71 साल के बाद भी सीमावर्ती गांव मूलभूत सुविधाओं से वंचित

फाजिल्का, 15 जुलाई(प्रदीप कुमार): देश के विभाजन के बाद समय-समय की सरकारों द्वारा विकास के बड़े दावे किए गए, लेकिन आज 71 साल बाद भी पंजाब की हिन्द-पाक सरहद पर सतलुज दरिया के किनारे बसे ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। गांव मौजम के निकट बने दरिया के मौजम फार्वड पर पुल न होने के कारण सरहदी ग्रामीण काफी परेशान हैं। मजबूरी में वह अपनी जान हथेली पर  रखकर किश्ती के जरिए दरिया को पार करते हैं। सरहदी ग्रामीण अमरीक सिंह, मिलखा सिंह, सुरिन्द्र सिंह, बलविन्द्र सिंह, गुरजिन्द्र सिंह, बीरा सिंह व अन्य ने बताया कि किसी भी सरकार ने सरहदी ग्रामीणों को सहारा नहीं दिया। उन्हाेंने कहा कि दरिया पार उनकी सैंकड़ों एकड़ भूमि है। जिस पर ख्ेती करने के लिए सुबह शाम उन्हें खुद व मजदूरों को जाना पड़ता है। कई प्रकार के कृषि औजार भी लेकर जाते हैं। मगर यहां पुल न होन के कारण उन्हें कई किलोमीटर का सफर तय कर अपने खेतों में जाना पड़ता है। जिससे उनके पैसे और समय की बर्बादी होती है। 
किश्ती की रस्सी टूटने का डर : उन्हाेंने कहा कि वह अपनी जान खतरे में डालकर किश्ती के सहारे दरिया को पार कर अपने खेतों में जाते हैं।  किश्ती की रस्सी भी टूटने का डर हमेशा बना रहता है क्योंकि अगर रस्सी टूट गई तो पाकिस्तान निकट होने के कारण वह दरिया में उसे उधर जा सकते हैं। जिस कारण जान का खौफ बना रहता है। उन्हाेंने कहा कि दरिया पार उनकी सैंकड़ों एकड़ भूमि है, जो छोड़ी नहीं जा सकती। इसमें कई गांवों का रकबा है। उन्हाेंने कहा कि पंचायतों के जरिए वह कई बार अपनी मांग सरकार तक पहुंचा चुके हैं, लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं सुनी। दूषित पानी से फैल सकती हैं बीमारियां : उन्हाेंने कहा कि दरिया में अब दूषित पानी आ रहा है। जिस कारण उनकी मुश्किलें और भी बढ़ गई हैं। दरिया में आ रहे दूषित व बदबूदार पानी के कारण पानी खराब हो रहा है। जिसका असर उनकी फसलाें पर पड़ रहा है। इसके अलावा कई तरह की बमारियां फैलने की शंका बनी हुई है। जब वह पानी में उतरते हैं तो जहां जहां शरीर को वह दूषित पानी लगता है, वहां खारिश होने लगती है। कुछ समय पहले इस जगह पर पुल बनाने के लिए सर्वे भी हो चुका है, लेकिन अभी तक वहां कुछ नहीं किया गया। रोजाना ही सैंकड़ों मजदूर अपने वाहनों पर दरिया तक पहुंचते हैं और दरिया किनारे वाहन खड़ा करके सीमा सुरक्षा बल से किश्ती मांगकर दरिया पार करते हैं। क्या कहते हैं फाजिल्का के विधायक : जब इस बारे में फाजिल्का के युवा विधायक दविन्द्र सिंह घुबाया से बात की गई तो उन्हाेंने कहा कि सरहदी ग्रामीणों की यह मांग जायज है और इसके लिए पुल का निर्माण होना था। मगर केन्द्र सरकार द्वारा फंड जारी न किए जाने के कारण काम शुरू नहीं हो सका। जब केन्द्र सरकार फंड जारी करेगी तो यहां पुल का निर्माण करवाया जाएगा।