक्स ने इस पार्लर (बैठक कक्ष) में एक चिमनी भी लगवाई जिसके आसपास 18वीं  व 19वीं शताब्दी के पोर्स लेन (चीनी) का विशिष्ट सामान सजा था। ऐन्टरेन्स पार्लर (प्रवेश बैठक कक्ष) की सजावट किसी मूवी सैट के समान थी। वहां 1902 की चायदानी टी-पॉट सजा था जो बीटरिक्स की बाल पुस्तिका ‘टेल ऑफ पाई एन्ड पैटी पैन’ के रीबी पात्र द्वारा उपयोग किया जाता था। फिर हम 18वीं शताब्दी की लकड़ी  की सीढ़ियां चढ़ कर हिल टॉप फार्म हाउस के ऊपरी भाग में गए जिससे बिल्कुल ऐसा प्रतीत हुआ कि हम बीटरिक्स पॉटर की कहानी का भाग हों। वॉलनट लकड़ी की सुंदर अलमारी वाली घड़ी के आगे से होकर हम ऊपर पहुंचे जहां कुर्सी के पीछे बीटरिक्स की सैर करने वाली जैकट ऐसी टंगी थी जैसे कि उसके जीवन काल में वह स्वयं रखती होगी। सीढ़ियां और उसकी लेंडिंग देखकर और वहां बिछा कालीन देखकर, मुझे याद आया कि बीटरिक्स ने कहानी पुस्तिका ‘द टेल ऑफ सैमुएल विसकर्स’ में भी इन तीनों का विवरण किया है। इसके बाद हम बीटरिक्स के छोटे से अति सुंदर बैडरूम में गए जिसका उत्कृष्ट भाग है ऊंची बैक, बारीक नक्काशी वाला भव्य फोर पोस्टर बैड (चार स्तम्भों वाला बैड)। फायर प्लेस (अंगीठी) के ऊपर शेल्फ पर परिवार के श्वेत-श्याम फोटो सजे थे। मैंने पहले पढ़ा था कि बीटरिक्स ने अपने उपन्यास के कथानक में ये सब अपस्टेयरस-रूमस (ऊपर के कक्ष) प्रयोग किए थे-जब उनके द्वारा रचित प्रसिद्ध पात्र पीटर रेबिट्स का लाल स्पाट्स वाला रूमाल एवं डॉल रूम (गुड़िया के कमरे) का भोजन चोरी हो जाता है। हिल टॉप फार्म हाऊस में घूमते हुए यह ख्याल आया कि इस घर की विशिष्टता है कि ‘उसकी आत्मा’ को संरक्षित किया गया है वैसे जैसे बीटरिक्स पॉटर चाहती थी। हमें बताया गया कि घर के फर्नीचर को ‘थोड़ा बहुत’ हिलाया गया ताकि घर में प्रवेश करने वाले पर्यटकों के मार्ग में न आए। साथ ही कम बिजली के प्रयोग से चलने वाली कुछ आधुनिक एल.ई.डी. लाइट्स भी लगाई गई हैं परन्तु पिछले 70 वर्षों में इससे अधिक घर में कुछ नहीं बदला। अधिकतर प्रदर्शन और सामान ठीक वहीं रखा है जहां बीटरिक्स ने अंतिम बार सजाया या रखा होगा।