अमरनाथ यात्रा में भंडारे वालों की सेवा भावना

सदा शिव अमरनाथ बर्र्फानी महादेव की यात्रा बड़ी पुण्यप्रद, भक्ति एवं मुक्तिदायिनी मानी जाती है। इसी विश्वास, आस्था और श्रद्धा से लाखों लोग भारत के विभिन्न-विभिन्न  कोने से अमरनाथ गुफा में बने शिवलिंग के दर्शनों और पूजा के लिए आते हैं। मैं भी इस अलौकिक, पुरातन व मनोरम विरासत से भरपूर अमरनाथ गुफा के दर्शनों की इच्छा मन में समाए कुराली से अपने कुछ साथी श्री प्रदीप शर्मा जी, श्री वेद प्रकाश जी, संजय कुमार, शुभम कुमार, राजन शर्मा सहित कुल 11 भक्तों के जत्थे सहित गया। सुबह पांच बजे हम स्वामी शिव स्वरूप आत्मा नदी पार कुराली वालों के दर्शन कर और आशीर्वाद लेकर अमरनाथ यात्रा के लिए रवाना हुए। पठानकोट पार करते हमें भोलेनाथ के भक्त और उनमें भक्ति व श्रद्धा के रंग देखने को मिले। रास्ते में बम-बम भोले, जय बाबा अमरनाथ बर्फानी महादेव के जयकारे जगह-जगह पर सुनने को मिल रहे थे। सड़क के दोनों और सेवा संस्थाओं ने लंगर लगा रखे थे। सड़क आगे खड़े स्वयंसेवक हाथ जोड़-जोड़ कर लंगर ग्रहण करने का अनुरोध कर रहे थे। लंगर वालों की इतनी विनम्रता, श्रद्धा, आस्था, त्याग, परोपकार, सहनशीलता और प्रेम की भावना के आगे प्रत्येक भक्त के कदम स्वयमेव रुक जाते। जम्मू, ऊधमपुर, कूद, पत्नीटाप होते हुये रात्रि हम बटोत पहुंचे। वहां हमने रात्रि खाना जय बाबा बर्र्फानी सेवा मंडल सिरसा वालों के लंगर में खाया। भक्तों के प्रति उनका अथाह प्यार प्रत्येक श्रद्धालु का मन मोह लेता था। यह लंगर केवल भोजन तक ही नहीं बल्कि यात्रियों की प्रत्येक सुविधा का ध्यान रखते थे। लंगर में परोसे जाने वाले पदार्थों को देखकर भक्तों के मुंह में परोसे जाने वाले पदार्थों को देखकर भक्तों के मुंह में पानी भर आता था। अगले दिन हम बटोत से चलकर रामबण, बनिहाल, अनंतनाग, श्रीनगर होते हुए सायं 7 बजे बालटाल पहुंचे। बटोत से लेकर बालटाल तक सोनीपत, फि रोजपुर, अमृतसर, राजपुर, बुढ़लाडा,मानसा, दिल्ली और अन्य बहुत सी समाज सेवी संस्थाओं की ओर से विशाल भंडारे 
लगे हुये थे।

 —कपिल मोहन अग्रवाल
सिंगला सिल्क स्टोर, 
सब्जी मंड़ी कुराली (मोहाली) पंजाब
मो. 94655-96231