खाद्य और गैर-खाद्य बर्फ में अंतर करने हेतु फैक्ट्रियों को रंग मिलाने के आदेश

चंडीगढ़, 8 जुलाई (अ.स): पंजाब सरकार ने ़गैर-खाद्य बर्फ के खाद्य बर्फ के रूप में हो रहे दुरूपयोग को राकने हेतु राज्य की समस्त बर्फ बनाने वाली फैक्ट्रियों को ़गैर-खाद्य बर्फ में खाद्य रंग मिलाने के आदेश दिए हैं ताकि बर्फ का प्रयोग करके बनाई गई या संरक्षित की गई स्वस्थ खाद्य पदार्थों की उपलब्धता को सुनिश्चित किया जा सके। सभी सिविल सर्जनों को इस संबंध में जारी आदेशों का पालन न करने वाली संबंधित फेक्ट्री का चालान काटने की शक्तियां प्रदान की गई हैं। इस संबंधी विवरण देते हुए एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि खाद्य और गैर-खाद्य बर्फ के उत्पादन और प्रयोग में लगे सभी व्यापारियों को रंग (इंडिगो केरामाईन या ब्रिलियंट ब्लू 10 पीपीएम तक) का प्रयोग करके खाद्य और गैर-खाद्य बर्फ में प्रत्यक्ष अंतर सुनिश्चित करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि खराब होने वाले खाद्य पदार्थों के संरक्षण, भंडारण और ढुलाई के लिए गैर-खाद्य बर्फ के दुरूपयोग से खाद्य पदार्थों में संक्त्रमण फैलने का खतरा बना रहता है। कई बार यह देखा गया है कि खाद्य और  गैर-खाद्य बर्फ में बिना किसी प्रत्यक्ष अंतर के गैर-खाद्य बर्फ को खाने के लिए उपयोग कर लिया जाता है।  भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण द्वारा जारी एडवाईज़री संबंधी विवरण देते हुए प्रवक्ता ने बताया कि खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2011 में खाद्य बर्फ के मानक निर्धारित किए हुए हैं। उन्होंने कहा कि सभी सिविल सर्जनों को इस संबंध में जारी निर्देशों के पालन को सुनिश्चित करने के आदेश दिए गये हैं। उन्होंने कहा कि गैर-खाद्य बर्फ के खाद्य बर्फ के रूप में उपयोग को रोकने के लिए जारी निर्देशों के अपालन के मामले में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। प्रवक्ता ने आगे कहा कि पंजाब सरकार ने राज्यभर में सभी रेस्तरां, होटलों और खाना बेचने की जगहों पर एफएसएसएआई के दिशानिर्देशों को दर्शाने वाले डिस्प्ले बोर्ड लगाना अनिवार्य कर दिया है। उन्होंने कहा कि संबंधित क्षेत्र के सिविल सर्जनों को खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत पंजाब सरकार द्वारा जारी आदेशों का पालन न करने वाले व्यापारियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं।