बठिंडा के विकास पुरुष थे पूर्व वित्त मंत्री सुरेंद्र सिंगला 

बठिंडा, 28 जून (कंवलजीत सिंह सिद्धू): पूर्व वित्त मंत्री पंजाब सुरेंद्र सिंगला (78) का प्रात: देहांत हो गया। श्री सिंगला निमोनिया और सांस आने की पीड़ा के कारण आल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ  मैडीकल साईंसिज़ में दाख़िल थे। जहाँ उन्होंने आख़िरी साँस ली, जो अपने पीछे विधवा पत्नी, एक बेटी और एक पुत्र छोड़ गए हैं। सुरेंद्र सिंगला का पृष्टभूमि चाहे जिला पटियाला के विधानसभा हलका समाना का था, परन्तु आप ने 2002 विधानसभा मतदान बठिंडा विधानसभा हलके से लड़ी और बड़ी लीड के साथ यह चुनाव जीत कर पहले विधायक और फि र कैप्टन अमरेंद्र  सिंह की सरकार में वित्त मंत्री बने। श्री सिंगला बहुत ही दूरदर्शी राजनैतिक नेता थे, जिन्होंने अपनी सूझ-बूझ के साथ प्रांत और देश की राजनीति में अपना विशेष स्थान बनाया। छोटे से कस्बे समाना के साथ जद्दी तौर पर सबंधित श्री सिंगला दिवंगत मुख्यमंत्री पंजाब दरबारा सिंह के राजसी सचिव रहे और इस उपरांत वह अपनी राजसी सूझ समझ के दम पर प्रधानमंत्री पी. वी. नरसिम्हा राव के नेतृत्व में केंद्र सरकार के कार्यकाल दौरान राज्यसभा सदस्य भी रहे। बठिंडा को बड़ी देने देने वाले श्री सुरिन्दर सिंगला जिन्होंने 2003 में बठिंडा को नगर निगम का दर्जा दिलाकर करोड़ों रुपए की बड़ी राशि के साथ बहुत बड़े प्रोजैक्ट लगाकर विकास के रास्ते तोरा। इस दौरान सात लाईनों वाले एशिया के बड़े रेलवे जंकशन होने के कारण रेलवे फाटकों की समस्या के साथ जूझ रहे शहर के लोगों और यहाँ से गुज़रने वालों को रेलवे फ ाटक ख़त्म करके निर्विघ्न यातायात प्रदान करन के लिए रेलवे पुलों की बड़ी सौग़ात दी। वहां शहर में पानी और सीवरेज प्रबंधन प्रोजेक्टों को नये सिरे से शुरू करवाकर बठिंडा को बरसाती पानी के कारण होते नुक्सान से बचाया। इस मौके उनके साथी सीनियर कांग्रेसी नेता और प्रतिनिधि पंजाब प्रदेश कांग्रेस श्री के. के. अग्रवाल और शहर के टकसाली कांग्रेसी नेताओं ने श्री सिंगला के अचानक अकाल प्रस्थान को बठिंडा के लिए ही नहीं, बल्कि राज्यों के लिए बड़ा कमी करार दिया, क्योंकि श्री सिंगला ऐसे पहले खज़ाना मंत्री थे जिन्होंने अपने कार्यकाल दौरान न केवल अपनी, दूरअंदेशी आर्थिक नीतियों के कारण राज्यों का भरपूर विकास किया बल्कि सरकार का कार्यकाल समाप्त होने पर भी भरा खज़ाना छोड़ कर गए। श्री सिंगला बठिंडा के लोगों में इतने हरदिल अजीज थे कि बठिंडा के वोटर उनको इस बार भी विधान सभा मतदान के लिए अपना उम्मीदवार बनाना चाहते थे और मतदान के ऐलान उपरांत उम्मीदवार तह होने से पहले बठिंडा के निवासियों ने सामुहिक तौर पर उनज़्ें को उम्मीदवार बनने की अपील भी की थी। परन्तु कुछ राजसी कारणों करके उनज़्ें को टिकट नहीं मिली, परन्तु इस के बावजूद बठिंडा की उनकी बड़ी देन होने के कारण बठिंडा के वोटरों में ही नहीं बल्कि उन्होंने का राजनीतिक क्षेत्र में ओर पार्टी के नेताओं में भी बड़ा सत्कार था। इस मौके डैमोक्रेटिक स्वराज पार्टी के जिला प्रधान श्री ज्ञान चंद बांसल ने कहा कि श्री सिंगला वह राजनीतिक नेता थे, जिन्होंने पार्टी स्तर से पर उठ कर हर क्षेत्र में विकास कार्य बिन पक्षपात के करवाए जो आज भी याद किये जाते हैं।