इंग्लैंड क्रिकेट दौरा : चल पड़ा विराट का जादू


आयरलैंड के साथ हुई भिड़ंत को अगर बहुत तवज्जो न भी दें तो भी इंगलैंड में मौजूदा भारतीय टीम के पास यह कहने का अभी से हक हो गया है कि वह अंग्रेजों पर भारी पड़ रही है। पहले टी-20 सीरीज जीतना और फिर पहले एक दिवसीय मैच को एकतरफा बना देना भारतीय टीम की ताकत की कहानी खुद-ब-खुद बयान कर रही है। इसे देखकर लगता है कि अफगानिस्तान के साथ एकमात्र टैस्ट मैच में न खेलने का विराट का निर्णय सही था। 
गौरतलब है कि अफगानिस्तान के विरु द्ध उसके ऐतिहासिक पदार्पण टैस्ट में खेलने की बजाय, विराट ने शेष टीम से पहले  इंगलैंड पहुंचकर दौरे की तैयारी हेतु काउंटी क्रिकेट खेलने की योजना बनाई थी। क्योंकि हम सब जानते हैं कि इसी तैयारी के अभाव में भारतीय टीम अपने पिछले इंगलैंड दौरे में बुरी तरह से पिट गई थी। हालांकि विराट की यह योजना बस सोचने तक ही सीमित रही क्योंकि टीम के सी.ओ.ए. विनोद राय के मुताबिक आई.पी.एल. के दौरान विराट की गर्दन में चोट लग गई थी, जिसे देखते हुए डॉक्टर की सलाह थी कि उन्हें इस दौरान आराम करना चाहिए। विराट ने यही किया। जो उनके मुताबिक उनके लिए बहुत लाभदायक साबित हुआ। विराट के खुद के शब्दों में ‘अगर देखा जाए तो यह आराम मेरे लिए सबसे अच्छी वस्तु हुई। हालांकि सच यही है कि मैं वहां जाकर परिस्थितियों से सामंजस्य बिठाना चाहता था, क्योंकि वहां हमने बहुत अधिक मैच नहीं खेले हैं। हम पूरे चार साल बाद इंगलैंड खेलने जा रहे थे। यह काफी लम्बा वक्त होता है। खिलाड़ी, खासकर जो बहुत अनुभवी न हों वे यह भूल जाते है कि जब आखिरी बार हमने यहां खेला था, तब परिस्थितियां कैसी थीं।’ कहने की ज़रूरत नहीं है कि विराट इस योजना से जो कुछ पाना चाहते थे वह किसी हद तक उन्हें आराम से भी मिल गया है। क्योंकि अभी तक खेले गए मैचों में विराट ने हमेशा की तरह न केवल अच्छी बल्लेबाजी की है बल्कि उनकी कप्तानी में भी निखार आया है। एक टी-20 मैच में कुलदीप यादव के बुरी तरह से पिट जाने के बावजूद उन्होंने पहले एक दिवसीय मैच में कुलदीप पर भरोसा किया और कुलदीप ने मैच को एकतरफा बनाने में रोहित शर्मा के साथ बराबर की भूमिका निभाई। अभी तक के परफार्मेंस के हिसाब से देखें तो भारतीय टीम ने न केवल इंगलैंड में बहुत संतोषजनक अंदाज में टी-20 सीरीज जीती है बल्कि बेहद असरदार ढंग से एकदिवसीय श्रृंखला की शुरु आत की  है। अब जीत के जज्बे से भरी भारतीय टीम को हराना बहुत ही मुश्किल होगा। 
कप्तान विराट कोहली की बॉडी लैंग्वेज भी ऐसा ही कुछ कहने लगी है। जब प्रैस कांफ्रैंस में उनसे किसी पत्रकार ने चार साल पहले की बात छेड़ने की कोशिश की तो उन्होंने कहा, ‘इंगलैंड के पिछले दौरे को अब हम भूल चुके है यह 2014 नहीं 2018 है। हमारी टीम मौजूदा दौरे का लुत्फ उठा रही है। आप सब जानते हैं कि जब मैं और मेरी टीम अपने रंग में होते हैं तो हम बहुत अच्छा खेलते हैं, इस बार हम अपने रंग में हैं। हमें यह मत बताइए कि हमें आगे कैसी चुनौती मिलेगी।’ ये शब्द और अंदाज बता रहे हैं कि विराट और भारतीय टीम किस तरह के आत्म-विश्वास से लबरेज है। उल्लेखनीय है कि जब 2014 में भारतीय टीम का इंगलैंड दौरा हुआ था तब कोहली एक अर्द्धशतक भी नहीं बना सके थे। हालांकि यह भी सही है कि इसी इंगलैंड में 2016-17 में सम्पन्न चैम्पियन ट्राफी में उनका प्रदर्शन शानदार रहा था। विराट कोहली का मौजूदा इंगलैंड दौरे में न केवल बल्लेबाजी में आत्मविश्वास चमक रहा है बल्कि उनकी कप्तानी की झोली में भी रिकार्डों की बारिश हो रही है। 
कोहली के नेतृत्व में टीम इंडिया ने सभी द्विपक्षीय वन-डे सीरीज अभी तक जीती हैं। इनमें दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका में मिली कामयाबी भी शामिल है। हालांकि उनकी कप्तानी में टीम इंडिया को आई.सी.सी. चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में शिकस्त जरूर झेलनी पड़ी थी। विराट कोहली की अगुवाई में टीम ने लगातार छह टी-20 सीरीज भी अपने नाम की हैं। विराट को अपने खिलाड़ियों की परख है तभी तो वह एक मैच में पिटे कुलदीप को उतार देते हैं और वह 6 विकेट ले लेते हैं। इन सब बातों को देखते हुए कहा जा सकता है कि मौजूदा इंगलैंड दौरे में विराट का जादू चल गया है अगर कोई अनहोनी नहीं होती तो इस बार भारतीय टीम इंगलैंड से तीनों फोर्मेट में अपना झंडा गाड़कर आएगी।