भीड़तंत्र से निपटना राज्यों की ज़िम्मेदारी : राजनाथ

नई दिल्ली, 19 जुलाई (एजेंसी, उपमा डागा पारथ) : केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि देश में भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या करने के मामले दुर्भाग्यपूर्ण हैं और केंद्र ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए प्रभावी कार्रवाई कर रहा है तथा इस पर रोकथाम के लिए सोशल मीडिया सेवा प्रदाताओं से भी फर्जी समाचार पर रोक लगाने की व्यवस्था करने को कहा गया है। लोकसभा में आज शून्यकाल के दौरान कांग्रेस के के. सी. वेणुगोपाल ने भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या करने के बढ़ते मामलों और असहमति के स्वर को दबाने का विषय उठाया और सरकार से जुड़े लोगों पर ऐसी घटनाओं का समर्थन करने का आरोप लगाया। इस पर राजनाथ सिंह ने कहा कि यह सच्चाई है कि कई प्रदेशों में मॉब लिंचिंग की घटनाएं घटी हैं। इसमें कई लोगों की जानें भी गई हैं। लेकिन ऐसी बात नहीं है कि इस तरह की घटनाएं विगत कुछ वर्षों में ही हुई हैं। पहले भी ऐसी घटनाएं हुई हैं। लेकिन ऐसी घटनाएं चिंता का विषय हैं।  उन्होंने कहा कि मॉब लिंचिंग में लोग मारे गए हैं, हत्या हुई और लोग घायल हुए हैं, जो किसी भी सरकार के लिए सही नहीं है। ‘हम ऐसी घटनाओं की पूरी तरह से निंदा करते हैं।’ गृहमंत्री ने कहा कि ऐसी घटनाएं अफवाह फैलने, फेक न्यूज और अपुष्ट खबरों के फैलने के कारण घटती हैं। ऐसे में राज्य सरकारों की ज़िम्मेदारी है कि वे प्रभावी कार्रवाई करें क्योंकि कानून और व्यवस्था राज्यों का विषय है। सिंह ने कहा कि ऐसे मामलों में केंद्र सरकार भी चुप नहीं है, परन्तु मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने उनके बयान पर असंतोष प्रकट करते हुए सदन से वाक्आउट कर दिया।पर्चे फेंकने, मंत्री की टिप्पणी पर लोकसभा में शोर-शराबा : लोकसभा में आज बिहार के मधेपुरा से सांसद राजीव रंजन उर्फ पप्पू यादव द्वारा सत्ता पक्ष की तरफ पर्चा फेंकने और खेल मंत्री राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ की एक टिप्पणी को लेकर हंगामा हुआ। सुबह प्रश्नकाल की कार्यवाही शुरू होते ही श्री यादव बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग करते हुए अध्यक्ष के आसन के सामने आ गए। सफेद कपड़े पर लाल अक्षरों में लिखी अपनी मांग वाला चोंगा पहने श्री यादव ने कुछ पर्चे सत्ता पक्ष की तरफ फेंकने शुरू कर दिए। वह लगातार पर्चे फेंकते रहे। पर्चे कई केंद्रीय मंत्रियों के सिर पर गिर रहे थे। सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने उनके पास जाकर उनसे ऐसा नहीं करने का अनुरोध किया। इसी बीच अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने उन्हें कड़ी चेतावनी दी और कहा कि यदि वह नहीं माने तो उन्हें सदन से बाहर कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा ‘हरेक सदस्य में इस तरह का व्यवहार बढ़ता जा रहा है। चुनकर आते हैं इसलिए कम से कम ज़िम्मेदारी समझनी चाहिए।’ 
अध्यक्ष की कड़ी चेतावनी सुनते ही श्री यादव अपनी सीट पर चले गए लेकिन इसी दौरान उनकी लघु एवं मध्यम उद्योग राज्य मंत्री गिरिराज सिंह से भी तीखी नोकझोंक हो गई। सदन में खेल मंत्री राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ की टिप्पणी पर भी हंगामा हुआ। कांग्रेस के गौरव गोगोई ने कहा कि मंत्री से उन्होंने जो सवाल पूछे हैं उनमें से सभी का जवाब नहीं मिला है। उन्होंने किसी विशेष टिप्पणी पर भी केंद्रीय मंत्री से जवाब चाहा जिस पर श्री राठौड़ ने कहा ‘मेरे पास बहुत काम हैं। मैं हर बात पर हर आदमी को जवाब नहीं दे सकता।’ मंत्री की इस टिप्पणी पर सदन में काफी देर तक हंगामा होता रहा। बाद में पप्पू यादव ने लोकसभा अध्यक्ष से माफी मांग ली।