टैस्ट में सफल शुरुआत की परीक्षा देगी टीम इंडिया


बर्मिंघम, 31 जुलाई (वार्ता) : विराट कोहली की कप्तानी वाली भारतीय क्रिकेट टीम इंग्लैंड में 11 वर्ष के लंबे अंतराल के बाद टेस्ट सीरीज़ जीतकर अपनी श्रेष्ठता साबित करने के लक्ष्य के साथ खेल रही है जिसके लिये उसकी परीक्षा पांच मैचों की सीरीज़ में बुधवार से शुरू हो रहे पहले मैच से होगी। 
भारत और इंग्लैंड एजबस्टन में पहले क्रिकेट टेस्ट के लिये आमने सामने होंगी। मेहमान टीम इस बार पिछले खराब रिकार्ड को पीछे छोड़ना चाहती है तो इंग्लैंड भी अपने घरेलू मैदान पर विजयी लय को बरकरार रखने के साथ 2016-17 में भारतीय जमीन पर पांच मैचों की सीरीज़ में 4-0 से मिली हार का बदला चुकता करना चाहेगी। भारतीय टीम ने इंग्लैंड में आखिरी बार 2007 में इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज़ जीती थी जबकि महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में उसे 2011 में 0-4 से और 2014 में 1-3 से सीरीज़ में शिकस्त मिली है। आखिरी बार इंग्लैंड की जमीन पर आये विराट जहां बतौर बल्लेबाज़ बुरी तरह फ्लॉप रहे थे तो चार वर्ष बाद वह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी बन गये हैं और इस बार उनपर अच्छे प्रदर्शन के साथ साथ अपनी कप्तानी में एक दशक से लंबे अर्से बाद इंग्लिश जमीन पर टेस्ट सीरीज़ जितवाने का भी भार है।
विराट के लिये हालांकि बतौर कप्तान चुनौतियां अधिक दिखाई दे रही हैं। इंग्लैंड की गर्म परिस्थितियों में जहां टीम प्रबंधन अपने गेंदबाज़ों खासकर स्पिनरों रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा और सीमित ओवर में प्रभावित कर टेस्ट टीम में जगह पाने वाले चाइनामैन गेंदबाज़ कुलदीप यादव पर अधिक भरोसा कर रही है तो उसका बल्लेबाजी संयोजन परेशान करने वाला है जबकि कई नियमित खिलाड़यिं की चोटें और कुछेक की खराब फार्म उसके लिये चिंताजनक बनी हुई है। भारतीय टीम ने इंग्लैंड आने से पूर्व लाल गेंद से अधिक अभ्यास नहीं किया है। वहीं टेस्ट सीरीज़ से पूर्व उसका एकमात्र अभ्यास मैच भी गर्म मौसम के कारण एक दिन कम कर दिया गया। हालांकि ड्रॉ रहे इस मैच में उसके शीर्ष क्रम के बल्लेबाज़ों की खराब फार्म के संकेत ज़रूर मिले हैं जबकि वर्ष 2014 की सीरीज़ में भी भारत के ओपनिंग क्रम के निराशाजनक प्रदर्शन से मेहमान टीम ने 1-2 से सीरीज़ गंवायी थी। भारत ने मुरली विजय और शिखर धवन को लगातार आजमाया है लेकिन दोनों बल्लेबाज़ घरेलू पिचों पर तो बेहतर प्रदर्शन करते हैं लेकिन विदेशी जमीन पर उनका तालमेल जैसे नदारद हो जाता है। अभ्यास मैच में भी शिखर दोनों बार शून्य पर आउट हुये थे। उपकप्तान अजिंक्या रहाणे ने भी अभ्यास मैच में खास रन नहीं बनाये जबकि लोकेश राहुल के क्रम को लेकर स्थिरता ही नहीं है। दक्षिण अफ्रीका में हुई टेस्ट सीरीज़ में भी भारत की ओपनिंग जोड़ी का प्रदर्शन निराशाजनक रहा था। ऐसे में विराट पर रनों के लिये निर्भरता काफी बढ़ गई है। विराट आईपीएल के बाद से लाल गेंद से नहीं खेले हैं और चोट के कारण अफगानिस्तान के खिलाफ एकमात्र मैच में नहीं उतरे और न ही इंग्लैंड में काउंटी क्रिकेट खेला। लेकिन अपने यो-यो टेस्ट को पास कर उन्होंने फिटनेस चिंताओं को पीछे छोड़ा है। अभ्यास में उन्होंने पांचवें नंबर पर खेलते हुये 68 रन बनाये थे। हालांकि विराट का 2014 की सीरीज़ में सर्वाधिक स्कोर ही 39 रन रहा था। उन्होंने उस सीरीज में 1, 8, 25, 0, 39, 28, 0, 7, 6, 20 के स्कोर बनाये थे। वह पांच टेस्ट में सिर्फ 134 रन ही बना पाए थे और उन्होंने इसे करियर की सबसे खराब सीरीज बताया था। विराट ने मौजूदा आयरलैंड और इंग्लैंड दौरे में सीमित ओवर में खराब शुरूआत से उबरते हुये 0, 9, नाबाद 20, 47, 43, 75, 45, 71 और 68 रन बनाये हैं और अच्छी फॉर्म में नजर आ रहे हैं।
कप्तान और स्टार बल्लेबाज़ विराट पर हालांकि अति निर्भरता चिंता का विषय है। लेकिन विशेषज्ञ बल्लेबाज़ चेतेश्वर पुजारा, रहाणे से अच्छे स्कोर की उम्मीद की जा सकती है तो निचले मध्य क्रम पर उसे ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या से मदद मिल सकती है। वैसे निचले क्रम पर ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन भी अच्छे स्कोरर रहे हैं। अभ्यास के दौरान अश्विन को हाथ में हल्की चोट लगी थी जिसके बाद उनकी फार्म को लेकर भी चिंता है।
बल्लेबाज़ी में जहां कोच शास्त्री और कप्तान विराट को कुछ चिंता है तो उसे गेंदबाज़ी में अपने खिलाड़यिं पर काफी भरोसा है। शास्त्री कह चुके हैं कि टीम के पास मैच में 20 विकेट निकालने वाले खिलाड़ी हैं। लेकिन जहां अनुभवी जोड़ी अश्विन और जडेजा जैसे स्पिनर टीम में हैं, लेकिन हल्ला 23 वर्षीय कुलदीप को लेकर है। कुलदीप ने इंग्लैंड के खिलाफ एक ट््वंटी 20 मैच में 5 विकेट और पहले वनडे में 6 विकेट लेकर इंग्लिश बल्लेबाजों को दहशत में डाल दिया है। महान बल्लेबाज़ सचिन तेंदुलकर तक कुलदीप को लेकर अभिभूत हैं तो सीमित ओवर से लगभग बाहर हो गये अश्विन, जडेजा को इस बार खुद की काबिलियत भी साबित करनी होगी। अश्विन ने अफगानिस्तान के खिलाफ जून में खेले गये एकमात्र टेस्ट में कुल पांच विकेट और लेफ्ट आर्म स्पिनर जडेजा ने छह विकेट हासिल किये हैं।