काले चने को खुले बाज़ार में बेचने की चर्चा से ही 300 रुपए की मंदी

जालन्धर, 27 जुलाई (शिव शर्मा): केन्द्र द्वारा काले चने को खुले बाज़ार में बेचने की चर्चा से ही इसके भाव में 300 रुपए की मंदी आई है जिससे बाज़ार में हलचल पाई जा रही है। थोक बाज़ार में 5550 रुपए क्विंटल काले चने का भाव पहुंच गया था और वैसे भी इस समय काले चने के स्टाक की कोई कमी नहीं आई है। काले चने के बाज़ार में जब यह चर्चा शुरू हुई कि केन्द्र द्वारा नैफेड के ज़रिये काले चने को खुले बाज़ार में बेचा जाना है तो इसके भाव गिर गए जबकि सूत्रों की मानें तो यदि केन्द्र ने काले चने को खुले बाज़ार में बेचने का काम शुरू करवा दिया तो इसके भाव में 300 से लेकर 400 रुपए क्विंटल तक और कमी आने की पूरी सम्भावना है। थोक बाज़ार में चाहे चने की दाल 5350 रुपए क्विंटल है परंतु परचून में आम लोगों को सस्ती दालाें का भाव का फायदा नहीं मिलता है। परचून बाज़ार में काले चने की दाल 75 से 80 रुपए प्रति किलो बिकती है। सरकार द्वारा तो सस्ती दालें इसलिए भी करवाई जाती हैं कि इसका लाभ आम लोगों तक मिले परंतु कई जगह तो पहले ही परचून में दालों के भाव वसूल किए जाते हैं। वैसे इस समय तो सफेद चने के भाव में रिकार्ड तोड़ मंदी आई है। 70 रुपए प्रति किलो बिकने वाले सफेद चने का भाव अब 62 रुपए किलो रह गया है। एक जानकारी के अनुसार काले व सफेद चने व अन्य दालों के भाव में तो मंदी चल रही है परंतु यदि ट्रक आप्रेटरों की हड़ताल और लम्बी हुई तो इसका असर दालों के भाव पर ज़रूर पड़ने की सम्भावना है क्योंकि कई जगह पर ट्रक आप्रेटरों ने दूध सहित अन्य खाद्य वस्तुओं के ट्रकों की सप्लाई भी बंद करने का संकेत दिया है। दो वर्ष पहले कई दालों के भाव ने रिकार्ड तोड़ दिए थे तो उसके बाद केन्द्र ने हमेशा ही दालों के भाव पर लगातार नज़र रखी है और अब बेमतलब की दालों के बाज़ार में तेज़ी न आने का एक कारण यह भी है कि जी.एस.टी. के लागू होने व आनलाइन रिकार्ड हो गया है। अब लोगों की नज़र ट्रक आप्रेटरों की चल रही हड़ताल पर है।