किसान कल्याण रैली

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मलोट रैली विशेष तौर पर इस क्षेत्र के किसानों को सम्बोधित थी। पिछले समय में श्री मोदी किसानों को उनकी फसल के उचित मूल्य दिए जाने की बात करते रहे हैं। उन्होंने कई बार तो यह भी घोषणा की थी कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुना हो जाएगी। पिछले दिनों खरीफ की फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्यों की घोषणा की गई थी। इस समय ़खरीफ की मुख्य फसल धान है। नि:संदेह इस बार सरकार ने धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 200 रुपए प्रति क्ंिवटल की वृद्धि करने की घोषणा की है। इसके साथ ही घोषित की गई 14 फसलों जिनमें दालें, मूंगफली, सूरजमुखी, सोयाबीन एवं तेल के बीज आदि शामिल हैं, के समर्थन मूल्यों में भी भारी वृद्धि की गई है। सरकार की घोषणा  के अनुसार अकेले धान की फसल का मूल्य बढ़ाये जाने से सरकारी कोष पर 15 हज़ार करोड़ रुपए का भार पड़ेगा। इससे पूर्व कभी भी सरकार ने इतने बड़े स्तर पर वृद्धि की घोषणा नहीं की थी। केन्द्र की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन सरकार अपने कार्यकाल के पहले चार वर्षों में धान की कीमत में 50 रुपए से लेकर 80 रुपए प्रति क्ंिवटल तक की वृद्धि करती रही है। चाहे प्रधानमंत्री ने यह दावा किया है कि उन्होंने इतनी बड़ी वृद्धि करके अपना वायदा पूरा किया है तथा आगे भी उनकी इच्छा ऐसी ही होगी। ऐसा करते समय केन्द्र सरकार ने आगामी लोकसभा चुनावों का अवश्य ख्याल रखा प्रतीत होता है क्योंकि पिछले कुछ वर्षों से देश में कृषि एवं कृषक की खराब होती जाती आर्थिकता का मुद्दा काफी उभर कर सामने आया है। किसान संगठन स्थान-स्थान पर धरने एवं प्रदर्शन करते रहे हैं। इस समय देश भर में सैकड़ों किसानों एवं कृषि मज़दूरों ने  अपने आर्थिक संकट के दृष्टिगत आत्म-हत्याएं भी की हैं। चाहे कुछ किसान संगठन इस वृद्धि से भी संतुष्ट नहीं प्रतीत होते, क्योंकि उनकी मांग एम.एस. स्वामीनाथन के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय किसान आयोग की रिपोर्ट के अनुसार किसानों की फसल की एकमुश्त लागत पर 50 प्रतिशत लाभ जमा करके समर्थन मूल्य घोषित करने की रही है, परन्तु इस बार की भारी वृद्धि का राजनीतिक लाभ केन्द्र सरकार अवश्य ले सकती है। इसी को दृष्टिगत रखते हुए मलोट में किसान कल्याण रैली का आयोजन किया गया, जिसमें अकाली दल एवं भाजपा के नेताओं तथा कार्यकर्ताओं के अतिरिक्त हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी शामिल हुए। स. प्रकाश सिंह बादल ने इस रैली में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की प्रशंसा करते हुए घोषणा की कि कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार के कार्यकाल के दौरान अधिकतर फसलों की कीमत में 10 रुपए से लेकर 50 रुपए तक की ही वृद्धि की जाती रही है। 
इस रैली में प्रधानमंत्री ने केन्द्र सरकार की ओर से चलाई जा रही जन-धन योजना एवं उज्जवला योजना का उल्लेख भी किया, परन्तु पंजाब के किसानों के सिर पर सवार भारी ऋण एवं पंजाब में बढ़ रहे नशे के प्रसार का कोई उल्लेख नहीं किया गया तथा न ही सुखबीर सिंह बादल की ओर से 1984 के दंगों के दोषियों को सज़ा दिलाने के संबंध में किसी प्रकार की कोई बात की गई। समूचे रूप में इस रैली का प्रभाव अच्छा पड़ा है। इससे यह उम्मीद बंधती है कि आगामी समय में सरकार इस दिशा में और पग उठा कर किसान समुदाय की आर्थिकता को प्रत्येक दृष्टि से सुधारने के लिए अधिक यत्नशील होगी।

-बरजिन्दर सिंह हमदर्द