प्रदेश के मैरीटोरियस स्कूलों में 792 सीटें अभी  भी खाली

संगरूर, 29 जुलाई (धीरज पशौरिया) : पंजाब के 10 मैरीटोरियस स्कूलों में दाखिले के लिए आयोजित की जाती दाखिला परीक्षा के लिए दसवीं की परीक्षा में प्राप्त अंकों में दी भारी छूट के बावजूद पंजाब के मैरीटोरियस स्कूलों में अभी भी 792 सीटें खाली पड़ी हैं। पंजाब के इन स्कूलों में दाखिले के लिए पहले दसवीं में 80 प्रतिशत अंक प्राप्त करने जरूरी होते थे इस शर्त से हर वर्ष बड़ी संख्या में सीटें खाली रह जाती हैं। इसलिए इस बार दसवीं कक्षा में प्राप्त अंकों की शर्त को नरम कर जनरल श्रेणी के लिए 80 प्रतिशत से घटा कर 55 प्रतिशत तथा रिजर्व श्रेणी के लिए 50 प्रतिशत कर दिया गया। दाखिला परीक्षा हर विषय में 33 प्रतिशत तथा कुल 50 प्रतिशत अंक जरूरी हैं परंतु फिर भी 792 सीटें खाली रह गई हैं। इन सीटों को भरने के लिए अब दूसरी बार फिर जिला हैडचटरों पर 23 तथा 24 जुलाई को काऊंसलिंग होगी। अब दाखिला परीक्षा में प्राप्त अंकों की 50 प्रतिशत की शर्त को भी घटा कर 45 प्रतिशत कर दिया गया है ताकि जो सीटें भरी जा सकें। इन 792 खाली सीटों में 449 लड़कों तथा 343 लड़कियों की सीटें खाली हैं। सबसे अधिक सीटें जिला गुरदासपुर के मैरीटोरियस स्कूल में हैं जहां 500 में से 246 सीटें अभी भी खाली पड़ी हैं।  अमृतसर में 183, संगरूर में 123, फिरोजपुर में 101, मोहाली में 48, तलवाड़ा में 44, पटियाला में 22, जालंधर में 12, बठिंडा में 8 तथा लुधियाना में पांच सीटें खाली पड़ी हैं। शिक्षा विकास मंच पंजाब के जगजीत नोहरा का इस संबंधी कहना है कि मैरीटोरियस स्कूल छात्रों को दिखाए सपनों को साकार करने में पूरी तरह असफल रहे हैं। इन स्कूलों में पिछले समय से डैंपूटेशन वाले अध्यापकों से ही काम चलाया जा रहा है जब तक इनमें पक्की भर्ती कर शिक्षा की चलिटी पर जोर नहीं दिया जाता तब तक इन स्कूलों में सीटें खाली ही रहेंगी।