मोदी से मिलकर पुरस्कार वापस करेंगी हॉकी के सरताज शाहिद की पत्नी


वाराणसी, 17 जुलाई (वार्ता) : अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी एवं पद्मश्री एवं अर्जुन पुरस्कारों से समान्नित मरहूम मोहम्मद शाहिद की पत्नी परवीन ने केंद्र एवं राज्य सरकारों पर वादाखिलाफी करने का आरोप लगाते हुए पति को मिले पुरस्कारों एवं पदकों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर वापस करने का निर्णय लिया है। श्रीमती परवीन ने मंगलवार बताया कि वह 21 जुलाई को दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री से मिलने का प्रयास करेंगी और उनसे मुलाकात हुई तो वह अपने पति को मिले सभी सरकारी पुरस्कार एवं पदक लौटा देंगी। उनका आरोप है कि वर्ष 2016 में 20 जुलाई को उनके पति का लंबी बीमारी के बाद इंतकाल हो गया था। इसके बाद सरकार की ओर से उनके परिवार को सांत्वना देने आए लोगों ने कई वादे किये, लेकिन एक पर भी अमल नहीं हुआ। उनका कहना है कि श्री मोदी के वाराणसी दौरों के दौरान उन्होंने उनसे मिलने के कई प्रयास किये, लेकिन जिला प्रशासन ने इसकी इजाजत नहीं दी। इसी वजह से उन्होंने अब दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री से मिलने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि उनके पति वाराणसी के डीजल इंजन रेल कारखाना में कार्यरत थे। उनकी मृत्यु के बाद सांत्वना देने आये मंत्रियों एवं अधिकारियों ने डीरेका स्टेडियम का नाम शाहिद के नाम पर रखने का वादा किया था, लेकिन डीरेका प्रशासन की ओर से आज तक इस पर कोई पहल नहीं की गई। हां, कुछ दिनों तक उनके नाम का एक बोर्ड स्टेडयम पर जरूर टांगा गया, जिसे बाद में हटा दिया गया।   
उन्होंने बताया कि केंद्रीय खेल एवं युवा मामलों के राज्यमंत्री विजय गोयल एवं प्रदेश के खेल मंत्री रामसकल गुर्जर ने मोहम्मद शाहिद की स्मृति में राष्ट्रीय प्रतियोगिता शुरु करने का आश्वासन दिया था। गौरतलब है कि श्री शाहिद 1980 में मॉस्को ओलंपिक खेलों में स्वर्ण, 1982 एशियाई खेलों में रजत और 1986 एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीत कर देश का नाम रौशन करने वाली भारतीय हॉकी टीम के प्रमुख सदस्य थे। श्री शाहिद को खेल के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए तत्कालीन केंद्र सरकार द्वारा अर्जुन, एवं पद्मश्री पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्हें यशभारती सम्मान एवं पूर्वांचल रत्न सहित अनेक पुरस्कारों से नवाजा था।