सेहत के लिए बेहतर—ग्रीन टी


पिछले चार-पांच सालों में ग्रीन टी का चलन अधिक हो गया है, क्योंकि इसका सेवन सेहत के लिए बेहतर माना जाता है। ग्रीन टी जहां सेहत के लिए बेहतर है, वहीं अधिक ग्रीन टी का सेवन सेहत को नुक्सान भी पहुंचाता है।
ग्रीन टी नरम पत्तियों से बनती है। इसकी पत्तियों को प्रोसेस नहीं किया जाता, बस इन पत्तियों को सुखाया मात्र जाता है। अगर दूध और चीनी के बिना ग्रीन टी का सेवन किया जाए तो सेहत के लिए अधिक गुणकारी होता है। ग्रीन टी में एंटी ऑक्सीडेंट की मात्रा अधिक होती है। ग्रीन टी में कैलोरी की मात्रा कम होती है। ग्रीन टी से हर्बल टी तैयार की जा सकती है जो सेहत को और लाभ पहुंचाती है। ग्रीन टी का लाभ काफी कम हो जाता है।
ग्रीन टी के लाभ 
—ग्रीन टी के सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है जिससे हम कई बीमारियों से बच सकते हैं।
—ग्रीन टी में एंटी आक्सीडेंट की मात्रा अधिक होने से बढ़ती उम्र में शरीर के सेल्स को होने वाले नुक्सान कम होते हैं।
—बढ़े हुए पेट को घटाने के लिए रोज़ प्रात खाली पेट एक कप ग्रीन टी में नींबू, शहद मिलाकर पिएं और उसमें ऊपर से थोड़ा मेथी पाऊडर डालें।
—ग्रीन टी के सेवन से प्रोस्टेट कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर से बचा जा सकता है।
—सिर दर्द में ग्रीन टी ज्यादा लाभप्रद होती है। इसमें मौजूद एंटी आक्सीडेंट्स दर्द को कम करते हैं।
—शरीर के किसी भाग में दर्द होने से ग्रीन टी के बैग को फ्रिज में रखकर उस स्थान पर रखने से लाभ मिलता है।
—सनबर्न होने पर ग्रीन टी का बैग फ्रिज़ में रखकर प्रभावित त्वचा पर रखने से लाभ होता है।
— ग्रीन टी का बना एक कप फ्रिज में रखें। ठंडा होने पर कपड़े को ग्रीन टी के पानी में भिगो कर त्वचा में लगाएं। त्वचा साफ होगी और चमक भी आएगी।
हानियां
—दिनभर में 2 से 3 कप ग्रीन टी पी सकते हैं। इससे ज्यादा शरीर को नुक्सान पहुंचा सकती है।
—ग्रीन टी में मौजूद टैनिन पेट दर्द और कब्ज़ का कारण बनता है।
—ज्यादा ग्रीन टी के सेवन से शरीर आयरन की मात्रा को अब्जार्ब नहीं कर पाता।
—अनीमिया वाले रोगी ग्रीन टी या नार्मल टी का सेवन कम से कम करें।
—अधिक ग्रीन टी के सेवन से आस्टियोपोरोसिस की समस्या बढ़ जाती है, क्योंकि ज्यादा चाय के सेवन से शरीर में कैल्शियम कम हो 
जाता है।
—बच्चों को ग्रीन टी न दें। बच्चों में प्रोटीन और फैट जैसे ज़रूरी न्यूट्रिएंटस के जज्ब होने से रुकावट पड़ती है।
सावधानियां
—अल्सर और एसिडिटी वाले लोगों को किसी भी तरह की चाय का सेवन कम करना चाहिए। खाने के आधे घंटे पहले और दो घंटे बाद चाय के सेवन से बचना चाहिए। बेड टी और रात्रि में सोने से पहले चाय का सेवन 
न करें।
—दूध वाली चाय पीने से चाय के गुण खत्म हो जाते हैं। चीनी डालने से एसिडिटी बढ़ती है और शरीर में कैल्शियम घटता है।
—नीतू गुप्ता