खट्टर ने पानी का मामला फिर उठाया, पंजाब को कहा बड़ा भाई 


चंडीगढ़, 10 जुलाई (वि.प्र.): हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि हरियाणा में भूजल स्तर 1500 फीट तक जा चुका है जबकि पंजाब का भूजल स्तर 200 से 250 फीट तक है। इस प्रकार हरियाणा का ज्यादातर क्षेत्र पंजाब के मुकाबले डार्क जोन में जा चुका है और हरियाणा को पानी की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि मैंने पंजाब के मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह को भी पाकिस्तान में जा रहे व्यर्थ पानी के प्रबन्धन के लिए अनुरोध किया था जिससे दोनों राज्यों पंजाब एवं हरियाणा के साथ-साथ दिल्ली एवं राजस्थान को भी ज्यादा पानी मिल सकता है। इसलिए उस पानी को रोककर हरियाणा एवं पंजाब में प्रयोग किया जा सकता है और इसके लिए बांध बनाए जा सकते हैं। मुख्यमंत्री ने आज यहां कार्यक्रम के दौरान बातचीत करते ट्राईसिटी अर्थात पंचकूला-चंडीगढ़-एस.ए.एस. नगर/मोहाली के योजनागत ढांचागत विकास को लेकर बुलाई गई पैनल चर्चा में कही। मुख्यमंत्री ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि यह मंच ट्राईसिटी के योजनागत विकास की चर्चा के लिए बुलाया गया था, लेकिन पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह द्वारा ट्राईसिटी के विकास के मुद्दे पर चर्चा नहीं शुरू करके पानी के मुद्दे को उठाया गया, जिस पर उन्होंने कहा कि इस पर उनको अपना जवाब देना पड़ रहा है। पंजाब को बड़े भाई का दर्जा देते हुए उन्होंने कहा कि पानी के प्रबन्धन के लिए दोनों राज्यों पंजाब एवं हरियाणा को मिलकर कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि हांसी-बुटाना नहर की ओर से भी दक्षिण हरियाणा के क्षेत्रों को पानी दिया जा सकता है लेकिन पंजाब इस पर आपत्ति कर रहा है जबकि हांसी-बुटाना नहर से पश्चिम वाला हिस्सा हरियाणा को मिलना है और इससे दक्षिण हरियाणा के जिलों जैसे नूंह एवं महेन्द्रगढ़ में पानी दिया जा सकता है जोकि एक तरह से पानी का प्रबन्धन ही हैं और यह पानी हरियाणा के हिस्से का पानी है। इस अवसर पर चंडीगढ़ के प्रशासक वी.पी. बदनौर, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह एवं हरियाणा सुशासन सुधार अथारिटी के पूर्व चेयरमैन एवं सामाजिक क्षेत्र में कार्य कर रहे प्रो. प्रमोद कुमार ने भी ट्राईसिटी के योजनागत ढांचागत विकास एवं अन्य मुद्दों के समाधान के सम्बन्ध में अपने-अपने विचार रखे।