आश्चर्यजनक ज्यूरेसिक समुद्र तट : यादगार सौंदर्य

आइस ऐज में इस आश्चर्यजनक कोव की रचना हुई जब हज़ारों मील तक पिघलती बर्फ के जल ने समुद्र और निकट नदी, दोनों के जलस्तर को भयंकर रूप प्रदान किया और ‘जल शक्ति’ से यह होर्स शू (घोड़े की नाल) के आकार का ललवर्थ कोव प्रकट हुआ। दूसरी ओर शताब्दियों तक समुद्र तट के समानांतर चलती पोर्टलैंड लाइम स्टोन की पहाड़ी शृंखला भी धीरे-धीरे कटाव से नष्ट होकर समाप्त हो गई और ललवर्थ कोव समुद्र का भाग बन गया। सदियों से यहां का प्राकृतिक दृश्य निरंतर परिवर्तित होता रहता है तभी यह क्षेत्र अद्वितीय भू-विज्ञान के अध्ययन का विषय बना हुआ है। पहाड़ी के नीचे जाते हुए हमारे समक्ष मीलों तक विस्तृत शांत जल का मनोरम दृश्य था जिस पर अनेक आकारों की नावें दिख रही थीं। पृष्ठभूमि में रुद्र समुद्र लहरें कोव में प्रवेश करते ही शांत हो जातीं जिसने हमें अपने फिजिक्स (भौतिक विज्ञान) क्लास की याद करवाई। कोव में लहरें गोलाकार दिख रही थीं जो रिफ्रेक्शन (अपवर्तन) के कारण था-कोव के भीतर आने पर समुद्र की लहरें अपनी शक्ति खो देती हैं। यही कारण है कि ललवर्थ कोव का शांत जल नावों के लिए, मछली पकड़ने के लिए, रोक पुलिंग (बीच या समुद्र तट पर समुद्री जीव-जन्तु ढूंढने का खेल) एवं अन्य जल खेलों के लिए उपयुक्त है। हज़ारों पर्यटक नीचे पहुंच कर पेबल बीच (गोल छोटे पत्थरों का समुद्र तट) पर सुस्ता कर कैफे की खोज में निकले परन्तु चाय-कॉफी पीने के लिए नहीं, आइसक्रीम का आनंद लेने के लिए। कैफे के स्टाफ से बातचीत करते हुए हमें पता चला कि ललवर्थ कोव में प्रतिवर्ष 5,00,000 पर्यटक तक आते हैं। बाहर देखते हुए हमने उससे पूछा कि बड़ी संख्या में सैर करने वाले एक ही दिशा में क्यों जा रहे हैं तो उसने आश्चर्यजनक बात बताई कि वहां एक मार्ग है जो ललवर्थ कोव को दर्दल डोर पर्यटन स्थल से जोड़ता है जो इतना लोकप्रिय है कि उस पर 20000 वॉकर प्रति वर्ष चलते हैं। स्टाफ महिला ने हमसे कहा कि बाहर भ्रमण के समय हमें ललवर्थ स्किपर तितली को भी खोजने का प्रयत्न करना चाहिए जो इंग्लैंड के ज्यूरैसिक कोस्टलाइन की विशेष तितली जाति की है।ललवर्थ कोव की प्राकृतिक सुंदरता में घूमते हुए ध्यान आया कि यहां लोकप्रिय अंग्रेजी डोक्यूमेन्टरी-‘सेवन नैचुरल वन्डरस’ एवं ‘वोकिंग थ्रू हिस्टरी’ की शूटिंग की गई थी। प्रसिद्ध धारावाहिक ‘डाक्टर हूं’ की भी यहां शूटिंग हुई थी। प्रख्यात अंग्रेजी लेखक थामस हार्डी भी यहां ललवर्थ एस्टेट में रहते थे और उसके स्थलों को अपने नावल में नाम बदल कर प्रयोग किया करते थे। उन्होंने ललवर्थ कोव, ए सेन्चुरी बैक जनप्रिय काव्य की भी रचना की थी। वापिस लौटते हुए मुझे इंग्लैंड के अविस्मरणीय ज्यूरैसिक कोस्ट की यात्रा से जुड़े अनेक तथ्य ध्यान में आते रहे-कैसे युगों पूर्व समुद्र और दलदल से घिरे घने वन में डायनोसोरस के रहते हुए यह स्थल युगों बाद ऐसा अति सुंदर एवं शांत रूप में परिवर्तित हुआ जो खोज यात्रियों, अध्ययनकर्त्ताओं एवं पर्यटकों के लिए उत्तम है।