सेवा से जुड़े मामलों को मानने से उपराज्यपाल का इन्कार : केजरीवाल

नई दिल्ली, 6 जुलाई (वार्ता) : दिल्ली के उपराज्यपाल और निर्वाचित सरकार के अधिकारों को लेकर उच्चतम न्यायालय का निर्णय आने के बाद भी उपराज्यपाल अनिल बैजल और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच अधिकारियों की नियुक्ति और तबादले के मुद्दे पर तनाव बरकरार है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीटी) के प्रशासनिक अधिकारों को लेकर उच्चतम न्यायालय का बुधवार को निर्णय आया था। इस निर्णय के आलोक में केजरीवाल और उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को राजनिवास जाकर बैजल से मुलाकात की थी। मुलाकात के बाद दोनों ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि उच्चतम न्यायालय का फैसला आने के बाद उम्मीद थी कि शंकाएं दूर होंगी और सरकार के कामकाज में तेज़ी आएगी। उन्होंने कहा कि आदेश के पैरा 277 में लिखा है कि पुलिस, भूमि और कानून-व्यवस्था के अलावा सभी मामलों में निर्णय करने का अधिकार दिल्ली सरकार के पास होगा। प्रत्येक फाइल पर उपराज्यपाल की स्वीकृति की ज़रूरत नहीं होगी। उप-राज्यपाल इस पर राजी हो गये हैं, किंतु सेवा से जुड़े मामलों को मानने से उन्होंने मना कर दिया है। उनका कहना है कि गृह मंत्रालय के आदेश को न्यायालय ने खारिज नहीं किया है और वह मंत्रालय के आदेश को ही मानेंगे, जबकि यह आदेश के खिलाफ है। वहीं दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने सुशासन और राजधानी के संपूर्ण विकास के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पूरा सहयोग देने का भरोसा दिया है। केजरीवाल और उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की शुक्रवार को पहली बार बैजल से मुलाकात हुई। बैजल ने मुलाकात के बाद ट्वीट करके कहा,‘श्री केजरीवाल और श्री सिसोदिया के साथ बैठक हुई। मैंने सुशासन और दिल्ली के संपूर्ण विकास के लिए संविधान के तहत हर संभव समर्थन और सहयोग का दोनों को आश्वासन दिया है।’ केजरीवाल ने राजनाथ से मिलने का समय मांगा : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने आज केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मिलने का समय मांगा जिससे कि वह दिल्ली में सत्ता टकराव पर उच्चतम न्यायालय के आदेश का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने का आग्रह कर सकें। केजरीवाल ने कहा कि यह बहुत ‘खतरनाक’ है कि केंद्र सरकार उपराज्यपाल को दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच सत्ता टकराव पर उच्चतम न्यायालय के आदेश का पालन न करने की सलाह दे रही है।